2007 के फॉर्मूले से बसपा करेगी वापसी

  •  बसपा महासचिव का दावा- ब्राह्मण साथ आएगा, बसपा सरकार बनाएगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में चुनावी चौसर बिछ चुकी है। सभी पार्टियों ने अपने-अपने दांव चलने शुरू कर दिए हैं। किसी ने यात्राएं शुरू की हैं तो कोई सम्मेलनों के बहाने वोटरों की नब्ज टटोल रहा है। उप्र में चार बार सत्ता के शिखर तक पहुंच चुकी बहुजन समाज पार्टी ने भी अपनी तैयारियों को धार देनी शुरू कर दी है। मिशन 2022 को लेकर बसपा के राष्टï्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र का कहना है कि हमने हर स्तर पर किसानों की आवाज में आवाज मिलाई है। कृषि कानूनों का भी हर मंच पर विरोध किया। किसान यह भी जानते हैं कि बसपा की सरकार में उनके गन्ने का दाम दोगुना किया गया था। किसी ने इतना दाम बढ़ाया हो तो बताएं। किसान इस चुनाव में बसपा के साथ रहेंगे। 2022 में हमारा फॉर्मूला पूरी तरह से 2007 की तरह ही है। सर्वसमाज को जोड़कर ही हम सत्ता के शिखर तक पहुंचेंगे। इसी कड़ी में हमने पूरे प्रदेश में प्रबुद्घ वर्ग गोष्ठियां की, जिसमें मुख्यत: ब्राह्मणों की उपस्थिति रही। यही हमारी जीत का आधार है। उन्होंने कहा, एक व्यक्ति के नाम पर कई ब्राह्मïणों को एनकाउंटर में मारा गया। दर्जनों को प्रताड़ित किया। नव विवाहिता खुशी दुबे के शोषण को कोई भूल सकता है भला। सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा बसपा शासन काल में एक भी दंगा नहीं हुआ था। ब्राह्मणों और मुस्लिम दोनों को ही खूब टिकट दिए जाएंगे। अब जल्द ही उन्हें फाइनल कर दिया जाएगा। जो लोग पार्टी विरोधी गतिविधियों मे लिप्त रहे उन्हें तो निकालना ही है। हमारे पास चेहरों की कमी नहीं है। कई बड़े चेहरे आपको बसपा में जल्द ही नजर आएंगे। पंजाब पर बोले कि वहां की परिस्थितियां अलग थी। वहां तो हमने 1996 में भी अकाली दल के साथ गठबंधन किया था और वह काफी सफल रहा था। यूपी चुनाव में किसी से गठबंधन नहीं होगा। यदि कोई यह कह रहा है तो वह भ्रम में है। भाजपा केवल धर्म के नाम पर वोट मांगती रही है। अयोध्या में चंदा तक कहां गया सबको पता चल गया। सबसे ज्यादा नुकसान ही भाजपा का हो रहा है और उसी को हटाकर बसपा सरकार बनाने जा रही है।

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