विलेन का खौफ ऐसा था कि उन्हें देखते ही पत्नियां छुपा लेते थे लोग

 सुष्मिता मिश्रा 

प्रेम चोपड़ा 6 भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर आते हैं। लाहौर में जन्मे प्रेम चोपड़ा की फैमिली विभाजन के बाद शिमला, हिमाचल प्रदेश शिफ्ट हो गई थी, जहां वे पले-बढ़े। स्कूलिंग उन्होंने शिमला से ही की। प्रेम चोपड़ा ने पंजाब यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है। इस दौरान वे नाटकों में भाग लेते रहते थे। प्रेम चोपड़ा के पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे, लेकिन वे ग्रेजुएशन करने के बाद मुंबई आ गए और जल्द ही बॉलीवुड में एंट्री ले ली। इसी बीच कैंसर के चलते उनकी मां का निधन हो गया। इस दौरान उनकी बहन अंजू की उम्र महज 9 साल थी। अंजू की जिम्मेदारी अब प्रेम चोपड़ा, उनके अन्य चार भाई और पिता पर थी। प्रेम ने अंजू को अपनी पहली बेटी मान लिया और उनके पालन-पोषण में लग गए। प्रेम चोपड़ा की गिनती बॉलीवुड के उन खूंखार विलेन्स में होती है, जिन्हें ऑडियंस असल विलेन समझने लगी थी। 86 साल के हो चुके प्रेम चोपड़ा ने खुद एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि उन्हें देखते ही लोग अपनी पत्नियों को छुपा लिया करते थे। चोपड़ा ने कहा था, “जी हां, लोग मुझे देखते ही अपनी पत्नियों को छुपा लेते थे। मैं अक्सर उनके पास जाता था और बात करता था तो वे यह देखकर अचंभे में रह जाते थे कि रियल लाइफ में मैं भी उनके जैसा ही इंसान हूं। लोग मुझे असल में खूंखार विलेन समझते थे, लेकिन मैं इसे कॉम्प्लीमेंट की तरह लेता था और सोचता था कि मैं अपना काम अच्छे से कर रहा हूं।”

प्रेम चोपड़ा की शादी राज कपूर की पत्नी कृष्णा की बहन उमा से हुई है। जाने-माने राइटर और डायरेक्टर लेख टंडन प्रेम के पास इस शादी का प्रस्ताव लाए थे। बता दें कि उमा और कृष्णा बॉलीवुड एक्टर राजेंद्र नाथ और प्रेम नाथ की बहने हैं। उमा और प्रेम चोपड़ा की तीन बेटियां हैं। रकिता, पुनीता और प्रेरणा। बड़ी बेटी रकिता ने स्क्रीन राइटर और पब्लिसिटी डिजाइनर राहुल नंदा से शादी की। इसी तरह मंझली बेटी पुनीता की शादी सिंगर और टीवी एक्टर विकास भल्ला से हुई। छोटी बेटी प्रेरणा के पति शरमन जोशी बॉलीवुड हीरो हैं।

प्रेम चोपड़ा ने एक इंटरव्यू में कहा था, “बाकी एक्टर्स की तरह मैं भी शुरुआत में हीरो बनना चाहता था। कुछ पंजाबी फिल्मों में मैंने बतौर हीरो काम भी किया और वे पसंद भी की गईं, लेकिन हिंदी सिनेमा में मैंने जिन फिल्मों हीरो या सेंट्रल कैरेक्टर के तौर पर काम किया, वे फ्लॉप रहीं। अगर आपकी फिल्में फ्लॉप हो रही हैं तो इंडस्ट्री में ज्यादा मौके नहीं मिलते। मुझे निगेटिव रोल ऑफर हुए और मैंने उन्हें स्वीकार किया। दिलचस्प बात यह है कि इन रोल्स का जादू ऑडियंस पर चल निकला। प्रेम चोपड़ा ने अपने करियर में ‘शहीद’ (1965), ‘बॉबी’ (1973), ‘बेताब’ (1983), ‘गुप्त’ (1997) और ‘कोई मिल गया’ (2003) समेत करीब 380 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है।

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