Bharatmala project पर लगा ग्रहण, किसानों ने मोदी को दे दी आंदोलन की धमकी

भारतमाला प्रोजेक्ट पर लगा ग्रहण... मोदी के प्रोजेक्ट से किसान भारी नाराज.... मेहसाणा के किसानों ने दी आंदोलन की धमकी...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः भारतमाला प्रोजेक्ट भारत सरकार की एक बड़ी योजना है….. जो देश भर में सड़कों का जाल बिछाने का काम कर रही है…… यह प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है……. जिसका मकसद देश के आर्थिक विकास को तेज करना है…… लेकिन हाल ही में गुजरात में इस प्रोजेक्ट को बड़ा झटका लगा है….. गुजरात के मेहसाणा जिले और आसपास के इलाकों के किसान इस प्रोजेक्ट के खिलाफ खड़े हो गए हैं….. और उन्होंने भूमि अधिग्रहण को लेकर बड़े आंदोलन की धमकी दी है……. किसानों का कहना है कि उनकी उपजाऊ जमीन छीनी जा रही है….. और मुआवजा भी पर्याप्त नहीं मिल रहा है…… इस विरोध से प्रोजेक्ट पर ब्रेक लग गया है….. और राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है……. कुछ लोग कह रहे हैं कि इससे प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की चिंता बढ़ गई है…….. क्योंकि गुजरात उनका गृह राज्य है……

आपको बता दें कि भारतमाला प्रोजेक्ट 2017 में शुरू हुई एक बड़ी सड़क निर्माण योजना है…. इसका नाम ‘भारतमाला’ रखा गया है……. जो भारत को माला की तरह जोड़ने का काम करेगा…… इस योजना के तहत देश भर में 34,800 किलोमीटर नई सड़कें बनाई जानी हैं……. इनमें एक्सप्रेसवे, हाईवे और अन्य सड़कें शामिल हैं……. प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य है कि देश के 550 जिलों को चार लेन वाली सड़कों से जोड़ा जाए…… अभी तक केवल 300 जिलों को ही ऐसी सड़कें मिली हैं…… इस योजना से माल ढुलाई आसान होगी……. ट्रैफिक कम होगा और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी…..

भारतमाला के पहले चरण में 24,800 किलोमीटर नई सड़कें और 10,000 किलोमीटर पहले से चल रहे प्रोजेक्ट शामिल हैं……. कुल बजट 6.92 लाख करोड़ रुपये है……. यह योजना राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा चलाई जा रही है……. प्रोजेक्ट में आर्थिक गलियारे, इंटर-कॉरिडोर और फीडर रूट्स शामिल हैं……. इसमें लॉजिस्टिक्स पार्क, ब्रिज, फ्लाईओवर और बाईपास बनाए जा रहे हैं……. विकिपीडिया के अनुसार यह योजना सागरमाला प्रोजेक्ट से भी जुड़ी हुई है…….. जो बंदरगाहों को सड़कों से जोड़ती है……. इस प्रोजेक्ट से उत्तर-पूर्व राज्यों को भी फायदा मिलेगा……. जहां 7 राज्य राजधानियों को जोड़ा जाएगा…..

लेकिन हर बड़े प्रोजेक्ट में चुनौतियां होती हैं……. भारतमाला में सबसे बड़ी समस्या भूमि अधिग्रहण है…….. किसानों की जमीन ली जा रही है…… जिससे कई जगहों पर विरोध हो रहा है…… गुजरात में अहमदाबाद-थराड एक्सप्रेसवे को लेकर विरोध सबसे ज्यादा है……

गुजरात में भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत अहमदाबाद से थराड तक 214 किलोमीटर का एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है……. यह सड़क अहमदाबाद, गांधीनगर, मेहसाणा, पाटन और बनासकांठा जिलों से गुजरेगी…… अगस्त 2024 में केंद्रीय कैबिनेट ने इसके लिए 10,534 करोड़ रुपये मंजूर किए……. इस एक्सप्रेसवे से अहमदाबाद से थराड का सफर 6 घंटे से घटकर 3 घंटे हो जाएगा….. यह दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे को जोड़ेगा…… इस प्रोजेक्ट को 6 पैकेज में बांटा गया है……. इसमें 23 बड़े ब्रिज, 58 छोटे ब्रिज, 8 रेलवे ओवरब्रिज….. और 30 फ्लाईओवर बनेंगे….. लेकिन अभी यह प्रोजेक्ट रुका हुआ है……. क्योंकि भूमि अधिग्रहण में दिक्कत आ रही है…… किसान अपनी जमीन देने को तैयार नहीं हैं……. मेहसाणा जिले के गांव म्यू, मुलसान, सालदी, चिरथापुरा, धरिसाना, देवरासन, गुनजाला आदि प्रभावित हैं……

गुजरात के किसान लंबे समय से भारतमाला प्रोजेक्ट के खिलाफ हैं…… जिसका भूमि अधिग्रहण मुख्य कारण है…… किसानों का कहना है कि उनकी उपजाऊ जमीन ली जा रही है…… जो उनकी आजीविका का आधार है…… मुआवजा भी कम मिल रहा है….. कई किसानों को लगता है कि सरकार ने उन्हें विश्वास में नहीं लिया…… 2022 में मेहसाणा के 40 गांवों के किसानों ने रैली निकाली और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा….. और उन्होंने 11 मुद्दों पर ध्यान देने की मांग की…… एनएचएआई ने 21 दिनों में आपत्ति दर्ज करने को कहा था….. लेकिन किसानों ने कहा कि प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है……

जिसके चलते विरोध बढ़ता गया….. अक्टूबर 2022 में गांधीनगर में सत्याग्रह कैंप में किसानों ने धरना दिया……. कुछ ने भूख हड़ताल की….. अप्रैल 2024 में 100 से ज्यादा किसान गांधीनगर में भाजपा मुख्यालय पर पहुंचे….. और प्रोजेक्ट रद्द करने की मांग की…… और उन्होंने असरग्रस्त खेड़ूत समन्वय समिति के बैनर तले प्रदर्शन किया….. मेहसाणा के किसानों ने कहा कि यह प्रोजेक्ट उनकी जमीन बर्बाद कर देगा…… वे बड़े आंदोलन की धमकी दे रहे हैं…… अगर मुद्दे हल नहीं हुए तो वे सड़कें बंद कर सकते हैं….. बनासकांठा के किसानों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है…..

बता दें कि पिछले सालों में भी ऐसे विरोध हुए हैं…… 2019 में नवसारी जिले में किसानों ने सर्वे रोक दिया…… मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सर्वे रोकने का आदेश दिया…… सूरत-नासिक-अहमदनगर हाईवे के लिए 15,000 किसानों ने रैली निकाली…… प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह गुजरात से हैं…… गुजरात भाजपा का गढ़ है। ऐसे में किसानों का विरोध उनके लिए चिंता का विषय है…… कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इससे उनकी नींद उड़ गई है….. मोदी का भारतमाला ड्रीम प्रोजेक्ट है….. लेकिन किसानों की तीखी प्रतिक्रिया इसे प्रभावित कर रहा है…..

2024 में भाजपा मुख्यालय पर प्रोटेस्ट हुआ…….. जहां किसानों ने चुनाव प्रचार में घुसने नहीं देने की धमकी दी…… मोदी ने हाल ही में कहा कि किसानों और पशुपालन क्षेत्र से कोई समझौता नहीं होगा…… लेकिन किसान संतुष्ट नहीं हैं…… वहीं सोशल मीडिया पर किसानों के विरोध को हाइलाइट किया गया है….. कुछ लोगों का कहना है कि यह प्रोजेक्ट किसानों की कीमत पर है…… मेहसाणा के किसानों ने बड़े आंदोलन की धमकी दी है…… अगर सरकार नहीं मानी तो वे रेलवे और हाईवे ब्लॉक कर सकते हैं…… इससे प्रोजेक्ट और देर हो सकता है……. पहले से ही लैंड एक्विजिशन के कारण ठप है……वहीं यह विरोध पूरे देश में फैल सकता है…… पहले भी किसान आंदोलन हुए हैं…… सरकार को बातचीत करनी होगी…..

सरकार कहती है कि मुआवजा दिया जाएगा…. और प्रोजेक्ट जरूरी है…… लेकिन किसान चाहते हैं कि रूट बदला जाए या मुआवजा बढ़ाया जाए….. 2022 में नवसारी में जमीन बेचने पर रोक लगाई गई….. मोदी सरकार ने कहा कि किसानों की रक्षा की जाएगी…… लेकिन अभी समाधान नहीं निकला…….

आपको बता दें कि भारतमाला प्रोजेक्ट को लेकर मेहसाणा में किसानों में काफी गुस्सा है…… केंद्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट भारतमाला एक्सप्रेस हाईवे के तहत 156 गांवों के किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है…… किसानों को कम मुआवजा मिलने का आरोप लगाते हुए किसानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है….. किसानों की मांग है कि संशोधित दर के अनुसार मुआवजा दिया जाए…..

जानकारी के मुताबिक मेहसाणा के किसानों ने भारतमाला एक्सप्रेस हाईवे के लिए अधिग्रहीत की जा रही जमीन के लिए पर्याप्त बाजार मूल्य….. और नए कैलेंडर के मुताबिक मुआवजे की मांग की है…… किसानों को पर्याप्त मुआवजा नहीं मिलने पर आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है…… गौरतलब है कि बनासकांठा जिले में किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया है…… किसानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आरोप लगाया था कि कांकरेज, देवदार, लाखनी….. और थराद तालुका के किसानों को भारतमाला एक्सप्रेस हाईवे के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए कम मुआवजा मिल रहा है……

बनासकांठा जिले के किसानों का आरोप है कि किसानों को प्रति वर्ग मीटर मात्र 20-22 रुपये ही मिल रहे हैं…… जबकि किसानों के पास बिल्डरों और व्यापारियों द्वारा अधिग्रहीत जमीन 4000-4500 रुपये प्रति वर्ग मीटर मिल रही है…… इससे किसानों में आक्रोश है….. हालांकि किसानों ने अधिग्रहीत कृषि भूमि का पर्याप्त मुआवजा पाने के लिए स्थानीय स्तर पर कई बार गुहार लगाई थी…..

 

Related Articles

Back to top button