सिखों और किसानों के बीच अखिलेश यादव ने की पैठ बनाने की कोशिश

बरेली। लखीमपुर में हुए उपद्रव के बाद राजनीति गर्माई हुई है। इसी बीच बंडा में सपा के राष्टï्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सभा के जरिए सिखोंं व किसानों में पैठ बनाने की कोशिश की। उन्होंने न सिर्फ जिले बल्कि यहां से सटे पीलीभीत व खीरी के तराई मतदाताओं तक अपना संदेश पहुंचाने की कोशिश की। अखिलेश ने सिख व किसानों पर केंद्रित भाषण में दिल्ली के कृृषि कानून विरोधी आंदोलन, लखीमपुर कांड को कुरेदा। किसान व सिखों को देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताते हुए शाहजहांपुर, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी समेत तराई से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक वोटों की फसल के लिए माहौल बनाने की कोशिश की। अखिलेश ने राजनीतिक दलों विशेषकर सरकार पर निशाना तो साधा, लेकिन उन्होंने वहां का माहौल राजनीतिक नहीं होने दिया। यही कारण था कि मंच पर पार्टी जिलाध्यक्ष तनवीर खां के अलावा किसी अन्य नेता या पदाधिकारी को वहां जगह नहीं दी। परिसर में भी सिख समाज के अधिकांश लोग ही मौजूद थे। पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से हेलीपैड के अलावा सुनासिर मंदिर व गुरुद्वारा परिसर के बाहर मुलाकात की। इससे पहले दोपहर करीब 12 बजे गुरुद्वारा नानकपुरी में उन्होंने दीवान को मत्था टेका, संत बाबा सुखदेव सिंह जी महाराज की समाधि स्थल को नमन किया। रागी जत्था ने सबद कीर्तन के साथ वाद्ययंत्र बजाकर उनका स्वागत किया। अखिलेश यादव ने दिल्ली में आंदोलन के दौरान जिन दो किसानों कश्मीर सिंह व नवरीत सिंह की जान चली गई थी। उन्हें भी श्रद्धांजलि दी। 20 मिनट के संबोधन में वह सिखों व किसानों पर बोले। बोले सो निहाल के घोष के साथ सिख संगत ने भी सपा मुखिया को सुखद अनुभूति कराई। पंजाब का प्रसिद्ध गायक व अभिनेत्री सोनिया मान भी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की सभा में पहुंची। उन्होंने कृषि कानून की वापसी व किसानों को न्याय के लिए अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए सपा के समर्थन का आह्वान किया।

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