महंत नरेन्द्र गिरी के मौत के बाद सामने आया चौकाने वाला विडियो

सुष्मिता मिश्रा 

महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत मामले में हर दिन नई नई बातें सामने आ रही हैं. इसी कड़ी में एक वीडियो सामने आया है जो घटना के ठीक बाद पुलिस के पहुंचने के दौरान का है। सबसे खास बात यह है कि इसमें फर्श पर महंत का शव पड़ा दिखाई दे रहा है और कमरे का पंखा चल रहा है। वीडियो में आईजी केपी सिंह इस बाबत मठ में रहने वाले शिष्यों से पूछताछ करते भी दिख रहे हैं। 

महंत नरेन्द्र गिरी का शव तो और ही कहानी कह रहा हैसोशल मीडिया पर 1.45 मिनट का यह वीडिओ वायरल हो रहा है। जिसमें अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि की मौत के बाद उनके कमरे का पंखा तेजी से चल रहा था। कमरे के गेट पर मौजूद एक युवक से पुलिस ने पूछा भी तुमने पंखे से शव को क्यों उतार दिया। वह कहने लगा मुझे लगा उतार दे मुझे लगा बच जाएंगे। फिलहाल जिस पंखे से महंत गिरि के लटककर फांसी लगाने की बात आ रही उनके शव नीचे पड़े के दौरान वह तेजी से चल रहा है। इसका वीडियों सामने आने के बाद अलग-अलग तरह के सवाल उठ रहे है।

वायरल हो रहे वीडियो के शुरू होते ही महंत नरेंद्र गिरि का शव फर्श पर पड़ा दिख रहा है और बगल में ही महंत के कथित सुसाइड नोट में उत्तराधिकारी बताए गए बलबीर गिरि खड़े दिखाई दे रहे है। वीडियो में आगे एक फोटोग्राफर और एक दरोगा नजर आते हैं। इसके बाद कैमरा कमरे में पड़े बिस्तर और वहां सजाई गईं तस्वीरों व सर्टिफिकेट की वीडियो बनाने वाला धूमा रहा है।

वीडियो के कमरे में लगे पंखे की तरफ किया जाता है, जिसमें पंखा चलता हुआ दिखाई देता है। पंखे की रॉड जिस हुक में फंसी होती है, इसी हुक में पीले रंग की नॉयलॉन की उस रस्सी का एक हिस्सा भी फंसा नजर आता है, जिससे बनाए गए फंदे पर महंत का शव लटका मिला। वीडियो में फर्श पर मृत पड़े महंत के गले में रस्सी का एक टुकड़ा भी फंसा दिखाई देता है। फिर आईजी केपी सिंह कमरे के दरवाजे पर खड़े महंत के शिष्यों से यह पूछताछ करते नजर आते हैं कि पंखा चल रहा था या इसे किसी ने चलाया। इस पर सुमित नाम का शिष्य पहले यह कहता है कि पंखा उसने चलाया। लेकिन जब आईजी उससे इस बारे में पूछते हैं तो वह इसका जवाब न देकर अन्य बातें बताने लगता है।

खड़े हो रहे है ये सवाल

वीडियो देखने के बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि महंत ने जिस रस्सी से फांसी लगाई, उसके तीन हिस्से कैसे हुए। अगर माना जाए कि रस्सी काटकर शव को फंदे से नीचे उतारा गया तो भी यह सवाल अनुत्तरित ही रहता है। क्योंकि इसमें भी रस्सी के दो ही भाग होंगे। जबकि कमरे में रस्सी तीन हिस्सों में बंटी मिली। सबसे पहला हिस्सा चुल्ले में फंसा मिला। दूसरा हिस्सा महंत के गले में फंसा था। जबकि रस्सी का तीसरा हिस्सा कमरे में पड़ी शीशे की मेज पर रखा मिला। यह भी कहा जा रहा है कि शव को फंदे से उतारने के बाद अगर महंत के गले से रस्सी निकालनी थी तो इसे गांठ खोलकर अलग किया जाता। न कि रस्सी को काटकर दो हिस्से कए जाते जिसमें कि एक हिस्सा उनके गले में ही रह जाता।

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