भारतीय नौसेना की पनडुब्बी रेसक्यू क्षमता का ग्लोबल प्रदर्शन, सिंगापुर में रचा इतिहास

INS निस्तार और DSRV 'Tiger X' ने पहली बार हिंद महासागर के बाहर सफलतापूर्वक विदेशी पनडुब्बियों के साथ रेस्क्यू ड्रिल की. इस अभ्यास में 40 से ज्यादा देशों ने हिस्सा लिया.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः भारतीय नौसेना ने XPR-25 सिंगापुर में अपनी पनडुब्बी बचाव क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया. INS निस्तार और DSRV ‘Tiger X’ ने पहली बार हिंद महासागर के बाहर सफलतापूर्वक विदेशी पनडुब्बियों के साथ रेस्क्यू ड्रिल की. इस अभ्यास में 40 से ज्यादा देशों ने हिस्सा लिया.

भारतीय नौसेना ने अपनी क्षमता का शानदार प्रदर्शन करते हुए दुनिया को दिखा दिया कि वह पनडुब्बियों को
बचाने के क्षेत्र में कितनी सक्षम है. सिंगापुर में आयोजित एक्सरसाइज पैसिफिक रीच-2025 (XPR-25) में भारतीय
नौसेना की सबमरीन रेस्क्यू यूनिट (ईस्ट) ने INS निस्तार से हिस्सा लिया और लगातार तीन दिनों तक अंतरराष्ट्रीय पनडुब्बियों के साथ सफल रेस्क्यू ड्रिल करके इतिहास रच दिया.

यह बहुराष्ट्रीय अभ्यास 15 से 25 सितंबर 2025 तक चला, जिसमें 40 से ज्यादा देशों ने भाग लिया. इसे दो हिस्सों में बांटा गया था शोर फेज (1520 सितंबर) और सी फेज (2125 सितंबर). इसका मकसद अलग-अलग नौसेनाओं के बीच बेहतर समन्वय और किसी आपदा के समय तेजी से बचाव अभियान चलाने की तैयारी को मजबूत करना था. समुद्री चरण के दौरान भारतीय नौसेना का डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू व्हीकल (DSRV) Tiger X पहली बार हिंद महासागर से बाहर उतारा गया.

23 सितंबर को इसने दक्षिण कोरिया की नौसेना की पनडुब्बी Shin Dol-Seok (S-082) के साथ सफल मेटिंग की. इसके बाद भारतीय DSRV ने सिंगापुर की पनडुब्बी RSS Invincible के साथ भी मेटिंग कर ली. यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है क्योंकि यह पहली बार था जब भारतीय DSRV ने किसी विदेशी पनडुब्बी के साथ सफल रेस्क्यू अभ्यास किया.

तीन देशों की संयुक्त रेस्क्यू ड्रिल
अभ्यास का सबसे खास दिन 25 सितंबर रहा, जब पहली बार तीन देशों की रेस्क्यू यूनिट्स (भारत, जापान और सिंगापुर) ने मिलकर R3 Rescue Drill की. इस दौरान INS निस्तार ने नेतृत्व किया और सटीक लोकेशन सर्वे के बाद भारत के ROV और DSRV ने केवल एक घंटे में RSS Invincible (डूबती पनडुब्बी का सिमुलेशन) के साथ मेटिंग पूरी की.

इस ऑपरेशन ने भारतीय नौसेना की तेज़ी और दक्षता को साफ तौर पर दिखा दिया. भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका इस अभ्यास ने साबित किया कि भारत अब सिर्फ अपने क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी पनडुब्बियों की सुरक्षा और बचाव में अहम भूमिका निभाने की क्षमता रखता है. XPR-25 भारतीय नौसेना के लिए एक मील का पत्थर है, जिसने दुनिया को दिखाया कि भारत वैश्विक सबमरीन रेस्क्यू नेटवर्क में एक भरोसेमंद और सक्षम पार्टनर है.

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