आज तक ने भी कहा 4पीएम की खबर ने बदल दी तस्वीर

4पीएम के संपादक संजय शर्मा की खोजी रिपोर्ट से देशभर में मचा हंगामा

  • आजतक के लोकप्रिय शो वारदात में 4पीएम की रिपोर्ट को बनाया आधार
  • दर्जनों मीडिया संस्थानों ने रिपोर्ट की सराहना की, उड़ा दी पुलिस कहानी की धज्जियां
  • 19 बिंदुओं के आधार पर 4पीएम की रिपोर्ट ने खोली थी पुलिस कहानी की पोल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। विकास दुबे के खिलाफ एफआईआर और मुठभेड़ मामले में पुलिस कहानी की धज्जियां उड़ाती 4पीएम की तथ्यात्मक और खोजी रिपोर्ट ने देशभर में हंगामा मचा दिया है। देश के बड़े अखबारों और टीवी चैनलों ने इसे बड़ी खबर बनाया है। देश में क्राइम की खबरों के सबसे बड़े माने जाने वाले एंकर शम्स ताहिर खान ने आज तक के लोकप्रिय शो वारदात में इसी खबर को आधार बनाया और अपने शो क्राइम तक में भी 4 पीएम की खबर का हवाला देते हुए कहा कि 4पीएम की खोजी रिपोर्ट ने पूरी कहानी बदल दी है। पत्रकारिता की दुनिया में शीर्ष स्थान पर रहने वाले अंजीत अंजुम ने भी अपने शो में 4पीएम की इस खबर की चर्चा की। दर्जनों मीडिया संस्थानों ने इसी खबर के आधार पर पुलिस कहानी की धज्जियां उड़ा दीं।
विकास दुबे कांड को लेकर 4पीएम ने 21 जुलाई के अंक में, तो क्या जय बाजपेयी ने बनाया था विकास दुबे को निपटाने का पूरा प्लान शीर्षक से खोजी रिपोर्ट प्रमुखता से प्रकाशित की थी। इसमें न केवल विकास दुबे के खिलाफ दर्ज एफआईआर व मुठभेड़ की पूरी पुलिसिया कहानी की धज्जियां उड़ा दी गई थीं बल्कि तथ्यपरक और तार्किक ढंग से पूरे मामले का पर्दाफाश किया गया था। 4पीएम के संपादक संजय शर्मा ने अपनी स्पेशल रिपोर्ट में इस मामले पर 19 तथ्य पेश किए थे। इसमें सिलसिलेवार ढंग से बताया गया था कि पूर्व नियोजित प्लान के तहत पुलिसकर्मियों द्वारा एफआईआर दर्ज की गई। एफआईआर दर्ज करने के काफी पहले चौबेपुर थाने समेत दो थानों की पुलिस चौबेपुर पहुंच चुकी थी। यही पूरी रणनीति बनी और आनन-फानन में पुलिस टीमें रवाना की गईं। रिपोर्ट में एफआईआर की टाइमिंग पर भी सवाल उठाया गया है। एफआईआर के हवाले से पूरी कहानी का पर्दाफाश किया गया। रिपोर्ट में कहा गया कि रात 11:52 बजे एफआईआर दर्ज की जाती है और 12:30 पर तीनों थानों चौबेपुर, बिठुर और शिवराजपुर की पुलिस चौबेपुर में इकट्ठी हो जाती है और रणनीति बनाकर रवाना हो जाती है। तीनों थानों के बीच अच्छी खासी दूरी है। ऐसे में महज 38 मिनट में यह संभव नहीं है। नियमानुसार एफआईआर दर्ज होने के बाद भी अतिरिक्त पुलिस की आवश्यकता होती है तो पुलिस को बुलाया जाता है लेकिन एफआईआर 11:52 बजे दर्ज होती है और तीन थानों की पुलिस एफआईआर दर्ज होने से काफी समय पहले थाने में मौजूद रहती है जो यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि एफआईआर दर्ज होने से पहले ही विकास को निपटाने की रणनीति बना ली गई थी। रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि एक और दो जुलाई को विकास दुबे का गुर्गा जय बाजपेयी लखनऊ में अफसरों और राजनेताओं से मिलता है और इसी दौरान विकास दुबे को निपटाने की योजना तैयार हो जाती है। 4पीएम के संपादक संजय शर्मा की इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने के बाद पूरे देश में हडक़ंप मच गया। देश के प्रमुख अखबारों और चैनलों ने इस रिपोर्ट के आधार पर खबरें दिखाई। यही नहीं इन खबरों में उन तमाम बिंदुओं को सिलसिलवार ढंग से उठाया गया जिसे 4पीएम ने अपनी रिपोर्ट में प्रकाशित किया था।

किसी मरीज का नहीं रूकना चाहिए इलाज: सीएम योगी

  • अस्पतालों में रखा जाए दवाओं का अतिरिक्त स्टॉक
  • गंभीर रोगियों के उपचार में प्लाज्मा थेरेपी का करें उपयोग
  • कोरोना संक्रमितों से फीडबैक लें नोडल अफसर

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए प्रदेश सरकार लगातार कोशिश कर रही है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कमान संभाल रखी है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने आज अपने सरकारी आवास पर टीम-11 के साथ कोरोना नियंत्रण की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि कहीं भी मरीज का इलाज नहीं रूकना चाहिए। अधिकारी हर जगह कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग धैर्य तथा सावधानी से करें।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि दवा के अभाव में किसी भी रोगी का इलाज प्रभावित नहीं होना चाहिए। सभी अस्पतालों में दवाओं का अतिरिक्त स्टॉक रखा जाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो सख्त कार्रवाई होगी। कोविड-19 के गंभीर रोगियों के उपचार में प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी कोरोना संक्रमितों के साथ ही स्वस्थ होकर अपने घर गए लोगों से फीडबैक लेंगे। वे रोज कम से कम 20 कोरोना संक्रमितों से बात करेंगे।

एसबीआई मुख्यालय पहुंचा कोरोना, 11 कर्मी संक्रमित

लखनऊ। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है। यह वायरस अब हजरतगंज स्थित भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के मुख्यालय तक पहुंच चुका है। यहां काम करने वाले 11 कर्मचारियों की कोरोना रिपार्ट पॉजिटिव आई है। इसके साथ ही सभी कर्मियों को क्वारंटीन किया गया है। मुख्यालय को 48 घंटे के लिए बंद कर दिया गया है। पूरी बिल्डिंग को सेनेटाइज किया जाएगा।

असहमति को दबाया गया तो खत्म हो जाएगा लोकतंत्र: सुप्रीम कोर्ट

  • राजस्थान के स्पीकर के वकील से पूछे तल्ख सवाल, सोमवार को अगली सुनवाई
  • राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले पर रोक से इंकार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। राजस्थान विधानसभा के स्पीकर द्वारा सचिन पायलट समेत 19 बागी विधायकों को जारी अयोग्यता नोटिस को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पीकर के वकील से तल्ख सवाल पूछते हुए टिप्पणी की कि क्या चुने गए प्रतिनिधि अपनी असहमति नहीं जता सकते? अगर असहमति को दबाया जाएगा तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा। वहीं अदालत ने राजस्थान हाईकोर्ट से कहा है कि वह 24 जुलाई को अपना आदेश पारित करें। सोमवार को अगली सुनवाई होगी।
राजस्थान विधानसभा के स्पीकर ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हाईकोर्ट ने स्पीकर को 24 जुलाई तक अयोग्यता मामले की कार्रवाई करने पर रोक लगा दी थी। इस पर स्पीकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। उनकी ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी कि हाईकोर्ट स्पीकर को निर्देश जारी नहीं कर सकता। इस पर जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि एक आदमी जो चुनाव में निर्वाचित हुआ है क्या उसे असहमति जताने का अधिकार नहीं है? अगर असहमति के आवाज को दबाया जाएगा तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा।

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