‘भाजपा की जनविरोधी नीतियां भारत को बर्बाद कर रही हैं’

अर्थव्यवस्था की तबाही पर विपक्ष का पीएम मोदी पर जोरदार प्रहार

  • बीजेपी ने आम नागरिकों से उनका सारा पैसा लूटा
  • 15 मिनट में ही निवेशकों के 5.15 लाख करोड़ डूब गए
  • विपक्ष बोला- त्यौहारी मौसम में भी मायूस रहा बाजार
  • टीडीपी नेता के बयान से भी एनडीए सरकार पर सवाल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। शेयर बाजार में हो रहे उतार-चढ़ाव, देश की अर्थव्यवस्था में मची उथल-पुथल व आम जनता की गाढ़ी कमाई के अरबों डूबने को लेकर एनडीए की मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने पीएम मोदी को चुनौती देते हुए कहा देश के पीएम ने जनता का सारा पैस लूटकर देश की अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल मचाई है।
वहीं वक्फ मुद्दे पर तेलगू देशम नेता के इस बयान पर कि इस बिल का समर्थन आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू नहीं करेंगे पर भी बवाल मचा है। विपक्षी नेताओं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कुर्सी छोडऩे को कहा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि आम नागरिकों से उनका सारा पैसा लूटकर आपने जो आर्थिक उथल-पुथल मचाई है, उस पर एक नजर डालिए! यहां तक कि त्योहारों का उल्लास भी भारत की अर्थव्यवस्था को उत्साहित नहीं कर सका।

आंकड़ों के आधार पर मोदी सरकार को घेरा

खरगे ने लिखा कि पांच निर्विवाद तथ्य है- खाद्य महंगाई 9.2 प्रतिशत पहुंच गई है। सब्जियों की मुद्रास्फीति (महंगाई) अगस्त में 10.7 प्रतिशत थी, जो अब बढ़कर सितंबर 2024 में 14 महीने के उच्चतम स्तर 36 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह एक तथ्य है कि एफएमसीजी क्षेत्र में मांग में भारी गिरावट देखी गई है, बिक्री में वृद्धि एक साल में 10.1 प्रतिशत से घटकर सिर्फ 2.8 प्रतिशत रह गई है। यह आपके अपने वित्त मंत्रालय की मासिक रिपोर्ट में यह कहा गया है। खरगे ने दावा किया कि एफएंडबी क्षेत्र में तेजी, जो पहले दोहरे अंकों में हुआ करती थी, अब घटकर 1.5-2 प्रतिशत रह गई है। एफएमसीजी कंपनियों ने मार्जिन में कमी आई है और अगर कंपनियों के लिए कच्चे माल की लागत ज्यादा हो जाती है तो इससे कीमतों में वृद्धि होगी। कांग्रेस प्रमुख ने दावा किया कि घरेलू बचत 50 साल के निचले स्तर पर आ गई है। सितंबर में यात्री वाहनों की बिक्री में 19 प्रतिशत की गिरावट आई है और अक्टूबर में अधिकांश बिक्री स्थिर रही। खरगे ने दावा किया कि वित्त मंत्रालय ने कहा है कि ऑटोमोबाइल बिक्री में 2.3 प्रतिशत की गिरावट आई है। दोपहिया वाहनों की बिक्री अभी भी 2018 के आंकड़ों को पार नहीं कर पाई है। भाजपा की जनविरोधी नीतियां भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रही हैं।

विपक्ष के खिलाफ झूठ बोलने के बजाय असल मुद्दों पर बोलें पीएम : खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को आरोप लगाया कि भाजपा की जनविरोधी नीतियां भारत की अर्थव्यवस्था को तबाह कर रही हैं। खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देते हुए कहा कि वह विपक्ष के खिलाफ झूठ बोलने के बजाय भविष्य की अपनी चुनावी रैलियों में देश के असल मुद्दों पर बोलें। खरगे ने कहा कि फर्जी बयानबाजी, जनकल्याण के असल मुद्दों की जगह नहीं ले सकती। अर्थव्यवस्था कम खपत, उच्च मुद्रास्फीति, बढ़ती असमानता, निवेश में कमी और वेतन में ठहराव की कमी से जूझ रही है। खरगे ने आरोप लगाया कि उद्योग जगत के दिग्गज भी कह रहे हैं कि देश का मध्यम वर्ग सिमट रहा है क्योंकि मोदी सरकार कमरतोड़ महंगाई और लोगों की बचत खत्म करके गरीब और मध्यम वर्ग को बड़ा झटका दे रही है।

शेयर मार्केट में हाहाकार

भारतीय शेयर मार्केट में सोमवार (4 नवंबर 2024) को ट्रेडिंग शुरू होते ही भारी गिरावट दिखी। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों 1 फीसदी से अधिक की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहे हैं। शेयर मार्केट की इस भारी गिरावट के चलते शुरुआती 15 मिनट में ही निवेशकों के 5.15 लाख करोड़ डूब गए। आइए जानते हैं कि शेयर मार्केट में इस भारी गिरावट की वजह क्या है। बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 665.27 अंक गिरकर 79,058.85 पर आ गया। एनएसई निफ्टी 229.4 अंक गिरकर 24,074.95 पर आ गया। इससे शुरुआती 15 मिनट में ही निवेशकों के 5.15 लाख करो? डूब गए। 30 शेयरों वाले सेंसेक्स पैक में सन फार्मा, रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंफोसिस, टाटा मोटर्स, इंफोसिस, टाइटन, मारुति और एनटीपीसी में ज्यादा गिरावट दिखी। वहीं, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और इंडसइंड बैंक हरे निशान में थे।

वक्फ विधेयक को पारित नहीं होने देंगे नायडू: नवाब

केंद्र की एनडीए सरकार में अहम सहयोगी टीडीपी की आंध्र प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष नवाब जान ने कहा कि सबको मिलकर वक्फ संशोधन विधेयक को पारित होने से रोकना चाहिए। नवाब जान ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से आयोजित ‘संविधान बचाओ सम्मेलनÓ को संबोधित कर रहे थे। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ऐसे इंसान हैं, जो मुसलमानों के हितों को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी विधेयक को पारित नहीं होने देंगे। उन्होंने ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक को जेपीसी के पास भेजना भी नायडू की वजह से मुमकिन हुआ।

दया याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की केंद्र को फटकार

  • पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह हत्याकांड के दोषी से संबंधित है रिट

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार से कहा कि अगर वे बेअंत सिंह हत्याकांड के दोषी बलवंत सिंह रजाओना की दया याचिका पर विचार नहीं करते हैं तो हम करेंगे। बेअंत सिंह पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री थे, साल 1995 में उनकी हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में बलवत सिंह रजाओना को दोषी ठहराया गया था। जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस पीके मिश्रा और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने बलवंत सिंह रजाओना की याचिका पर सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी। याचिका में कहा गया है कि उसकी दया याचिका पर फैसला लेने में हुई बहुत देरी के कारण उसकी मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल देना चाहिए। 25 सितंबर को शीर्ष अदालत ने रजोआना की याचिका पर केंद्र, पंजाब सरकार और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासन से जवाब मांगा था। गौरतलब हो कि 31 अगस्त, 1995 को चंडीगढ़ में सिविल सचिवालय के प्रवेश द्वार पर हुए विस्फोट में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह और 16 अन्य लोग मारे गए थे। इस मामले में जुलाई 2007 में एक विशेष अदालत ने बलवंत सिंह रजोआना को दोषी ठहराते हुए उसे मौत की सजा सुनाई थी। मार्च 2012 में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने उसकी ओर से संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत सुप्रीम कोर्ट में दया याचिका दायर की थी। पिछले साल 3 मई को सर्वोच्च न्यायालय ने रजोआना की मौत की सजा को कम करने से इनकार कर दिया था और कहा था कि सक्षम प्राधिकारी ही दया याचिका पर विचार कर सकते हैं।

राष्ट्रपति के पास 12 साल से लंबित है याचिका

केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि रजोआना की दया याचिका राष्ट्रपति भवन में लंबित है, जिसके बाद पीठ ने उनसे कहा, किसी भी तरह से फैसला करें या हम इस पर (राजोआना की याचिका) विचार करेंगे। दया याचिका पर फैसला होने तक रजोआना की रिहाई की मांग करते हुए रजोआना के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि रजोआना 29 साल से लगातार हिरासत में है। रोहतगी ने कहा कि उनकी दया याचिका पिछले 12 साल से राष्ट्रपति  भवन में लंबित है। कृपया उन्हें छह या तीन महीने के लिए रिहा कर दें। कम से कम उन्हें यह देखने दें कि बाहरी दुनिया कैसी दिखती है। वहीं पंजाब सरकार ने पीठ को बताया कि उन्हें मामले में अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए कुछ समय चाहिए।

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