भारत की सिंदूर स्ट्राइक के बाद बांग्लादेश में सुरक्षा बढ़ाई गई, सीमावर्ती जिलों में अलर्ट

IGP बहारुल आलम ने स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव से बांग्लादेश की आंतरिक सुरक्षा प्रभावित न हो, इसके लिए विशेष कदम उठाए जा रहे हैं।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ हाल ही में की गई सिंदूर स्ट्राइक के बाद दक्षिण एशिया में सुरक्षा हालात और गंभीर हो गए है। इस तनाव का असर अब बांग्लादेश तक भी पहुंच गया है। बांग्लादेश सरकार ने भारत- पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए देश की सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। बांग्लादेश के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस यानी IGP बहारूल सरकार ने देश के 30 सीमावर्ती जिलों के पुलिस अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है। यह कदम भारत-पाक सीमा पर स्थिति के मद्देनजर उठाया गया है,ताकि बाहरी तनाव का असर देश की आंतरिक सुरक्षा पर न पड़े।

सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री यूनुस सरकार नहीं चाहती कि क्षेत्रीय उथल-पुथल से देश के भीतर अस्थिरता फैले। बांग्लादेश की सीमाएं भारत और म्यांमार दोनों से लगती हैं, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और जरूरी हो जाती है। सुरक्षा विश्लेषकों का मानना है कि भारत की कार्रवाई से आतंक के खिलाफ सख्त संदेश गया है, लेकिन इस प्रकार की कार्रवाइयों से सीमावर्ती देशों को भी सतर्क रहना पड़ता है। बांग्लादेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी।

भारत द्वारा हाल ही में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में की गई “सिंदूर स्ट्राइक” का असर अब बांग्लादेश तक पहुंच गया है। इस कार्रवाई के बाद बांग्लादेश सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा कड़ी कर दी है। बांग्लादेश के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (IGP) बहारुल आलम ने बुधवार को एक कार्यक्रम में कहा कि भारत-पाक संघर्ष के चलते सीमावर्ती जिलों में सतर्कता बेहद जरूरी हो गई है। IGP बहारुल आलम ने स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव से बांग्लादेश की आंतरिक सुरक्षा प्रभावित न हो, इसके लिए विशेष कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सीमाओं पर किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए सभी पुलिस अधीक्षकों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है।

भारत की स्ट्राइक, बांग्लादेश की तैयारी

भारत की “सिंदूर स्ट्राइक” में आतंकियों के लॉन्चपैड को निशाना बनाया गया था, जिसके बाद पूरे क्षेत्र में सुरक्षा चिंताएं बढ़ गई हैं। बांग्लादेश की 30 जिलों की सीमाएं भारत से लगती हैं, जबकि 3 जिलों की सीमाएं म्यांमार से सटी हुई हैं। ऐसे में भारत की सैन्य कार्रवाई या कूटनीतिक तनाव का असर सीधे बांग्लादेश की सीमाओं पर देखा जा सकता है।

यूनुस सरकार की सख्ती
प्रधानमंत्री यूनुस सरकार इस बात को लेकर सजग है कि किसी भी बाहरी तनाव का इस्तेमाल देश के भीतर अस्थिरता फैलाने के लिए न किया जाए। इसी उद्देश्य से सरकार ने सीमावर्ती सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने का फैसला लिया है। सभी जिलों में पुलिस बलों को विशेष सतर्कता बरतने और खुफिया निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। बांग्लादेश सरकार की इस तत्परता को देश की सुरक्षा नीति के प्रति प्रतिबद्धता के रूप में देखा जा रहा है।

भारत की हालिया “सिंदूर स्ट्राइक” के बाद पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर चिंता गहराने लगी है। बांग्लादेश में भी इस कार्रवाई के बाद सुरक्षा व्यवस्था को सख्त कर दिया गया है। इसी क्रम में बांग्लादेश के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (IGP) बहारुल आलम ने बुधवार को स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव से बांग्लादेश की शांति और सुरक्षा को कोई खतरा नहीं होने दिया जाएगा।

क्या बोले IGP बहारुल आलम?

IGP बहारुल आलम ने यह बयान ढाका के गुलशन स्थित बांग्लादेश शूटिंग स्पोर्ट्स फेडरेशन में आयोजित पुलिस शूटिंग
प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान दिया। उन्होंने कहा, “पुलिस के तमाम विभाग एकजुट होकर यह सुनिश्चित करेंगे कि भारत-पाक तनाव की आंच बांग्लादेश की शांति पर असर न डाले।”उनके इस बयान को प्रधानमंत्री यूनुस सरकार की सख्त सुरक्षा नीति का समर्थन माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय तनावों से देश को सुरक्षित रखना है।

सीमा पर चौकसी बढ़ी

बांग्लादेश की 30 जिलों की सीमाएं भारत से लगती हैं, जबकि 3 जिलों की सीमाएं म्यांमार से सटी हैं। ऐसे में भारत की किसी भी सैन्य कार्रवाई या कूटनीतिक तनाव का असर सीधे इन सीमावर्ती इलाकों पर पड़ सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए बांग्लादेश सरकार ने सभी सीमावर्ती जिलों के पुलिस अधीक्षकों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।

टेंशन में बांग्लादेशी हुकूमत

भारत की सिंदूर स्ट्राइक ने जहां पाकिस्तान को चौंका दिया है, वहीं बांग्लादेश समेत अन्य पड़ोसी देशों को भी अपनी सुरक्षा रणनीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है। बांग्लादेश में विशेष चिंता उन इलाकों को लेकर है जहां पहले भी भारत से अवैध घुसपैठ, तस्करी या अन्य सुरक्षा चुनौतियाँ सामने आ चुकी हैं। यूनुस सरकार इस बात को लेकर सजग है कि किसी भी बाहरी तनाव का इस्तेमाल देश के भीतर अस्थिरता फैलाने के लिए न किया जाए। इसी के तहत सीमाओं पर खुफिया निगरानी और पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है।

आपको बता दें,कि इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि भारत की सर्जिकल नीति अब सिर्फ पाकिस्तान तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसका मनोवैज्ञानिक असर उसके पड़ोसियों पर भी दिखने लगा है. बांग्लादेश के लिए यह एक कूटनीतिक चुनौती है कि वह भारत-पाक तनाव से खुद को कैसे अलग रखे और साथ ही यह भी सुनिश्चित करे कि उसकी सीमाएं सुरक्षित रहें. यूनुस सरकार का यह अलर्ट इसी रणनीतिक सोच का हिस्सा है, जो आने वाले दिनों में और स्पष्ट रूप से दिख सकता है.

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