साहेब का रोड-शो सूना, गाड़ी में ही छुपे रहे मोदी, डंकापति की साख हिली!
मोदी की रोड-शो में उम्मीद के मुताबिक भीड़ नहीं जुटी... जिसके चलते गाड़ी से भी नहीं उतरे साहेब! क्या बीजेपी का करिश्मा अब फीका पड़ रहा है?

4पीएम न्यूज नेटवर्कः वाराणसी उत्तर प्रदेश की पावन नगरी है जो गंगा के किनारे बसी है….. और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है…… यहां की सड़कें हमेशा से राजनीतिक गतिविधियों से गूंजती रही हैं….. इसी कड़ी में 11 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने यहां एक रोड शो किया…… जो मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के साथ द्विपक्षीय बैठक से पहले आयोजित हुआ था…… वहीं रोड शो को लेकर मोदी की जमकर फजीहत हुई….. रोड शो के दौरान रोड पर भीड़ कम दिखी….. जिसको लेकर कहा जा रहा है कि मोदी का रोड शो पूरी तरह से फ्लाप रहा…… और डंकापति जी गाड़ी मैं बैठे रहे औप गाड़ी से बाहर नहीं निकले…… वहीं गोदी मिडिया इसे भव्य बता रही है…. औऱ जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है….. इस खबर में हम बात करेंगे कि क्या मोदी का वास्तव में साख खत्म होता जा रहा है….. गुजरात ल़ॉबी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं…… संघ ने मोदी के रिटायरमेंट का प्लान बना लिया है….. मोदी की गिरती लोकप्रियता से संघ ने भी आंख दिखाना शुरू कर दिया है…… और इन सबका गुजरात की राजनीति में क्या असर पड़ेगा…….
दो तोस्तों पहले बात करते हैं मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की….. जहां पर प्रधानमंत्री मोदी 2014 से लोकसभा सांसद हैं…… वहीं लगातार देश के मुखिया के वाराणसी का सांसद होने के बाद भी वाराणसी की जनता के मनमुताबित विकास नहीं हुआ है….. जिसका खामियाजा जनता को झेलना पड़ रहा है….. मोदी की राजनीति और वादों को सुन सुनकर जनता थक चुकी है….. यही कारण है कि मोदी की लोकप्रियता अब 2014 वाली नहीं रही है…… लोगों ने मोदी की रैली में जाना बंद कर दिया है…… तमाम रैलियों में जनता को लाने के लिए स्थानीय प्रतिनिधियों के द्वारा जनता को रूपये देकर बुलाया जाता है…. जिसका कई बार वीडियो भी सोशन मीडिया पर वायरल हुए है……
इसी क्रम में 11 सितंबर को मोदी वाराणसी पहुंचे….. जहां उनका मुख्य उद्देश्य मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम से मिलना था….. दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करने वाले थे….. लेकिन इससे पहले एक रोड शो आयोजित हुआ…… जो शहर की सड़कों पर चला…… रोड शो राजनीतिक नेताओं के लिए जनता से जुड़ने का एक तरीका होता है….. इसमें नेता गाड़ी से निकलकर लोगों से हाथ मिलाते हैं……. फूलों की वर्षा होती है और नारे लगते हैं……. मोदी जी के रोड शो हमेशा बड़े होते हैं…… लेकिन इस बार कुछ विवाद हो गया…… मोदी जी रोड शो के दौरान अपनी गाड़ी से बाह नहीं निकले…..
मोदी की लोकप्रियता कुछ संकेत गिरावट के हैं……. इंडिया टुडे के मूड ऑफ द नेशन सर्वे के अनुसार…… उनकी अप्रूवल रेटिंग 58 फीसदी है, जो फरवरी 2025 के 62 फीसदी से थोड़ी कम है…… यह ड्रॉप इकोनॉमिक स्लोडाउन, ट्रंप के साथ विवाद और वोट रिगिंग के आरोपों से जुड़ा लगता है……. रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया कि ट्रंप के टैरिफ और वोट रिगिंग चार्जेस से मोदी को चुनौती मिल रही है…… और उनका ब्रांड वैल्यू तेजी से गिर रहा है…… न्यूजवीक में लिखा है कि ट्रंप-मोदी ब्रोमांस खत्म होने से चीन को फायदा हो रहा है…… और भारत पश्चिम से दूर जा रहा है…..
वहीं गुजरात लॉबी का मतलब मोदी-शाह जैसे गुजराती मूल के नेताओं के प्रभाव से है…… कुछ रिपोर्ट्स में इसे चुनौती मिलने की बात है…… एक रिपोर्ट में गुजरात लॉबी vs नितिन गडकरी का जिक्र है…….. जहां आरएसएस-समर्थित गडकरी को गुजरात गुट से टकराव का सामना है…… लेकिन गुजरात मॉडल अभी भी डिबेट में है….. और रॉयटर्स की पुरानी रिपोर्ट में कहा गया कि यह मॉडल पूरे भारत में काम नहीं कर सकता…… लेकिन गुजरात में मजबूत है…… 2025 में गुजरात बायपोल्स में बीजेपी की हार से एंटी-बीजेपी सेंटिमेंट दिखता है, लेकिन यह राष्ट्रीय नहीं…..
आपको बता दें कि मोदी के 75 साल की उम्र पर रिटायरमेंट के दावे ने चुप्पी को और बढ़ा दिया है….. मोदी की साख कमजोर होते ही संघ ने आंख दिखानी शुरू कर दी है…. मोदी 2024 में अपनी लोकप्रियता के दम पर सरकार नहीं बना पाए….. और बैसाखियों का सहारा लेना पड़ा और तीसरी बार सत्ता में आए…… जिसके बाद से उनके चेहरे की चमक फीकी पड़ने लगी और समय- समय पर सभी सहयोगियों ने आंख दिखाना शुरू कर दिया….. और रिटायरमेंट की बात तेज होने लगी….. क्योंकि मोदी ने सत्ता में आते ही 75 साल पर रिटायरमेंट का प्लान बनाया था…… लेकिन तब मोदी को शायद यह खबर नहीं थी की यह नियम खुद पर भी लागू होगा….. लेकिन अब मोदी की बारी आ गई है….. जिसको लेकर तमाम तरह की खबरे निकलकर सामने आ रही है……
आपको बता दें कि आरएसएस और मोदी के रिश्ते में उतार-चढ़ाव की खबरें हैं……. फ्रंटलाइन में मोदी की 2025 नागपुर विजिट को बीजेपी-आरएसएस रिलेशन रीकैलिब्रेशन कहा गया….. बता दें कि गुजरात में बीजेपी मजबूत है, लेकिन संकेत बदलाव के हैं…… 2025 बायपोल्स में बीजेपी ने गुजरात में एक सीट गंवाई,…… जो एंटी-बीजेपी सेंटिमेंट दिखाता है….. एक्स पोस्ट्स में कहा गया कि गुजरात में भी सुरक्षित सीटें असुरक्षित हो रही हैं…… मोदी की गिरती लोकप्रियता से गुजरात मॉडल पर सवाल उठ रहे हैं…..
वहीं अब सवाल यह है कि क्या वाकई भाजपा का जादू खत्म हो रहा है….. बता दें कि 2024 लोकसभा चुनाव में मोदी जी ने वाराणसी से तीसरी बार जीत हासिल की……. लेकिन मार्जिन कम हुआ……. 2019 में 4.79 लाख वोटों से जीते थे….. 2024 में 1.52 लाख से चुनाव जीते….. जिसको लेकर विपक्ष वोट चोरी का आरोप लगा रहा है…… विपक्ष का कहना है कि मोदी ने वोट चोरी की है….. क्योंकि कई राउंड की गिनती होने तक मोदी चुनाव हार रहे थे लेकिन शाम होते ही चमात्कारिक परिवर्तन हुए और मोदी कांग्रेस प्रत्याशी से आगे चलने लगे और चुनाव जीत लिया….. जो यह दिखाता है कि चुनौती बढ़ रही है……. कांग्रेस के अजय राय ने अच्छा प्रदर्शन किया…… लेकिन भाजपा अभी भी सत्ता में है….



