कोरोना का खौफ: तीन महीने में लाखों की विटामिन-सी दवा गटक गए लखनऊराइट्स

covid-19

  • बाजार में करीब 5 गुना ज्यादा दवा की बढ़ी मांग
  • सप्लाई कम होने से व्यवसायी परेशान
  • विटामिन-सी की दवा खाकर शहरवासी बढ़ा रहे अपना इम्यून सिस्टम

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। कोरोना का खौफ इस कदर शहरवासियों में बैठ गया है कि बीते तीन महीने में वे लाखों की विटामिन-सी दवा गटक गए हैं। अपना इम्यून सिस्टम मजबूत करने के लिए लोग विटामिन-सी दवा का सहारा ले रहे हैं। बाजारों में करीब 5 गुना ज्यादा दवा की मांग बढ़ गई है। दवा विक्रेताओं का कहना है कि खपत ज्यादा होने से सप्लाई ज्यादा मंगानी पड़ रही है। अभी मांग ज्यादा है।
यह मेडिसिन तेजी से मरीजों की इम्युनिटी बढ़ाती है। इस कारण कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीज व आमजन भी विटामिन-सी की दवा खा रहे हैं। इसकी नियमित डोज मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर शरीर में एंटीबॉडी का निर्माण जल्दी शुरू करती है। इसी वजह से बिना डॉक्टर की सलाह लिए लोग इस दवा का सेवन कर रहे हैं। लखनऊ केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष गिरीराज रस्तोगी ने बताया कि कोरोना के बाद से विटामिन-सी मेडिसिन की खपत अधिक मात्रा में होने लगी हैं। यह पहले से पांच गुना अधिक हो गई है। बाजारों में मांग ज्यादा होने से दवा खत्म हो रही है। मांग बढऩे से कंपनियां भारी मात्रा में दवा बना रही हैं। उन्होंने बताया कि बीते तीन महीनों में लगभग पांच लाख से ज्यादा की दवा बिक चुकी है जबकि पहले दो से तीन लाख ही सप्लाई थी। वहीं उपाध्यक्ष अमित अग्रवाल का कहना है कि कोरोना के चलते विटामिन-सी दवा की मांग बढ़ी है। घरों में रहने वाले लोग अपनी सुरक्षा के लिए इस दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह दवा प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर है। महामंत्री अनिल जयसिंह का कहना हैं कि लोग इम्यून क्षमता को बढ़ाने के लिए विटामिन-सी मेडिसिन ले सकते हैं। इस दवा को लेने से किसी प्रकार का नुकसान नहीं है।

बाजार में चल रही दवा की शॉर्टेज

संक्रमण फैलने के साथ लोग विटामिन-सी मेडिसिन खा रहे हैं जिससे बाजारों में इसकी कमी हो गई। मेडिकल स्टोर में दवा नहीं मिल रही है। कोरोना का इन्फेक्शन खत्म करने वाली एंटीबायोटिक एजीथ्रो माइसिन, हाइड्रोऑक्सी क्लोरोक्यून भी दुकानों में उपलब्ध नहीं है। विटामिन सी एवं एंटीबायोटिक दवा नहीं मिलने से लोग खुद के बचाव का उपाय नहीं कर पा रहे हैं। वहीं डॉक्टर के सुझाव पर भी मेडिकल स्टोर संचालक लोगों को कोरोना से बचाव की दवा हाइड्रोऑक्सी क्लोरोक्यून समेत तीनों तरह की दवा नहीं दे पा रहे हैं। स्थिति यह है कि सौ मेडिकल स्टोर का चक्कर लगाने पर शायद कहीं एंटीबायोटिक एवं विटामिन सी की दवा लोगों को मिलती है।

बिना सलाह घातक
दमा और हार्ट पेशेंट के मरीजों के लिए विटामिन- सी घातक है। डॉक्टर के बिना सलाह दवा न लें।
इनमें है विटामिन-सी
नींबू, संतरा, मौसमी अंगूर, शिमला मिर्च, मुनक्का, दूध, चौलाई का साग।

दवा व्यापारियों को आइवरमेक्टिन 12, एजिथ्रोमाइसिन 10, डॉक्सीसाइक्लिन 100, विटामिन सी चेवबले, विटामिन डी ई 60के, जिंक 50 एमजी रखनी चाहिए और उसका विक्रय निर्धारित मूल्य पर करना चाहिए। मामले की जांच की जाएगी। दवा को स्टॉक होल्ड नहीं करना है। यदि ऐसा किया गया तो कालाबाजारी करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बृजेश कुमार, ड्रग इंस्पेक्टर

क्या कहते हैं दवा व्यवसायी

बाजार में कोरोना से बचाव के लिए दवा की दिक्कत नहीं है, लेकिन विटामिन-सी मेडिसिन की मांग बढऩे से इन दिनों परेशानी हो रही है क्योंकि खपत के अनुपात में कंपनी से सप्लाई नहीं हो रही है। महीनेभर से दवा की सप्लाई कम हुई है।
दीपक चौहान, दवा व्यवसायी

दिनभर में कम से कम दस डिब्बे इस दवा के बिक जाते हैं जबकि पहले एक डिब्बा भी नहीं बिकता था। कंपनी दवा तो बना रही है लेकिन बाजार में आते ही दवा बिक जा रही हैं जिससे कई ग्राहकों को बिना दवा के वापस जाना पड़ता है।
प्रदीप कुमार अग्रवाल, मेडिसिन रिटेल व्यवसायी, लाटूस रोड

कोरोना आने से पहले लोग विटामिन-सी मेडिसिन के बारे में जानते नहीं थे लेकिन अब प्रत्येक व्यक्ति इस दवा को खरीदना चाहता है। कई लोग इस दवा को खरीदना चाहते हैं लेकिन दवा खत्म हो जाती है जिससे उन्हें वापस लौटना पड़ता है।
आर.के एजेंसी, लखनऊ

कई लोग ऐसे होते हैं जो दवा को बिना डॉक्टर की सलाह के खरीद रहे हैं। यदि हम लोगों को कहते हैं कि बिना डॉक्टर की सलाह के दवा नहीं दी जाएगी। इस पर वे बहस करने लगते हैं। लिहाजा हमें दवा बेचनी पड़ती है।
ए.के त्यागी, मेडिसिन रिटेल व्यवसायी

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