भारत बंद का असर दिखाई दिया उत्तर भारत की ट्रेनों की रफ्तार पर

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन द्वारा आहूत भारत बंद समाप्त हो गया है। हालांकि, देश में भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला। किसानों के विरोध का असर उत्तर भारत की कई ट्रेनों पर देखने को मिला। इस दौरान नागपुर में जबरन दुकानें बंद कर दी गईं। वहीं, भारतीय किसान संघ के प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने भारत बंद की सफलता का दावा किया है. भारत बंद की सफलता का दावा करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा भारत बंद पूरी तरह सफल रहा. इस दौरान बंद को किसानों का पूरा समर्थन मिला। टिकैत ने कहा कि क्योंकि भारत बंद के दौरान सब कुछ सील नहीं किया जा सकता था, इसलिए लोगों की आवाजाही को बनाए रखना भी आवश्यक था। राकेश टिकैत ने कहा कि हम सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन कोई बातचीत नहीं हो रही है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत बंद के कारण उत्तर भारत की करीब 25 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं. बंद का असर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, अमृतसर, मोगा, कटरा जाने वाली ट्रेनों पर साफ दिखाई दे रहा था. इसका सबसे बड़ा कारण यह था कि पंजाब में किसानों ने आकर रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन किया।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने यहां बताया कि तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघू सीमा पर प्रदर्शन कर रहे एक किसान की सोमवार को दिल का दौरा पडऩे से मौत हो गई. मृतक किसान की पहचान पंजाब के खेला गांव निवासी 55 वर्षीय बघेल राम और कीर्ति किसान यूनियन (केकेयू) के सदस्य के रूप में हुई है। केकेयू के एक अन्य सदस्य रघुवीर सिंह ने कहा कि बघेल राम कुछ समय से ठीक नहीं थे और वह अपने टेंट में आराम कर रहे थे। पुलिस ने बताया कि बघेल की मौत की सूचना मिलते ही वे मौके पर पहुंचे और उसे पास के अस्पताल ले गए जहां किसान को मृत घोषित कर दिया गया. पोस्टमार्टम के बाद पता चला कि किसान की मौत हार्ट अटैक से हुई है। पहले किसान की मौत पर दहशत की खबरें आती थीं, लेकिन पुलिस ने ऐसी सभी खबरों का खंडन किया। कृषि संघों द्वारा राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दिन उनका निधन हो गया।
लगभग 100 किसान संघों, 15 ट्रेड यूनियनों और पूरे भारत के कई राजनीतिक दलों के एक संघ, संयुक्त किसान मोर्चा ने संयुक्त रूप से सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक भारत बंद का आह्वान किया था।

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