सभी विवि-कॉलेजों की हो नैक ग्रेडिंग : राज्यपाल

राज्य के ज्यादातर विश्वविद्यालयों में प्रमोशन और नियुक्तियां सालों से अटकी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालयों में लंबे समय लटके नियुक्तियों और प्रमोशन के मामलों पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि राज्य के ज्यादातर विश्वविद्यालयों में प्रमोशन और नियुक्तियां सालों अटकी रहती हैं इसलिए विवि को यूजीसी के परिनियम स्वीकार करते हुए एक रिक्रूटमेंट सेल का गठन करना चाहिए, ताकि कार्य में पारदर्शिता के साथ गति आए।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों की तमाम समितियों में छात्रों को भी शामिल करने का सुझाव दिया है। राज्यपाल मंगलवार को उच्च शिक्षा विभाग और नैक के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘नैक मूल्यांकन एवं उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार’ विषयक सेमिनार को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि पांच साल से अधिक समय से स्थापित सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के लिए नैक मूल्यांकन अनिवार्य होना चाहिए। मूल्यांकन न करवाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। प्रदेश के 20 राज्य विश्वविद्यालयों में कोई भी ‘ए’ ग्रेड में नहीं है। सिर्फ 6 विश्वविद्यालय ही मूल्यांकित हैं। 159 राजकीय महाविद्यालयों में कोई ‘ए’ श्रेणी में नहीं हैं। यह आदर्श स्थिति नहीं है। विश्वविद्यालयों में भरे हुए पदों के आधार पर ही नैक मूल्यांकन होता है। संविदा शिक्षक नैक मूल्यांकन के मापदंड में नहीं आते इसलिए शिक्षकों के शत-प्रतिशत पदों को भरा जाना चाहिए।

कुलपति और शासन के बीच समन्वय हो

राज्यपाल ने कहा कि एक विश्वविद्यालय से अधिकतम 300 कॉलेज ही संबद्ध होने चाहिए। जबकि एक-एक विश्वविद्यालय से 1000 से अधिक कॉलेज संबद्ध हैं। ऐसी स्थिति में कुलपति कैसे नियंत्रण कर सकेंगे। कुलपति और शासन के बीच समन्वय हो। कुलपति, कुलसचिव, वित्त अधिकारी और परीक्षा नियंत्रक के चयन में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित हो। कुलपति का कार्यकाल भी पांच वर्ष का होना चाहिए। उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि कोविड के असर के बाद भी उच्च शिक्षा को प्रभावित नहीं होने दिया गया। विभिन्न विषयों पर शिक्षकों ने ई-कंटेंट तैयार कर छात्रों को उपलब्ध करवाया। सेमिनार में नैक के निदेशक डॉ. एससी शर्मा, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा मोनिका गर्ग सहित अन्य अधिकारी जुड़े थे।

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