पत्रकारों पर हमले हो रहे हैं और योगी सरकार चुप है : प्रियंका गांधी

  •  शराब माफियाओं को भाजपा सरकार में मिल रहा संरक्षण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां तैयारियों में जुटी हैं। वहीं कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी लगातार प्रदेश की योगी सरकार पर हमलावर हैं। वो लगातार ट्वीट करके उनकी नीतियों और प्रदेश में हो रही घटनाओं पर सरकार को घेर रही हैं। अब प्रियंका गांधी ने ट्वीट में कहा, आगरा में जहरीली शराब से 13 मौतें हो गईं। इस साल उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब से लगभग 200 मौतें हो चुकी हैं। उत्तर प्रदेश में शराब माफिया जहरीली शराब का खुलेआम धंधा कर रहे हैं, पत्रकारों व पुलिस पर हमले हो रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं, बल्कि योगी सरकार चुप है। शराब माफियाओं पर क्यों मेहरबान है भाजपा सरकार? आखिर क्यूं दे रही है शराब माफियाओं को संरक्षण। उनके लगातार ट्वीट से प्रदेश में हलचल मची हुई है। वहीं, जहरीली शराब को लेकर शासन की कोई मजबूत नीति न होने की वजह से आगरा जैसी घटनाएं लगातार हो रही है. जिसमें प्रतापगढ़, महोबा, अलीगढ़ और आजमगढ़ की घटनाएं भी शामिल हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने एक ट्वीट में कैग रिपोर्ट को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कैग रिपोर्ट ने उप्र सरकार के कई विभागों में हजारों करोड़ के घोटाले उजागर किए हैं। आखिर कब तक सरकार अपने भ्रष्टाचार पर पर्दा डालेगी? उप्र की जनता के हजारों करोड़ घोटालों की भेंट चढ़ गए और सरकार के पास कोई जवाब ही नहीं है। वहीं, गन्ने के दामों में बढ़ोत्तरी न होने को उन्होंने किसानों के साथ अन्याय बताया था।

किसानों के साथ अन्याय क्यों हो रहा है

उत्तर प्रदेश में किसानों के मुद्ïदे को लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सरकार पर करारा हमला बोला है। 2017 से लेकर अभी तक गन्ने के दाम न बढ़ने को लेकर उन्होंने ट्वीट कर मौजूदा बीजेपी सरकार पर करारा हमला बोला। कांग्रेस नेता ने कहा कि आखिर किसानों के साथ ये अन्याय क्यों हो रहा है। उन्होंने ट्वीट कर पूछा कि जब राज्य में बिजली के दाम और डीजल की कीमतें कई बार बढ़ाई गई तो गन्ना का दाम अभी तक स्थिर क्यों है। प्रियंका गांधी ने कहा, प्रदेश में किसानों के लिए बिजली के दाम कई बार बढ़ चुके हैं। डीजल के दाम तो 100 से अधिक बार बढ़ चुके हैं. लेकिन किसान के गन्ने के दामों में मामूली सी बढ़ोत्तरी, आखिर किसानों के साथ ये अन्याय क्यों?

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