केरल के इस विश्वविद्यालय में मचा घमासान

नई दिल्ली। केरल यूं तो वामपंथ का गढ़ रहा है पिछले कई दशकों से लेकिन अचानक यहां एक विश्वविद्यालय में कुछ ऐसा हुआ जिसने पूरे देश का ध्यान इस ओर खींच लिया हे। दरअसल केरल की कन्नूर यूनिवर्सिटी के पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज में वीडी सावरकर और एमएस गोलवलकर के जिक्र ने हंगामा खड़ा कर दिया है। कांग्रेस के छात्र विंग केरल छात्र संघ ने गुरुवार को इसके विरोध में विश्वविद्यालय में रैली निकाली और सिलेबस की प्रतियां जलाईं। विरोध कर रहे छात्रों ने आरोप लगाया है कि सत्तारूढ़ माकपा सरकार शिक्षा को भगवाकृत करने में मदद कर रही है। इसके साथ ही कुलपति का कहना है कि महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, बाबा साहब अंबेडकर से जुड़ी जानकारियों को भी सिलेबस में शामिल किया गया है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह पूरा विवाद एमए, गवर्नेंस और राजनीति के सिलेबस को लेकर है। इसमें सावरकर के हिंदुत्व- हू इज अ हिंदू और गोलवलकर के बंच आफ थॉटï्स और वी ऑर आर नेशनहुड डिफाइन्ड के कुछ अंश शामिल किए गए हैं। इनके अलावा, दीनदयाल उपाध्याय द्वारा एकात्म मानववाद और बलराज मधोक द्वारा भारतीयकरण: क्या, क्यों और कैसे का उल्लेख भी पाठ्यक्रम में किया गया है।
विरोध कर रहे छात्रों ने आरोप लगाया है कि माकपा नियंत्रित विश्वविद्यालय में संघ परिवार का एजेंडा लागू किया जा रहा है। युवा कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष रिजिल मकुट्टी ने विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि आरएसएस के एजेंट केरल में उच्च शिक्षा को नियंत्रित कर रहे थे। उन्होंने कहा, हम पिनाराई विजयन सरकार में शिक्षा के भगवाकरण के खिलाफ विरोध जारी रखेंगे।
कन्नूर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर गोपीनाथ रविंद्र ने भगवाकरण के आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि हमने गांधीजी, नेहरू, अंबेडकर और टैगोर के कार्यों को शामिल किया है। और सिलेबस में सावरकर और गोलवलकर भी शामिल हैं । छात्रों को इन सभी विचारधाराओं की मूल बातें सीखने और समझनी चाहिए। उन्होंने (सावरकर और गोलवलकर) जो कहा वह मौजूदा भारतीय राजनीति का हिस्सा है । इसे सीखने में क्या गलत है?

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