सीमा पर जारी हैं ड्रैगन की नापाक हरकत

नई दिल्ली। पिछले साल पूर्वी लद्दाख में हुई हिंसा के बाद भारत और चीन के बीच जारी तनाव पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। यह तब है जब भारत और चीन के बीच एक दर्जन सैन्य और राजनयिक स्तर की बातचीत हो चुकी है। इसका एक कारण ड्रैगन का अडिय़ल रवैया या रुक-रुक कर उकसाना भी है। अब चीन एक बार फिर वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों में अपनी नापाक साजिशों को अंजाम दे रहा है. हाल की खुफिया रिपोर्टों से पता चला है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) पूर्वी लद्दाख के सामने एलएसी के साथ कम से कम 8 स्थानों पर अपने सैनिकों के लिए नए मॉड्यूलर कंटेनर शेल्टर का निर्माण कर रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये नए आर्मी शेल्टर उत्तर में काराकोरम दर्रे से लेकर वहाब ज़िल्गा, पीयू, हॉट स्प्रिंग्स, चांग ला, ताशीगोंग, मांज़ा और चुरुप तक फैले हुए हैं. यह क्षेत्र एलएसी के पास दक्षिण में आता है। घटनाक्रम से परिचित एक सूत्र के अनुसार, प्रत्येक आश्रय में सात समूहों में 80 से 84 कंटेनर बनाए गए हैं। ये नए शेल्टर इस बात का संकेत हैं कि आने वाले समय में भी बीजिंग प्रशासन का फ्रंटलाइन से अपने सैनिकों को वापस लेने का कोई इरादा नहीं है। इससे पहले अप्रैल-मई में सैन्य गतिरोध के बाद चीन ने एलएसी के पास सैनिकों के लिए घर बनाए थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और चीन दोनों ने पूर्वी लद्दाख में हॉवित्जर, टैंक और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों सहित 50 हजार सैनिकों को तैनात किया है। दोनों देश तनाव कम करने की कोशिशों के बीच ऊंचाई वाले दुर्गम इलाकों में अपने सैनिकों की अदला-बदली कर रहे हैं और उन्हें तैनात कर रहे हैं. इसके अलावा भारत और चीन ने एक-दूसरे पर नजर रखने के लिए विमान और ड्रोन तैनात किए हैं। गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी पर कई जगह विवाद है। ड्रैगन अरुणाचल को तिब्बत का हिस्सा होने का दावा करता है, जबकि भारत ने साफ कर दिया है कि कोई भी उसकी एक इंच भी जमीन में घुसपैठ नहीं कर सकता है। पैंगोंग झील, गोगरा हाइट्स और हॉटस्प्रिंग क्षेत्र के किनारे भारत और चीन के बीच विवाद है।

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