तुर्की के पाक प्रेम को भारत के विदेश मंत्री ने दिया करारा जवाब

नई दिल्ली। कश्मीर मुद्दे पर तुर्की को एक बार फिर पाकिस्तान की मुहब्बत का राग अलापना भारी पड़ गया। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र में कश्मीर का जिक्र करने वाले तुर्की को कुछ ही देर बाद भारत ने करारा जवाब दिया। साइप्रस के मुद्दे पर भारत के विदेश मंत्री ने ट्वीट कर तुर्की को घेरा। साथ ही उन्होंने उसकी दुखती रग पर हाथ भी रख दिया। भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि साइप्रस के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों का पालन करना सभी के लिए आवश्यक है.. इससे पहले भी तुर्की ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ अपने सुर मिला रखे हैं।
वास्तव में, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साइप्रस के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों का पालन करने की आवश्यकता पर बल दिया। जयशंकर ने बुधवार को क्रिस्टोडौलाइड्स के साथ अपनी मुलाकात के बारे में ट्वीट किया और लिखा- हम आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने पर काम कर रहे हैं.. मैं उनकी क्षेत्रीय अंतर्दृष्टि की सराहना करता हूं। आपको बता दें कि बैठक में तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयप एर्दोगन ने कश्मीर का जिक्र किया था। एर्दोगन ने मंगलवार को आम चर्चा में अपने संबोधन में कहा, हमारा मानना है कि कश्मीर से जुड़ी 74 साल पुरानी समस्या को दोनों पक्षों को बातचीत और संयुक्त राष्ट्र के प्रासंगिक प्रस्तावों के जरिए सुलझाना चाहिए। जिस पर भारतीय विदेश मंत्री ने चंद घंटों में पलटवार करते हुए एक ट्वीट के जरिए जवाब दिया। अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इसे तुर्की के राष्ट्रपति के बयान के प्रति भारत का मुंहतोड़ जवाब बताया जा रहा है।
तुर्की पहले भी कई बार कश्मीर मुद्दे पर भारत पर कटाक्ष करता रहा है। हालांकि उन्हें पहले भी भारत से जवाब मिलते रहे हैं। दरअसल तुर्की चाहता है कि वह सऊदी अरब की तुलना में खुद को मुस्लिम दुनिया में एक नेता के तौर पर पेश कर सके। यह एक कारण है कि तुर्की अक्सर कश्मीर के मुद्दे पर टिप्पणी करता है.. लेकिन संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में इस तरह से कश्मीर के मुद्दे को उठाकर भारत को अपमानित करना.. यह खुद तुर्की को महंगा पड़ा है।

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