अरविंद केजरीवाल का अयोध्या में ऐलान : यूपी में ‘आपÓ की सरकार बनी तो फ्री में करवाएंगे अयोध्या दर्शन

  • कल दिल्ली में मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना में शामिल करेंगे अयोध्या, दिल्लीवासी मुफ्त में कर सकेंगे यात्रा
  • विधान सभा चुनाव से पहले केजरीवाल ने की घोषणा, रामलला और हनुमानगढ़ी का किया दर्शन-पूजन

4पीएम न्यूज नेटवर्क. अयोध्या। यूपी विधान सभा चुनाव में किस्मत आजमाने जा रही आम आदमी पार्टी को मजबूत करने के लिए अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कमान संभाल ली है। आज अयोध्या में हनुमानगढ़ी और रामलला के दर्शन करने के बाद उन्होंने ऐलान किया कि अगर में यूपी में आम आदमी पार्टी की सरकार बनती है तो यूपीवासियों को अयोध्या में फ्री दर्शन करवाएंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना चल रही है। इसके तहत वैष्णो देवी, शिरडी, पुरी, हरिद्वार समेत कई तीर्थस्थलों की यात्रा करवाई जाती है। कल दिल्ली में कैबिनेट की स्पेशल मीटिंग रखी गई है। इस योजना में हमारी सरकार अब अयोध्या को भी शामिल करेगी। इससे दिल्लीवासियों को फ्री में अयोध्या में दर्शन करने का मौका मिलेगा। वे अयोध्या में राम जन्मभूमि आकर यहां के दर्शन भी कर पाएंगे। केजरीवाल ने रामलला के दर्शन के बाद कहा कि आज प्रभु श्रीराम से दो चीजें मांगी है। देश में सुख-शांति और विकास हो दूसरा मैं ज्यादा से ज्यादा लोगों को अयोध्या में प्रभु श्रीराम के दर्शन करवा सकूं। उन्होंने कहा कि मैं भगवान श्रीराम से प्रार्थना करता हूं कि देशवासी खुश रहें, कोरोना खत्म हो और खूब विकास हो। उन्होंने कहा कि भारत को अब तक दुनिया का सबसे अग्रणी देश हो जाना चाहिए था। मैंने भारत को दुनिया का नंबर वन देश बनाने के लिए भी भगवान राम से प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि 130 करोड़ भारतवासी मिल कर इस सपने को पूरा कर सकते हैं।

क्या है मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना

मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के तहत केजरीवाल सरकार दिल्लीवासियों को फ्री तीर्थ यात्रा करवाती है। इसमें वैष्णोदेवी, शिरडी, विष्णु जी, रामेश्वरम, हरिद्वार व ऋ षिकेश समेत कई तीर्थ स्थल शामिल हैं। अब इसमें अयोध्या को भी शामिल किया जाएगा। इस योजना में लोगों का आना-जाना, होटल में रुकना और खाना पीना सब कुछ सरकार देती है।

लखीमपुर कांड पर यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, पूछा- चार-पांच हजार की भीड़ में सिर्फ 23 चश्मदीद क्यों

  • और चश्मदीदों की तलाश करने के निर्देश, गवाहों को मुहैया कराएं सुरक्षा
  • मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराएं बयान, आठ नवंबर को होगी अगली सुनवाई

4पीएम न्यूज नेटवर्क. नई दिल्ली। लखीमपुर हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर यूपी सरकार को फटकार लगायी है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केवल 23 गवाहों की जानकारी दिए जाने पर हैरानी जताई और अन्य चश्मदीदों की तलाश करने का निर्देश दिया। चीफ जस्टिस एनवी रमन की अगुवाई वाली बेंच ने यूपी सरकार के वकील से पूछा कि चार से पांच हजार लोग मौके पर थे और सिर्फ 23 चश्मदीद मिले। मामले की अगली सुनवाई आठ नवंबर को होगी। सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने स्टेटस रिपोर्ट सौंपते हुए सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 68 गवाहों में से 30 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं और 23 लोगों ने घटना के चश्मदीद होने का दावा किया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रैली में चार-पांच हजार लोग थे और सिर्फ 23 चश्मदीद गवाह बने? साल्वे ने कहा कि हमने गवाही के लिए विज्ञापन जारी किया है। वीडियो सबूत भी हैं। जांच जारी है। यूपी सरकार सीलबंद लिफाफे में गवाहों के दर्ज बयान दे सकती है। कोर्ट ने कहा कि चश्मदीद गवाहों का बयान मजिस्ट्रेट के सामने रिकॉर्ड किया जाए। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, जब मौके पर चार-पांच हजार के करीब आदमी थे और वह लोकल हैं तो फिर ऐसे लोगों की पहचान मुश्किल नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि लोगों ने कार देखी और उसमें जो लोग थे, उन्हें भी देखा है। कोर्ट ने पुलिस से कहा कि आपके जो भी गवाह हैं, उसके अलावा भी बाकी गवाहों की तलाश करें। चश्मदीद गवाह ज्यादा पुख्ता सबूत होते हैं। गवाहों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करें।

पत्रकार व एक अन्य की मौत पर कोर्ट ने मांगा अपडेट

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से हिंसा के दौरान रमन कश्यप नाम के पत्रकार और श्याम सुंदर नाम के शख्स की मौत की जांच पर अपडेट भी मांगा है। कोर्ट ने फोरेंसिक लैब्स से हिंसा के वीडियोज से जुड़ी रिपोर्ट्स जल्द सबमिट करने को कहा है।

क्या था मामला

केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा इस पूरे मामले के मुख्य आरोपी है। उसे लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में किसानों का विरोध करने पर कथित तौर पर अपनी कार किसानों पर चढ़ाने और इसके बाद भड़की हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। लखीमपुर खीरी में एक एसयूवी ने चार किसानों को कुचल दिया था। इस हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हुई थी।  

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