सुप्रीम कोर्ट ने निठारी कांड के दोषी सुरेंद्र कोली को किया बरी, 18 साल बाद रिहाई का रास्ता साफ

सुप्रीम कोर्ट ने 2006 के चर्चित निठारी सीरियल हत्याकांड में दोषी ठहराए गए सुरेंद्र कोली को सभी आरोपों से बरी कर दिया। अदालत ने कोली की सजा को रद्द करते हुए कहा कि अगर वह किसी और मामले में वांछित नहीं हैं, तो उन्हें तुरंत रिहा किया जाए। यह फैसला उन परिवारों और कानूनी हलकों के लिए अहम है, जो पिछले 18 वर्षों से इस मामले पर नजर रखे हुए थे।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि अभियोजन पक्ष सुरेंद्र कोली के खिलाफ ठोस और विश्वसनीय सबूत पेश नहीं कर पाया। अदालत ने माना कि जांच के दौरान कई गंभीर प्रक्रियागत खामियां रहीं, जिसके चलते दोषसिद्धि बरकरार नहीं रखी जा सकती। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि किसी व्यक्ति को सिर्फ परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर उम्रकैद या फांसी नहीं दी जा सकती, जब तक कि आरोप बिना किसी संदेह के साबित न हों।
कौन हैं सुरेंद्र कोली?
सुरेंद्र कोली 2006 के नोएडा निठारी कांड में मुख्य आरोपी थे। उस वक्त निठारी गांव में बच्चों के गायब होने और फिर उनके शवों के मिलने से पूरे देश में सनसनी फैल गई थी। जांच एजेंसियों ने कोली और उनके नियोक्ता मोनिंदर सिंह पंधेर को गिरफ्तार किया था। कोली को कई मामलों में दोषी ठहराया गया और उन्हें फांसी की सजा भी सुनाई गई थी, जिसे बाद में उम्रकैद में बदल दिया गया।
18 साल बाद मिला न्याय
कोली ने अपनी सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। अब अदालत ने उन्हें बरी करते हुए कहा कि न्याय का उद्देश्य सजा देना नहीं, बल्कि सच्चाई सामने लाना है।



