ठाकुर विधायकों पर बरसे बृजभूषण, देश के कितने टुकड़े करोगे?
बृजभूषण शरण सिंह ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि पूजा पाल को निकालकर सपा ने अच्छा किया... साथ ही उन्होंने ‘कुटुंब परिवार’ की राजनीति पर...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों उत्तर प्रदेश की राजनीति हमेशा से जाति, परिवारवाद और सत्ता की लड़ाई से भरी रही है.. हाल ही में एक ऐसा मुद्दा सामने आया है.. जिससे प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है.. भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने समाजवादी पार्टी की पूर्व विधायक पूजा पाल के पार्टी से निकाले जाने पर कहा कि पूजा पाल को निकालकर सपा ने अच्छा किया.. साथ ही ठाकुर समाज के विधायकों द्वारा बनाए जा रहे “कुटुंब परिवार” पर भड़कते हुए उन्होंने सवाल उठाया कि देश के कितने टुकड़े करोगे.. उन्होंने ठाकुर समाज की इस पहल से देश की एकता पर खतरा बताया.. बता दें कि बृजभूषण सिंह अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते है.. वो खुलकर अपनी बात रखते है. पूर्वांचल में उनका दबदबा कायम है.. जिससे उनकी सियासी पकड़ बहुत मजबूत है..
बता दें कि पूजा पाल उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक जाना-माना नाम हैं.. वे प्रयागराज से सपा की विधायक रही हैं. उनकी कहानी दुख और संघर्ष से भरी है.. पूजा के पति राजू पाल बसपा के विधायक थे.. लेकिन 2005 में उनकी हत्या कर दी गई.. हत्या का आरोप गैंगस्टर अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ पर लगा.. राजू पाल की मौत के बाद पूजा राजनीति में आईं.. और 2006 में उपचुनाव जीतकर विधायक बनीं.. वे कई बार चुनाव लड़ चुकी हैं और सपा से जुड़ी रही हैं.. हाल ही में योगी आदित्यनाथ सरकार के दौरान अतीक अहमद और अशरफ की मौत हुई.. एनकाउंटर में दोनों मारे गए.. पूजा पाल ने इस पर योगी सरकार की तारीफ की.. और विधानसभा में धन्यवाद दिया.. और उन्होंने कहा कि उनके पति के हत्यारों को सजा मिली.. जो योगी सरकार की वजह से संभव हुआ.. लेकिन सपा में यह बात अच्छी नहीं लगी.. सपा एक विपक्षी पार्टी है और योगी सरकार की आलोचना करती है. और पूजा की तारीफ को पार्टी विरोधी गतिविधि माना गया..
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पूजा पाल को पार्टी से निकाल दिया.. पार्टी ने कहा कि पूजा ने अनुशासन तोड़ा और सरकार की तारीफ करके सपा की छवि खराब की.. यह फैसला अचानक नहीं था.. पूजा पाल की पीड़ा थी, क्योंकि उनके पति की हत्या के बाद न्याय मिला.. लेकिन पार्टी में रहकर विपक्षी सरकार की तारीफ करना स्वीकार नहीं किया गया.. अब पूजा स्वतंत्र हैं और किसी भी पार्टी में जा सकती हैं.. बृजभूषण शरण सिंह कैसरगंज से पूर्व बीजेपी सांसद हैं.. और राजनीति में लंबे समय से सक्रिय हैं.. उन्होंने छात्र संघ से राजनीति शुरू की और कई बार सांसद बने.. वे भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं. जहां उन पर यौन शोषण के आरोप लगे थे. हालांकि वे इन आरोपों से इनकार करते रहे हैं..
आपको बता दें कि सपा के द्वारा पूजा पाल को पार्टी से निकाले जाने पर बृजभूषण ने सपा का समर्थन किया.. और उन्होंने कहा कि पूजा पाल को निकालकर सपा ने अच्छा किया.. अगर कोई सपा में रहकर योगी की तारीफ करेगा. तो पार्टी को बुरा लगेगा.. पूजा पाल की पीड़ा थी. लेकिन पार्टी अनुशासन जरूरी है..
वहीं बृजभूषण का यह बयान इसलिए औऱ अहम हो जाता है. क्योंकि बृजभूषण बीजेपी से हैं और योगी सरकार की तारीफ कर रहे हैं. वे खुद परिवारवाद पर बात करते हैं.. लेकिन उनके बेटे करण भूषण सिंह कैसरगंज से सांसद हैं. और प्रतीक भूषण सिंह विधायक. वहीं हाल ही में उत्तर प्रदेश में ठाकुर समाज के 49 विधायकों ने लखनऊ के एक फाइव स्टार होटल में बैठक की.. इस बैठक का उद्देश्य ठाकुर समाज के मुद्दों पर चर्चा करना था.. वे “कुटुंब परिवार” नाम से एक संगठन बना रहे हैं.. जो ठाकुरों की एकता बढ़ाएगा.. बैठक में समाज के विकास, रोजगार और राजनीतिक प्रतिनिधित्व पर बात हुई.. लेकिन इस बैठक ने राजनीति को गरम कर दिया है.. क्योंकि जातीय आधार पर संगठन बनाने से विवाद होता है..
वहीं ठाकुर विधायकों की बैठक के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया है.. और कयास लगाया जाने लगा कि यह बैठक कहीं योगी की कुर्सी के लिए खतरा तो नहीं बन रही है.. जिसको लेकर बृजभूषण शरण सिंह भड़क गए.. और उन्होंने कहा कि कुटुंब परिवार बनाकर क्या करोगे.. देश को कितना बांटोगे, कितने टुकड़े करोगे? राम को मानने वाले सबको साथ लेकर चलो.. वे ठाकुर हैं लेकिन जातीय आधार पर अलग संगठन के खिलाफ हैं.. बृजभूषण का कहना है कि इससे देश की एकता टूटेगी. उन्होंने सुझाव दिया कि बैठक में सभी को बुलाना चाहिए था, न कि सिर्फ ठाकुरों को..
वहीं यह बयान इसलिए चर्चा में है क्योंकि उत्तर प्रदेश में जातिवाद बड़ा मुद्दा है.. ठाकुर समाज बीजेपी का मजबूत आधार है. लेकिन हाल के चुनावों में कुछ असंतोष दिखा. बृजभूषण खुद ठाकुर हैं और बीजेपी में हैं. लेकिन वे राष्ट्रीय एकता पर जोर देते हैं. उत्तर प्रदेश में ठाकुर, ब्राह्मण, यादव, दलित आदि समुदायों के वोट अहम हैं.. बीजेपी ठाकुरों पर निर्भर है, क्योंकि योगी आदित्यनाथ ठाकुर हैं. लेकिन हाल के लोकसभा चुनावों में कुछ ठाकुर असंतोष दिखा. ठाकुर बैठक इसी असंतोष का नतीजा हो सकती है.. परिवारवाद पूरे भारत की राजनीति में मुद्दा है.. नेहरू-गांधी परिवार से लेकर मुलायम सिंह यादव परिवार तक. बृजभूषण खुद कहते हैं कि उनके स्कूलों में उनके बच्चे पढ़ते हैं, ताकि दूसरों का विश्वास बने. लेकिन विपक्ष उन्हें परिवारवादी कहता है.



