दक्षिण भारत के हिस्से पर टिकी आतंकियों की निगाहें, सुरक्षा एजेंसी ने जारी किया एलर्ट

नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबान की अंतरिम सरकार के आने के बाद शरिया कानूनों को लागू करने की मुहिम के बीच भारत में भी आतंकी गतिविधियां तेज हो गई हैं। खासकर आईएसआईएस-के मॉडल दक्षिण भारत में अपने पैर तेजी से पसार रहा है। इन प्रयासों में युवाओं को भरमाने के लिए ऑनलाइन सामग्री के प्रचार-प्रसार में भी तेजी आई है। अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी समेत अन्य खुफिया संस्थाओं ने मोदी सरकार को आगाह करने वाली रिपोर्ट भेजी है। इसके मुताबिक आईएस दक्षिण भारत के जंगलों में प्रशिक्षण शिविर, लांचिंग पैड स्थापित करने के अलावा आत्मघाती जिहादी दस्ते भी तैयार करने की खतरनाक योजना पर काम कर रहा है।
एनआईए की रिपोर्ट में चौंकाने वाली बात यह है कि आईएस-के रिक्रूट ज्यादातर केरल से हैं। इस बात की पुष्टि अफगानिस्तान के हालिया घटनाक्रम से भी होती है, जहां जेल से रिहा किए गए कई खूंखार आतंकियों में कई केरल से थे. यही नहीं, इस बात की भी चर्चा है कि तालिबान के काबुल पर नियंत्रण के दौरान एयरपोर्ट पर हुए आत्मघाती हमले में भी केरल मूल का आईएस आतंकी ही शामिल था। एनआईए से जुड़े सूत्रों की मानें तो अब 37 केसों की जांच की है, जो आतंकी हमलों, टेरर फंडिंग और आतंकी हमलों की साजिश से जुड़े हुए थे। इसके पहले जून में एनआईए ने आतंकी साजिश से जुड़ा एक केस दर्ज किया था।
खुफिया सूत्रों के मुताबिक आईएसआईएस से प्रभावित आतंकियों ने दक्षिण भारत के जंगलों में प्रशिक्षण कैंप बनाने के लिए जमीन तलाश की थी। यही नहीं, देश के अलग-अलग हिस्सों में आईएस प्रेरित आतंकियों की संदिग्ध गतिविधियां देखी गई, लेकिन केरल में सबसे ज्यादा भर्ती की जानकारी एजेंसियों को मिली है. इसके अलावा कश्मीर और बंगाल में चल रही गतिविधियां भी खुफिया संस्थाओं के रडार पर हैं। आईएस से जुड़े अल आजम मीडिया फाउंडेशन ने भी हाल ही में द मोबाइल बम किताब जारी की है। इस किताब से भी आईएस के भारत के दक्षिणी इलाके में खतरनाक मंसूबे सामने आते हैं। इस किताब में विस्फोटक तैयार करने की विस्तृत जानकारी दी गई है. साथ ही जिहाद पर खास जोर दे काफिरों को खत्म करने की बात की गई है. सुरक्षा एजेंसी के मुताबिक अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद आतंकियों के हौसले बुलंद हुए हैं।

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