डिजिटल ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश, कई राज्यों में फैला है नेटवर्क
नई दिल्ली। देश में डिजिटल पेमेंट के जरिए हो रही धोखाधड़ी का पर्दाफाश करने के लिए गृह मंत्रालय का साइबर सेल बड़े पैमाने पर काम कर रहा है। एक तरफ जहां डिजिटल फ्रॉड का पर्दाफाश हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ डिजिटल पेमेंट को सुरक्षित बनाया जा रहा है। गृह मंत्रालय ने कहा कि इससे देश के 18 राज्यों में ठगी करने वाले गिरोहों का पर्दाफाश हो रहा है।
इससे पहले 11 जून को उदयपुर निवासी 78 वर्षीय एक व्यक्ति के साथ साढ़े छह लाख रुपये की ठगी हुई थी। फोन का यह जालसाज झारखंड से संचालित हो रहा था। गृह मंत्रालय के एफकॉर्ड द्वारा संचालित साइबर सेफ ऐप ने कहा कि एसबीआई क्रेडिट कार्ड में धनराशि जमा की गई है। इन कार्डों का इस्तेमाल फ्लिपकार्ट से 33 चीनी निर्मित मोबाइल फोन खरीदने के लिए किया गया था।
इन फोनों को मध्य प्रदेश के बालाघाट के पते पर बुलाया गया था। इस जगह की पहचान करने के बाद एसपी बालाघाट को सूचना दी गई। मध्य प्रदेश की पुलिस ने मास्टरमाइंड को हिरासत में ले लिया और 33 नए फोन और कई अन्य जब्त किए। फोन पर ठगी करने वाले गिरोह ने इसे 10,000 रुपये प्रति फोन के हिसाब से खरीदा था और वे इसे काला बाजार में 5-10 फीसदी की छूट के साथ बेचने जा रहे थे। झारखंड पुलिस ने फोन करने वाले से धोखाधड़ी करने वाले को गिरफ्तार किया है।
इस फ्रॉड टू फोन गैंग में सैकड़ों गुर्गे अलग-अलग तरीकों से लोगों को ठग रहे हैं, जैसे कुछ ओटीपी फ्रॉड, कुछ ई-कॉमर्स फ्रॉड और कुछ क्रेडिट कार्ड फ्रॉड। अब तक 8 फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें 2 मध्य प्रदेश से, 4 झारखंड से और 2 आंध्र प्रदेश से हैं। वहीं ठगी के पैसे से खरीदे गए करीब 300 नए फोन जब्त किए गए हैं।
इसके साथ ही इस गिरोह के करीब 900 मोबाइल फोन और 1000 बैंक खाते और सैकड़ों यूपीआई और ई-कॉमर्स आईडी की पहचान कर जांच की जा रही है। इसलिए वहां करीब 100 बैंक खाते और डेबिट-क्रेडिट कार्ड फ्रीज कर दिए गए हैं। फोन गैंग को ठगने के खिलाफ इस ऑपरेशन को 18 राज्यों तक बढ़ाया जा रहा है और इसमें 350 लोग काम कर रहे हैं।