BJP को लगातार कमजोर कर रही AAP, 2027 चुनाव में बदल सकती है सत्ता!

गुजरात में BJP को तोड़ रही AAP! AAP में लगातार शामिल हो रहे BJP नेता 2027 में गुजरात लॉबी को होगी मुश्किल!

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात की राजनीति में एक नया दौर शुरू होने के संकेत मिले हैं… 27 अक्टूबर को गुजरात के छोटा उदयपुर जिले के पुनियावांट क्षेत्र में आम आदमी पार्टी ने ‘गुजरात जोड़ो जनसभा’ का आयोजन किया.. इस विशाल सभा में हजारों की संख्या में लोग उमड़ आए.. यह सभा न केवल AAP की बढ़ती लोकप्रियता का प्रमाण बनी.. बल्कि भाजपा और कांग्रेस जैसे पारंपरिक दलों के कई बड़े नेताओं.. और सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने AAP का दामन थाम लिया.. पार्टी का दावा है कि इस एक ही सभा में 7 हजार से अधिक BJP.. और कांग्रेस के सदस्य शामिल हो गए। यह घटना गुजरात के आदिवासी.. और ग्रामीण इलाकों में AAP की मजबूत पकड़ को दर्शाती है.. जो आने वाले स्थानीय.. और विधानसभा चुनावों में बड़ा बदलाव ला सकती है..

वहीं यह जनसभा छोटा उदयपुर के पुनियावांट गांव में आयोजित हुई.. जो आदिवासी बहुल क्षेत्र है.. सभा का मुख्य उद्देश्य गुजरात के कोने-कोने से लोगों को जोड़ना.. और पार्टी के संगठन को मजबूत बनाना था.. AAP के गुजरात जोड़ो अभियान का हिस्सा होने के नाते.. यह कार्यक्रम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रणनीति का हिस्सा था.. जिसमें पार्टी ने जमीनी स्तर पर काम करके लोगों को भ्रष्टाचार-मुक्त शासन का वादा किया.. सभा में मंच पर डेढियापाड़ा के विधायक चैतर वसावा प्रमुखता से मौजूद थे.. उनके अलावा जिला अध्यक्ष राधिका राठवा, विधानसभा प्रभारी विनुभाई राठवा.. और छात्र नेता युवराज सिंह जाडेजा भी मंच पर थे.. इन नेताओं ने सभा को उत्साहपूर्ण बनाया और लोगों से सीधे संवाद किया..

आपको बता दें कि सभा की शुरुआत पारंपरिक आदिवासी नृत्यों.. और गीतों से हुई, जो स्थानीय संस्कृति को दर्शाती थी.. हजारों लोग गांवों और आदिवासी बस्तियों से पैदल.. बसों और ट्रैक्टरों पर सवार होकर पहुंचे… अनुमान के मुताबिक सभा में 10 हजार से अधिक लोग उपस्थित थे… भीड़ इतनी भारी थी कि आयोजकों को अतिरिक्त व्यवस्था करनी पड़ी.. सभा स्थल पर गुजरात जोड़ो के बैनर.. AAP के झंडे और केजरीवाल की तस्वीरें लगी हुई थीं.. नारों की गूंज से पूरा इलाका गुंजायमान हो गया.. लोग चिल्ला रहे थे गुजरात में भी केजरीवाल… आम आदमी की सरकार लाएंगे.. बदलाव का समय आ गया है.. भ्रष्टाचार हटाओ… देश बचाओ.. ये नारे न केवल उत्साह बढ़ा रहे थे.. बल्कि BJP की लंबे समय से चली आ रही सत्ता पर सवाल भी खड़े कर रहे थे..

इस सभा का सबसे चर्चित पहलू BJP और कांग्रेस के नेताओं का बड़े पैमाने पर AAP में शामिल होना था.. पार्टी के आधिकारिक बयान के अनुसार.. 7 हजार से अधिक कार्यकर्ताओं ने सदस्यता ली.. इनमें BJP के छोटा उदयपुर तालुका के कार्यवाहक अध्यक्ष राजेश राठवा प्रमुख थे.. राजेश राठवा एक प्रमुख कारोबारी नेता हैं.. जो BJP के आदिवासी मोर्चे में सक्रिय थे.. उनके अलावा कई पूर्व सरपंच, पूर्व तालुका पंचायत सदस्य.. और स्थानीय स्तर के BJP नेता शामिल हुए.. कांग्रेस की ओर से पूर्व तालुका पंचायत सदस्य.. और कई ग्राम स्तर के कार्यकर्ता AAP में आए..

चैतर वसावा ने इन नए सदस्यों का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया.. और उन्होंने आदिवासी परंपरा के अनुसार ‘खेस’ पहनाकर उनका सम्मान किया.. वसावा ने कहा कि आज आप सबका स्वागत है.. गुजरात में ईमानदार राजनीति की नई कहानी लिखी जाएगी.. BJP और कांग्रेस के भ्रष्टाचार से तंग आ चुके लोग अब AAP के साथ हैं.. राजेश राठवा ने शामिल होने के बाद कहा कि वे BJP की वादाखिलाफी से निराश थे.. और उन्होंने बताया कि स्थानीय स्तर पर विकास कार्यों में भ्रष्टाचार देखकर उन्होंने फैसला लिया.. एक पूर्व सरपंच ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि हमारे गांवों में बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं पहुंचीं.. AAP शिक्षा और स्वास्थ्य पर जो वादे कर रही है, वही सच्चा लगता है…

कांग्रेस के पूर्व सदस्यों ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की.. एक पूर्व पंचायत सदस्य ने कहा कि पार्टी में गुटबाजी से तंग आकर वे AAP की ओर मुड़े.. AAP का दावा है कि यह शामिल होना छोटा उदयपुर में अब तक का सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन है.. जिला अध्यक्ष राधिका राठवा ने बताया कि पिछले छह महीनों में पार्टी ने ग्रामीण इलाकों में 50 से अधिक छोटी-बड़ी सभाएं कीं.. जिनका नतीजा यह जनसभा है..

आपको बता दें कि सभा का मुख्य आकर्षण डेढियापाड़ा के विधायक चैतर वसावा का भाषण था.. 40 वर्षीय वसावा गुजरात विधानसभा के सबसे युवा सदस्यों में से एक हैं.. और आदिवासी समुदाय से आते हैं.. और उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि गुजरात की जनता अब पारंपरिक पार्टियों के झूठे वादों से तंग आ चुकी है.. BJP 20 साल से सत्ता में है, लेकिन आदिवासी इलाकों में स्कूल, अस्पताल और सड़कें आज भी सपना हैं.. कांग्रेस तो गुजरात में नाममात्र को बची है.. AAP ही वह विकल्प है जो बदलाव लाएगी.. वसावा ने साफ घोषणा की कि AAP किसी भी दल से गठबंधन नहीं करेगी.. और उन्होंने कहा कि हम स्थानीय चुनाव अकेले लड़ेंगे.. जनता को भ्रष्टाचार और वादाखिलाफी से आजादी चाहिए.. AAP यही लाएगी..

वहीं उनके भाषण में केजरीवाल मॉडल का जिक्र प्रमुख था.. वसावा ने दिल्ली और पंजाब के उदाहरण दिए.. जहां AAP ने मुफ्त बिजली, पानी और बेहतर शिक्षा दी.. और उन्होंने कहा कि गुजरात में भी यही होगा.. हर गांव में अच्छा स्कूल, हर घर में 24 घंटे बिजली होगी.. भाषण के दौरान भीड़ ने ‘चैतर वसावा जिंदाबाद’ और ‘केजरीवाल जिंदाबाद’ के नारे लगाए.. छात्र नेता युवराज सिंह जाडेजा ने युवाओं को संबोधित किया.. और उन्होंने कहा कि हमारी पीढ़ी भ्रष्टाचार से तंग है.. AAP हमें साफ-सुथरी राजनीति देगी.. विधानसभा प्रभारी विनुभाई राठवा ने संगठन की मजबूती पर जोर दिया… और बताया कि पार्टी अब हर गांव में बूथ स्तर पर कार्यकर्ता बना रही है..

वहीं यह जनसभा AAP के ‘गुजरात जोड़ो सदस्यता अभियान’ का हिस्सा थी… जो जुलाई 2025 में अरविंद केजरीवाल ने शुरू किया था.. अभियान का लक्ष्य 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी को मजबूत बनाना है.. गुजरात में AAP ने 2022 के चुनावों में 5 सीटें जीती थीं.. जिनमें चैतर वसावा की डेढियापाड़ा सीट भी शामिल थी.. तब से पार्टी ने आदिवासी और ग्रामीण इलाकों पर फोकस किया.. शिक्षा, स्वास्थ्य और भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चलाए गए.. छोटा उदयपुर जैसे आदिवासी जिले में पार्टी ने 100 से अधिक गांवों में घर-घर जाकर सदस्यता अभियान चलाया..

पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता ने बताया कि अभियान के तहत अब तक 2 लाख से अधिक नए सदस्य बने हैं.. छोटा उदयपुर में यह पहली बड़ी सभा थी, जो सफल रही.. अभियान में महिलाओं और युवाओं को प्राथमिकता दी गई.. राधिका राठवा ने कहा कि हमने महिलाओं के लिए अलग से कार्यक्रम किए.. जहां घरेलू हिंसा और शिक्षा पर चर्चा हुई.. यह अभियान BJP के गढ़ों को चुनौती दे रहा है.. जहां लंबे समय से सत्ता रही है..

यह सभा गुजरात की राजनीति में बड़ा मोड़ साबित हो सकती है.. छोटा उदयपुर आदिवासी बहुल जिला है, जहां BJP मजबूत रही है.. लेकिन AAP की बढ़ती पकड़ से BJP को चिंता हुई है.. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि 7 हजार सदस्यों का शामिल होना BJP के लिए झटका है.. AAP अब सिर्फ शहरी पार्टी नहीं रही.. ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में उसका प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है..

आगामी स्थानीय निकाय चुनावों (2026) और विधानसभा चुनावों (2027) में AAP निर्णायक भूमिका निभा सकती है.. वसावा ने कहा कि पार्टी अकेले लड़ेगी.. और 100 से अधिक सीटों पर मजबूत उम्मीदवार उतारेगी.. सभा ने दिखाया कि लोगों में बदलाव की चाहत है.. एक स्थानीय किसान ने कहा कि BJP ने वादे किए, लेकिन फसल बीमा तक नहीं मिला.. AAP से उम्मीद है.. यह सभा न केवल एक रैली थी, बल्कि संदेश थी कि गुजरात में नई हवा बह रही है..

छोटा उदयपुर में आदिवासी 70 प्रतिशत से अधिक हैं.. AAP ने उनके मुद्दों.. जमीन अधिकार, वन उत्पाद और शिक्षा पर फोकस किया.. वसावा जो खुद आदिवासी हैं.. उन्होंने कहा कि हम अपने लोगों की आवाज बनेंगे.. लेकिन चुनौतियां भी हैं.. BJP आदिवासी वोट बैंक पर निर्भर है.. और अब काउंटर अभियान चला सकती है.. कांग्रेस की अनदेखी से AAP को फायदा हुआ..

 

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