यूपी में बड़े स्तर पर आईपीएस अधिकारियों के तबादले, प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर बदले गए
सरकार की ओर से जारी आदेश में आशुतोष कुमार को एडिशनल पुलिस कमिश्नर, कानपुर की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं उपेंद्र अग्रवाल को आईजी पीएसी, लखनऊ के पद पर नियुक्त किया गया है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार देर रात आईपीएस अधिकारियों के तबादलों की एक अहम सूची में कुल 11 वरिष्ठ अधिकारियों के नाम शामिल हैं। सबसे बड़ा फेरबदल प्रयागराज में देखने को मिला है, जहां पुलिस कमिश्नर तरूण गाबा को हटाकर जोगेन्द्र कुमार को नया पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया है।
तरूण गाबा को अब लखनऊ रेंज का नया पुलिस महानिरीक्षक यानी आईजी बनाया गया है। गौरतलब है कि प्रयागराज में पिछले कुछ समय से कानून-व्यवस्था को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। हाल ही में हुई कई संवेदनशील घटनाओं के बाद स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर चर्चाएं तेज हो गई थीं। ऐसे में सरकार का यह निर्णय कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने कू दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। राज्य सरकार ने जिन अन्य अधिकारियों के तबादले किए हैं, उनके नाम और नई नियुक्तियाँ भी जल्द सार्वजनिक की जाएंगी।
इन अधिकारियों को मिली नई जिम्मेदारी
सरकार की ओर से जारी आदेश में आशुतोष कुमार को एडिशनल पुलिस कमिश्नर, कानपुर की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं उपेंद्र अग्रवाल को आईजी पीएसी, लखनऊ के पद पर नियुक्त किया गया है. इनके अलावा कई अन्य जिलों में भी वरिष्ठ अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया है, जिनमें प्रशासनिक और फील्ड दोनों स्तर के पदाधिकारी शामिल हैं.
पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली का विस्तार और भूमिका
उत्तर प्रदेश सरकार पिछले कुछ वर्षों से कानून-व्यवस्था सुधारने के लिए कई बड़े कदम उठा रही है. लखनऊ, कानपुर, नोएडा, गाजियाबाद और वाराणसी जैसे बड़े शहरों में पहले ही कमिश्नरेट प्रणाली लागू की जा चुकी है. प्रयागराज में हाल में इस प्रणाली के विस्तार के बाद उम्मीद थी कि अनुभवी अधिकारियों की तैनाती की जाएगी. जोगेन्द्र कुमार का अनुभव इसी दिशा में सरकार की मंशा को मजबूत करने वाला कदम माना जा रहा है.
सरकार की सख्ती और संदेश
आपको बता दें,कि सरकार के इस कदम को प्रशासनिक व्यवस्था में चुस्ती लाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले भी कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि कानून-व्यवस्था से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा. ऐसे में यह तबादले न केवल नई ऊर्जा भरने की कोशिश हैं, बल्कि मैसेज भी है कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी. सूत्रों के मुताबिक, आने वाले दिनों में कुछ और तबादले हो सकते हैं, ताकि उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रदेश की प्रशासनिक मशीनरी चुस्त-दुरुस्त बनी रहे.



