बिहार विधानसभा चुनाव: दलित वोट बैंक साधने की कोशिश में जुटी कांग्रेस, राहुल गांधी का दौरा रणनीति का हिस्सा

जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री का दौरा 25 से 30 मई के बीच कभी भी हो सकता है, जिसका जल्द ही ऐलान कर दिया जाएगा.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी चरम पर पहुंच रही है। तमाम दल अपने-अपने समीकरण साधने में जुट गए हैं। कांग्रेस की सक्रियता और रणनीतिक तैयारियों का अंदाजा लगाया जा सकता है।

कांग्रेस इस बार विशेष रूप से दलित वोट बैंक को साधने की कोशिश कर रही है। पार्टी ने हाल के दिनों में दलित नेतृत्व को बढ़ावा देने के साथ-साथ सामाजिक न्याय के मुद्दों को भी प्रमुखता से उठाया है। राहुल गांधी के इस दौरे को भी इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। कांग्रेस को बिहार में खोया हुआ जनाधार फिर से हासिल करने की चुनौती है, और राहुल गांधी की यह कोशिश उसी दिशा में एक कदम है। पार्टी नेताओं के अनुसार,राहुल गांधी अपने दौरे में विभिन्न दलित संगठनों सामाजिक कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर सकते है।

दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मई के अंतिम सप्ताह में बिहार दौरे पर आने वाले हैं। ऐसे में राहुल गांधी का दौरा पहले होना राजनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों नेताओं के दौरे बिहार की राजनीति में क्या नया मोड़ लाते हैं।बिहार की राजनीतिक में दलित वोटों की अहम भूमिका रही है, और आगामी चुनाव में यह वर्ग सत्ता की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

बीजेपी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मई के अंतिम सप्ताह में बिहार आएंगे. वह रोहतास जिले के बिक्रमगंज में एक रैली को संबोधित करेंगे. जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री का दौरा 25 से 30 मई के बीच कभी भी हो सकता है, जिसका जल्द ही ऐलान कर दिया जाएगा. भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी बिहार से सियासी एजेंडा सेट करते नजर आएंगे, तो उससे पहले राहुल गांधी बिहार पहुंचकर सामाजिक न्याय के एजेंडे को धार देने की स्ट्रैटेजी बनाई है.

राहुल गांधी 15 मई को बिहार दौरे पर पहुंच सकते हैं. राहुल के दौरे की रूपरेखा को लेकर रविवार शाम बिहार में कांग्रेस नेताओं की बैठक हुई. राहुल गांधी गुरुवार को सुबह पटना पहुंचेंगे और सामाजिक न्याय से जुड़े हुए एक्टिविस्टों के साथ मुलाकात करेंगे. इस दौरान वो सामाजिक न्याय कार्यकर्ताओं के साथ फुले’ फिल्म भी देखेंगे. यह फिल्म समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने समाज के वर्ण व्यवस्था पर गहरी चोट किए हैं. फ्रांस की क्रांति से प्रभावित ज्योतिबा, सामाजिक न्याय के लिए ताउम्र जुटे रहे.

सामाजिक न्याय के लिहाज से फुले फिल्म काफी अहम मानी जा रही है. ऐसे में राहुल गांधी बिहार में सामाजिक न्याय के एक्टिविस्टों के साथ फिल्म देखकर सियासी संदेश देने की कवायद करेंगे. बिहार सामाजिक न्याय के आंदोलन की भूमि रही है. ज्योतिबा फुले भले ही महाराष्ट्र से ताल्लुक रखते रहे हों, लेकिन बिहार में उनकी अपनी सियासी अहमियत है, खासकर दलित और अति पिछड़े समुदाय के बीच अहमियत है.

कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और बिहार के सह प्रभारी सुशील पासी ने मीडिया को बताया कि 15 मई को राहुल गांधी के बिहार दौरे पर आ रहे हैं. पटना में जहां पर फुले फिल्म देखेंगे तो दलित और अति पिछड़ा वर्ग के छात्रों के साथ संवाद का कार्यक्रम है. राहुल गांधी दरभंगा या फिर मुजफ्फरपुर में से किसी एक जिले में दलित और अति पिछड़ा वर्ग के छात्रों के साथ बातचीत के लिए उनके हॉस्टल जाएंगे. इस दौरान छात्रों के साथ शिक्षा, रोजगार और पलायन के मुद्दे पर चर्चा करेंगे.

सुशील पासी ने बताया कि बिहार में सबसे बड़ी समस्या शिक्षा और रोजगार की है. बिहार के छात्रों को बेहतर शिक्षा और नौकरी के लिए लगातार पलायन करना पड़ रहा है, जिसमें सबसे बड़ी समस्या दलित और अति पिछड़ी जाति के लोगों को हो रही है. आर्थिक और सामाजिक रूप से दलित समाज के लोग और अति पिछड़ा वर्ग के लोग काफी कमजोर हैं, जिसके चलते वो न तो अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिला पा रहे हैं और न ही रोजगार मिल पा रहा है. राहुल गांधी दलित-अति पिछड़ा वर्ग के छात्रों की समस्या को जानने और समझने के लिए उनसे संवाद करने के लिए आ रहे हैं.

आपको बता दें,कि सुशील पासी ने कहा कि राहुल गांधी की साथ कांग्रेस के कौन बड़े नेता आ रहे हैं, उनके नाम अभी सामने नहीं आए हैं, लेकिन एक बात तय है कि कांग्रेस ने बिहार में दलित, पिछड़े और अति पिछड़ा वर्ग के मुद्दों के लेकर हर स्तर पर आंदोलन करने और उनके मुद्दों को उठाने की बेढ़ा उठाया है. राहुल गांधी जिस तरह से सामाजिक न्याय के मुद्दे को लेकर मुखर हैं, उससे बिहार के दलित समुदाय का जुकाव तेजी से कांग्रेस की तरफ हुआ है. इसी कड़ी में कांग्रेस ने अपने बड़े नेताओं को बिहार में उतारने की तैयारी की है.

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