सुप्रीम कोर्ट का आदेश, कहा- इतने हफ्तों में दिल्ली-NCR से हटाए जाएं सभी आवारा कुत्ते

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर पेटा इंडिया एडवोकेसी एसोसिएट शौर्य अग्रवाल ने कहा है कि कोर्ट का ये आदेश अव्यावहारिक और अतार्किक है.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, एमसीडी और नई दिल्ली नगर निगम को तत्काल कुत्तों के लिए शेल्टर्स होम्स बनाने के निर्देश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर पेटा इंडिया एडवोकेसी एसोसिएट शौर्य अग्रवाल ने कहा है कि कोर्ट का ये आदेश अव्यावहारिक और अतार्किक है.

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ती आवारा कुत्तों की समस्या के समाधान के लिए अहम निर्देश जारी किए हैं. कोर्ट ने ये आदेश दिया है कि अगले आठ हफ्तों के अंदर सभी आवारा कुत्तों को पकड़कर डॉग शेल्टर में रखा जाए. साथ ही कोर्ट ने यह भी साफ किया है कि पकड़े गए किसी भी कुत्ते को दोबारा सड़क पर नहीं छोड़ा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर पेटा इंडिया एडवोकेसी एसोसिएट शौर्य अग्रवाल ने कहा है कि कोर्ट का ये आदेश अव्यावहारिक और अतार्किक है.

शौर्य अग्रवाल का कहना है कि दिल्ली में करीब लगभग 10 लाख कुत्ते हैं जिनमें से केवल आधे से कम कुत्तों की ही नसबंदी की गई है, इतने सारे कुत्तों को आश्रय गृहों में रखना अव्यावहारिक तो है ही और काफी मुश्किल भी है. और ऐसा करना पशु जन्म नियंत्रण नियमों के अनुसार अवैध भी है. उन्हें आश्रय गृहों में रखने से अराजकता बढ़ सकती है इसके साथ ही कई और भी समस्याएं पैदा होंगी. सभी कुत्तों को हटाना अमानवीय है और ये अपने आप में क्रूरता को दिखाता है, इनको शेल्टर्स होम्स में रखने से शेल्टर्स होम्स की स्थिति बहुत ही ज्यादा बिगड़ने वाली है.

शौर्य अग्रवाल ने आगे कहा कि दिल्ली सरकार के पास इन नसबंदी कार्यक्रमों और एबीसी (पशु जन्म नियंत्रण) नियमों को लागू करने के लिए 24 साल का समय था. दिल्ली सरकार के पास इस दौरान एबीसी कार्यक्रम लागू करने की जिम्मेदारी थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ हम अपने सभी कानूनी रास्तों की तलाश कर रहे हैं. हम इससे पहले दिल्ली सरकार से मिल चुके हैं और दिल्ली सरकार से हमनें एबीसी के नियमों और शहर में नसबंदी कार्यक्रमों को ठीक से लागू करने का आग्रह भी किया है.

पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) नियम, 2023 केंद्र द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों का एक समूह है. जिनका मकसद आवारा कुत्तों की संख्या को कम करना और रेबीज जैसी बीमारियों को फैलने से रोकना है. इन नियमों के तहत कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण किया जाता है. इनका उद्देश्य इंसानों और कुत्तों के बीच होने वाले टकराव को कम करना और जानवरों की भलाई को बढ़ावा देना है.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, एमसीडी और नई दिल्ली नगर निगम को तत्काल कुत्तों के लिए शेल्टर्स होम्स बनाने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने 5,000 कुत्तों के लिए शेल्टर बनाने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने साफ किया है कि दिल्ली-NCR को आवारा कुत्तों से मुक्त करना है ताकि बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सड़कों पर सुरक्षित रहें.

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