दुबई में पहली बार शुरू होगा डिजिटल स्काई ट्रैफिक लेन, ड्रोन टकराव होगा ZERO!
दोस्तों जैसा की आप जानते हैं दुबई, जो हमेशा से ही नवाचार और आधुनिकता का प्रतीक रहा है, अब आकाश को भी स्मार्ट सिटी की तरह संगठित करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। हाल ही में घोषित एक महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत, दुबई ड्रोन से होने वाले टकराव को रोकने के लिए 'डिजिटल स्काई ट्रैफिक लेन' विकसित कर रहा है।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: 4PM के इस चैनल पर हम आपके लिए लेकर आते हैं खाड़ी देशों से जुड़ी जरूरी जानकारी और रोचक कहानियां। साथ ही यहां हम दुनिया की बड़ी खबरों को आपके लिए सरल और मजेदार तरीके से पेश करते हैं। इसी कड़ी में आज हम जो जानकारी आपके लिए लेकर आये हैं वो बेहद ज़रूरी है।
दोस्तों जैसा की आप जानते हैं दुबई, जो हमेशा से ही नवाचार और आधुनिकता का प्रतीक रहा है, अब आकाश को भी स्मार्ट सिटी की तरह संगठित करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। हाल ही में घोषित एक महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत, दुबई ड्रोन से होने वाले टकराव को रोकने के लिए ‘डिजिटल स्काई ट्रैफिक लेन’ विकसित कर रहा है। यह सिस्टम अनमैन्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम ट्रैफिक मैनेजमेंट यानी UTM प्लेटफॉर्म पर आधारित है, जो ड्रोन को सड़क पर वाहनों की तरह सुरक्षित रूट प्रदान करेगा। यह न केवल दुबई की हवाई गतिशीलता को तेज करेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर ड्रोन उद्योग के लिए एक मॉडल भी स्थापित करेगा। तो आइए इस वीडियो के माध्यम से हम विस्तार से समझते हैं इसकी तकनीकी विशेषताएं, लाभ, चुनौतियां और भविष्य की संभावनाएं के बारे में साथ ही जानेंगे इससे जुड़े हर पहलू के बारे में।
दोस्तों आपको बता दें कि दुबई की अर्थव्यवस्था तेजी से डिजिटलीकरण की ओर बढ़ रही है, और ड्रोन इस परिवर्तन का एक अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। 2025 तक, संयुक्त अरब अमीरात में ड्रोन बाजार का मूल्य 10 अरब डॉलर से अधिक होने का अनुमान है। दुबई में ड्रोन का उपयोग डिलीवरी, निरीक्षण, आपातकालीन प्रतिक्रिया, कृषि निगरानी और यहां तक कि पर्यटन में हो रहा है। दुबई पुलिस ने हाल ही में दुनिया का सबसे तेज ड्रोन विकसित किया है, जो 580 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ सकता है, जो आग की घटनाओं की जांच में मदद करता है। लेकिन जैसे-जैसे ड्रोन की संख्या बढ़ रही है, वैसे-ही टकराव का खतरा भी बढ़ गया है।
सामने आई जानकारी के मुताबिक 2030 तक वैश्विक स्तर पर 1 करोड़ से अधिक ड्रोन सक्रिय होंगे, जो पारंपरिक विमानों के साथ संघर्ष पैदा कर सकते हैं। दुबई ने इस समस्या का समाधान UTM सिस्टम से करने का फैसला किया है, जो डिजिटल ‘स्काई लेन’ बनाकर ड्रोन को संगठित रास्ते देगा। यह परियोजना दुबई एयरशो 2025 में प्रदर्शित की गई, जहां 17 से 21 नवंबर तक वैश्विक कंपनियां भविष्य की उड़ान तकनीकों पर चर्चा कर रही हैं।
अब बात करते हैं UTM, यानी अनमैन्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट, एक नेटवर्क्ड सिस्टम है जो स्वचालित और मानवीय ऑपरेटरों का उपयोग करके ड्रोन ट्रैफिक को प्रबंधित करता है। यह कम ऊंचाई वाले हवाई क्षेत्र के लिए डिजाइन किया गया है, जहां ड्रोन उड़ते हैं। अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन यानी FAA द्वारा विकसित इस फ्रेमवर्क को दुबई ने अपनाया है। UTM ड्रोन को वास्तविक समय में ट्रैक करता है, संघर्षों का पता लगाता है और सुरक्षित रूट सुझाता है। सरल शब्दों में, यह आकाश में ‘ट्रैफिक सिग्नल’ की तरह काम करता है।
दुबई का UTM प्लेटफॉर्म डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के रूप में कार्य करेगा, जो बताएगा कि ड्रोन कहां उड़ सकते हैं, क्या बचना चाहिए और कैसे सुरक्षित रूप से गंतव्य तक पहुंचें। ANRA टेक्नोलॉजीज के चीफ स्ट्रैटेजी ऑफिसर ब्रेंट क्लावॉन के अनुसार, “यह सड़क के संकेतों की तरह है। जब हम एयरशो की ओर ड्राइव कर रहे थे, तो हमें पता था कि अगला एक्जिट कहां है और कहां नहीं जाना। यही हम ड्रोन के लिए बना रहे हैं।” यह सिस्टम न केवल टकराव रोकता है, बल्कि मौसम, नोटाम और रडार डेटा को एकीकृत करके समग्र हवाई चित्र देता है।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि यह परियोजना दुबई एविएशन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स यानी DAEP और दुबई एयर नेविगेशन सर्विसेज यानी DANS द्वारा शुरू की गई है, जिन्होंने सितंबर 2025 में ANRA टेक्नोलॉजीज को अनुबंध दिया। ANRA, जो अमेरिका स्थित एक प्रमुख UTM प्रदाता है, यूरोपियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी यानी EASA द्वारा प्रमाणित है। कंपनी दुबई में अपना स्थायी कार्यालय खोलेगी, जो मध्य पूर्व के लिए हब बनेगा। वहीं इसे लेकर ANRA के CEO अमित गंजू का कहना है कि “दुबई की दृष्टि को हमारी तकनीक के साथ जोड़कर, हम मध्य पूर्व और उसके आगे के लिए एक मॉडल बना रहे हैं।
DAEP के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन एच.ई. खलीफा अल जाफिन ने इसे “सुरक्षित और सुगम ड्रोन संचालन के लिए एक बड़ा कदम” बताया, जबकि DANS के CEO एच.ई. इब्राहिम अहली ने जोर दिया कि यह दुबई को एविएशन इनोवेशन में अग्रणी बनाएगा। आपको बता दें कि परियोजना दो वर्षों में पूरी होगी, और 2027 तक लॉन्च होगी। यह चरणबद्ध तरीके से लागू होगी, ताकि प्रारंभिक सुविधाएं जल्द उपलब्ध हों।
तो आइये अब आपको बताते हैं कि डिजिटल स्काई लेन काम कैसे करेगा। बता दें कि दुबई का UTM सिस्टम कई उन्नत फीचर्स से लैस है। सबसे पहले बात करते हैं एकीकृत डिजिटल एयरस्पेस पिक्चर की। जिसमें रडार, मौसम, NOTAM और लाइव ड्रोन को एकीकृत करके वास्तविक समय का दृश्य प्रदान करता है। इससे ऑपरेटरों को पूर्ण चित्र मिलता है। साथ ही फ्लाइट अप्रूवल, डायनामिक एयरस्पेस मैनेजमेंट, संघर्ष पहचान यानी ANRA का सॉफ्टवेयर सूट इसे शक्ति प्रदान करता है। इसके साथ अधिकारियों, ऑपरेटरों और क्लाउड सर्विसेज के बीच मजबूत डेटा एक्सचेंज भी हो सकेगा।
और बात करें भविष्य-तैयार डिजाइन की तो स्केलेबल आर्किटेक्चर जो काउंटर-ड्रोन सॉल्यूशंस, एडवांस्ड एनालिटिक्स, अर्बन एयर मोबिलिटी और एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट एकीकरण का समर्थन करेगा। डिजिटल स्काई ट्रैफिक लेन का मतलब है कि ड्रोन को वर्चुअल ‘लेन’ में उड़ना होगा, जैसे सड़क पर लेन। यदि दो ड्रोन के रास्ते टकराते हैं, तो सिस्टम स्वचालित रूप से रूट बदल देगा। यह दुबई कंट्रोल ट्रैफिक एरिया में लागू होगा, जो पूरे अमीरात को कवर करेगा। शौकिया उड़ानकर्ताओं से लेकर वाणिज्यिक ऑपरेटरों यानी जैसे अमेज़न डिलीवरी तक सभी को इससे लाभ होगा।
बात की जाए परियोजना 2025 की शुरुआत में शुरू हुई और 2027 तक पूरी तरह कार्यरत होगी। पूर्ण होने पर, सिस्टम DANS को सौंप दिया जाएगा, जो इसे संचालित करेगा। जनरल सिविल एविएशन अथॉरिटी यानी GCAA प्रमाणन के बाद, ड्रोन ऑपरेटरों को नए नियमों का पालन करना होगा। ANRA दुबई में विशेषज्ञता प्रदान करेगा। बात की जाए सुरक्षा की तो सुरक्षा से लेकर आर्थिक वृद्धि तक ये बेहद बेहरीन है। यह सिस्टम दुबई को कई लाभ प्रदान करेगा। सुरक्षा की बात की जाए तो इससे टकराव का जोखिम 90% तक कम होगा साथ ही ड्रोन और मानवयुक्त विमानों के बीच संघर्ष रोकेगा।
वास्तविक समय ट्रैफिक प्रबंधन से डिलीवरी समय 30% कम लगेगा। साथ ही UAM के लिए आधार, जैसे एयर टैक्सी। दुबई को मध्य पूर्व का हब बनाएगा। और तो और ग्रीन स्पेस मॉनिटरिंग के लिए AI ड्रोन, जैसे दुबई के 52 मिलियन वर्ग मीटर हरे क्षेत्रों की निगरानी रहेगी। आर्थिक रूप से, यह 2030 तक 5 अरब डॉलर का बाजार पैदा करेगा। वैश्विक स्तर पर, यह यूके, यूरोप और एशिया के शहरों के लिए बेंचमार्क बनेगा।
जैसा की आप जानते हैं दुबई की आकाशीय गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं। ड्रोन का उपयोग अब केवल शौकिया उड़ानों तक सीमित नहीं है, बल्कि वाणिज्यिक क्षेत्रों जैसे पैकेज डिलीवरी, इंस्पेक्शन, इमरजेंसी रिस्पॉन्स और सर्विलांस में भी हो रहा है। लेकिन व्यस्त हवाई क्षेत्र में ड्रोन और मानवयुक्त विमानों के बीच टकराव का खतरा बढ़ गया है। ANRA के अनुसार, यह UTM प्लेटफॉर्म ड्रोन को उड़ान के लिए सुरक्षित रूट प्रदान करेगा, ठीक वैसे ही जैसे सड़कों पर साइनबोर्ड और एक्जिट होते हैं। परियोजना की शुरुआत इस साल की शुरुआत में हुई और यह दो वर्षों में पूरी हो जाएगी। उसके बाद DANS इसे संचालित करेगा। इन सबके बीच चर्चा में आये UTM की अगर बात की जाए तो-
UTM एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो रीयल-टाइम डेटा पर आधारित है। इसमें रडार, मौसम, NOTAM और लाइव ड्रोन ट्रैकिंग को एकीकृत किया जाएगा। ड्रोन ऑपरेटर्स को उड़ान से पहले रजिस्ट्रेशन करना होगा, जहां सिस्टम उन्हें ‘डिजिटल ट्रैफिक लेन’ आवंटित करेगा। ये लेन ऊंचाई-आधारित कॉरिडोर होंगे, जहां ड्रोन बिना रास्ता क्रॉस किए सुरक्षित रूप से उड़ान भर सकेंगे। AI-आधारित अल्गोरिदम कॉन्फ्लिक्ट डिटेक्ट करेंगे और रूट ऑप्टिमाइज करेंगे, जैसे कि मौसम की बाधाओं से बचाव।सिस्टम सभी यूजर्स के लिए खुलेगा – हॉबी फ्लायर्स से लेकर कमर्शियल ऑपरेटर्स तक। उदाहरण के लिए, अमेजन या DHL जैसी कंपनियां डिलीवरी ड्रोन के लिए इसका उपयोग कर सकेंगी। दुबई कंट्रोल ट्रैफिक एरिया में यह लागू होगा, जो शहर के व्यस्त हवाई क्षेत्र को कवर करता है। ANRA के CEO अमित शाह के अनुसार, यह दुबई को मिडिल ईस्ट में ड्रोन इंटीग्रेशन का ब्लूप्रिंट प्रदान करेगा।
तो आइए दोस्तों साथ ही अब बात करते हैं ड्रोन ट्रैफिक प्रबंधन की चुनौतियों की। इसमें गोपनीयता, साइबर सुरक्षा और एकीकरण। दुबई का सिस्टम क्लाउड-बेस्ड एन्क्रिप्शन से सुरक्षित होगा। EASA प्रमाणन सुनिश्चित करेगा कि यह सख्त मानकों पर खरा उतरे। हालांकि, बढ़ती ड्रोन संख्या से डेटा ओवरलोड हो सकता है, जिसका समाधान AI एनालिटिक्स से होगा। बता दें कि वैश्विक रूप से, FAA और EASA UTM पर काम कर रहे हैं, लेकिन दुबई का सिस्टम सबसे उन्नत होगा। सिंगापुर और चीन में समान प्रोजेक्ट हैं, लेकिन दुबई की स्केलेबिलिटी अनूठी है। यह मध्य पूर्व के लिए ब्लूप्रिंट बनेगा, जहां सऊदी अरब भी इसी दिशा में बढ़ रहा है।
दुबई एयरशो 2025 में UTM को प्रदर्शित किया गया, जहां एयर टैक्सी, UAM और ड्रोन सिस्टम पर फोकस था। यह इवेंट UAE की स्मार्ट सिटी महत्वाकांक्षा को रेखांकित करता है। दुबई का डिजिटल स्काई ट्रैफिक लेन ड्रोन क्रांति को सुरक्षित और कुशल बनाने का एक क्रांतिकारी कदम है। 2027 तक, दुबई न केवल एक स्मार्ट सिटी होगा, बल्कि स्मार्ट स्काई का भी शहर बनेगा। यह परियोजना साबित करती है कि नवाचार सुरक्षा के साथ ही संभव है। भविष्य में, यह UAM को बढ़ावा देगा, जहां ड्रोन और एयर टैक्सी रोजमर्रा का हिस्सा बनेंगे। दुबई की यह पहल वैश्विक एविएशन को नई दिशा देगी, और हम सब इसके साक्षी बनेंगे।



