39 परिवारों को 2-2 लाख… SIR से पश्चिम बंगाल में कितनी मौतें, BLO कितने प्रभावित?

देशभर के 12 राज्यों में इस समय मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण SIR का काम चल रहा है. इसको लेकर विपक्ष की तरफ से कई बार विरोध भी किया गया. यहां तक की संसद में भी हंगामा देखने को मिल रहा है. SIR के काम में लगे कर्मचारियों की मौत के मामले भी सामने आए हैं. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई की गई थी. कोर्ट ने चुनाव आयोग से इस संबंध में जवाब भी मांगा था. पश्चिम बंगाल को लेकर दावा किया गया कि यहां अब तक 39 लोग SIR के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं.
विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के कथित डर के कारण जान गंवाने वालों को ममता सरकार ने बड़ी राहत दी है. सरकार ने ऐलान किया कि मरने वालों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी.
सरकार देगी 2-2 लाख की मदद
सरकार ने बताया कि एसआइआर के दौरान बीमार पड़ने वाले 13 अन्य लोगों के परिवारों को भी एक-एक लाख रुपये प्रदान किये जायेंगे. इन 13 में तीन बीएलओ भी शामिल हैं, जिन्हें कथित तौर पर अत्यधिक कार्यभार का सामना करना पड़ा. मुख्यमंत्री ने सरकारी आकलन का हवाला देते हुए कहा कि चार नवंबर को एसआइआर की शुरुआत से जनता के एक वर्ग में व्यापक पैमाने पर भय उत्पन्न हुआ है. इसके कारण कई लोगों ने आत्महत्या की है. सीएम ने दावा किया कि अब ऐसे 39 मामले सामने आ चुके हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी जबरदस्ती का निर्देश न दें, जिससे आम लोगों को परेशानी हो. फिर भी, अगर आप ऐसा करते हैं, तो राज्य सरकार यथासंभव आम लोगों की मदद करेगी. हम सिर्फ लोगों, लोकतंत्र और भारतीय संविधान के प्रति जवाबदेह हैं.
SIR का विरोध कर रहीं ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार SIR का विरोध कर रही हैं. ममता बनर्जी ने पिछले दिनों इसके खिलाफ रैली भी निकाली थी. इस दौरान ममता ने कहा था कि क्या BJP शासित राज्यों में SIR कराने का मतलब यह है कि केंद्र मानता है कि वहां घुसपैठिए होते हैं. अगर SIR दो-तीन साल में कराया जाता है, तो हम हर मुमकिन रिसोर्स के साथ इस काम में मदद करेंगे.



