हाईकोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई के लिए नई गाइडलाइन जारी
13 जुलाई से होगी लागू, ई-सेवा केंद्रों की सुविधा भी शुरू
गीताश्री
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में खुली अदालत में बहस के अलावा मुकदमों की वीडियो कांफ्रेंसिंग से भी सुनवाई की व्यवस्था जारी है। वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई के लिए नई व्यवस्था जारी की गयी है, जो 13 जुलाई से लागू होगी। यह उन सभी वकीलों और वादकारियों के लिए है जो वीडियो कांफ्रेंसिंग से अपने मुकदमे में बहस करना चाहते हैं।
वीडियो कांफ्रेंसिंग से मुकदमा बहस करने के लिए हाईकोर्ट के गेट संख्या तीन ए, तीन बी व पांच के अलावा हाईकोर्ट मैदान के पैवेलियन में केबिन बनाए गए हैं। ये केबिन हाईकोर्ट के इंटरनेट के जरिए जुड़े होंगे। यहां से मुकदमा बहस करने में नेटवर्क की समस्या नहीं आएगी। इनके जरिए 30 कांफ्रेंसिंग सेशन एक साथ हो सकेंगे। हर कोर्ट के लिए टाइम स्लॉट अलग से दिया जाएगा। हर केबिन के बाहर अलग-अलग कोर्ट के लिए निर्धारित टाइम स्लॉट दिया रहेगा। हाई कोर्ट ने पहली बार वीडियो कांफ्रेंसिंग से मुकदमों की सुनवाई के लिए ई-सेवा केंद्रों की सुविधा शुरू की है। शहर विभिन्न हिस्सों में स्थित ऐसे आठ ई-सेवा केंद्रों की सूची दी गई है। जहां वकील हाई कोर्ट आए बिना अपने घर के नजदीक स्थित ई-सेवा केंद्र से वीडियो कांफ्रेंसिंग से मुकदमे में बहस कर सकेंगे। इसे ऑफ साइट सुविधा का नाम दिया गया है। इसके अलावा वकील पहले ही जारी अपने घर या ऑफिस से मोबाइल फोन, लैपटॉप या डेस्कटॉप से भी वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा ले सकेंगे। गौरतलब है कि अधिवक्ता अपना मुकदमा ऑन साइट (हाईकोर्ट गेट पर बने केबिन) या ऑफ साइट (ई-सेवा केंद्र) में से किससे करना चाहते हैं। इसका विकल्प उनको सुनवाई के एक दिन पहले ही दिन में एक बजे तक हाईकोर्ट की वेबसाइट पर देना होगा। ऐसा नहीं करने पर उनके मुकदमे में उस दिन सुनवाई नहीं हो सकेगी। मुकदमे में कोई दूसरी डेट दे दी जाएगी। वकीलों को केबिन में हेड-सेट भी दिए जाएंगे, लेकिन, अधिवक्ता खुद का हेड-सेट लेकर आने की अपेक्षा की गई है। वीडियो कांफ्रेंसिंग से अच्छी सुनवाई के लिए वकीलों को फोन या कंप्यूटर में गूगल क्रोम डाउनलोड करने की सलाह दी गई है।