Bihar में Nitish Kumar करने जा रहे कुछ बड़ा? Jitan Ram Manjhi के बयान से हंगामा !

बिहार में सरकार बनाते ही NDA ने सीएम नीतीश कुमार को साइडलाइन करना शुरु कर दिया है...पहले तो सरकार बनते ही उनके हाथ से गृह मंत्रालय लेकर बीजेपी नेता और बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को सौंप दिया गया....

4पीएम न्यूज नेटवर्क: बिहार में सरकार बनाते ही NDA ने सीएम नीतीश कुमार को साइडलाइन करना शुरु कर दिया है…पहले तो सरकार बनते ही उनके हाथ से गृह मंत्रालय लेकर बीजेपी नेता और बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को सौंप दिया गया….

वहीं अब सीएम नीतीश कुमार के करीबी और NDA का प्रमुख सहयोगी ने ही कह दिया है कि गठबंधन की सरकार और इसमें कुछ कहा नहीं जा सकता है….एडजस्टमेंट की बात है……..जिसके बाद से एक बार फिर से बिहार की राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं के बाजार गर्म हो गए हैं…और सवाल उठ रहा है कि क्या सीएम नीतीश कुमार एडजस्टमेंट की राजनीति कर रहे हैं?….तो किसने सीएम नीतीश और NDA में एडजस्टमेंट की राजनीति का दिया बयान…जिससे हर ओर एक बार फिर से सीएम नीतीश की पलटी मारने की होने लगी चर्चा…

बिहार में नई सरकार के गठन और मंत्रालयों के बंटवारे के बाद से ही सियासी गलियारों में एक खास चर्चा गरम है….और वो चर्चा है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा गृह विभाग अपने पास न रखने को लेकर….दरअसल, ये पहली बार है जब नीतीश कुमार ने अपनी सरकार में गृह विभाग की कमान किसी और मंत्री को सौंपी है….इस बार ये विभाग उप-मुख्यमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी को मिला है….

परंपरागत रूप से, देश के ज्यादातर राज्यों में, खासकर बिहार जैसे संवेदनशील राज्य में, मुख्यमंत्री खुद ही गृह विभाग का प्रभार रखते हैं….ये सीधे तौर पर कानून-व्यवस्था और प्रशासन पर मुख्यमंत्री के नियंत्रण को दर्शाता है…. लेकिन इस बड़ी राजनीतिक परंपरा के टूटने पर केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी का बयान सामने आया है….जिससे भारी भूचाल मच गया है…और सीएम नीतीश कुमार के पास से गृह मंत्रालय जाने के बाद….उनका ये बयान सियासी मायने में काफी ज्यादा अहम माना जा रहा है….

तो जैसा कि आपने सुना जीतन राम मांझी ने कहा कि ये गठबंधन की सरकार और इसमें कुछ कहा नहीं जा सकता है….एडजस्टमेंट की बात है….साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि नीतीश कुमार ने अपनी सुविधा के लिए या कार्य की अधिकता के चलते एक युवा नेता के हाथ में गृह विभाग को सौंपा है……..मांझी के इस बयान के अब दो मायने निकाले जा रहे हैं……एक तरफ, वो सीएम नीतीश कुमार के फैसले का बचाव करते दिख रहे हैं….ये कहकर कि गठबंधन की सरकार में एडजस्टमेंट करना पड़ता है….दूसरी ओर, उनका ये कहना कि कि ये गठबंधन की सरकार और इसमें कुछ कहा नहीं जा सकता है……ये एक गहरे राजनीतिक आशंका को जन्म देता है कि गठबंधन की सरकार में कभी भी कुछ भी हो सकता है…इस कुछ कहा नहीं जा सकता है में ही कई अनकहे मतलब छिपे हुए हैं….

आपको बता दें कि गृह विभाग सिर्फ एक मंत्रालय नहीं होता…बल्कि, ये राज्य की प्रशासनिक और कानून-व्यवस्था की सुपर पावर की चाबी होता है….DM और SP के तबादले, पोस्टिंग और राज्य की आंतरिक सुरक्षा से जुड़े अहम फैसले सीधे इसी विभाग से नियंत्रित होते हैं….करीब 20 साल में ये पहली बार है…जब नीतीश कुमार ने इस विभाग को अपने पास नहीं रखा है….ये भाजपा, खासकर उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को मिली एक बड़ी राजनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है….साथ ही ये भाजपा के बढ़ते कद और नीतीश कुमार की पिछली सरकारों की तुलना में उनकी कमजोर स्थिति को भी दिखाता है….गठबंधन की राजनीति में अक्सर बड़ा सहयोगी दल ज्यादा महत्वपूर्ण विभागों पर दावा करता है…. जैसा कि इस वक्त भाजपा कर रही है….

मांझी का ये कहना कि गठबंधन की सरकार है, कुछ भी हो सकता है….एक तरह से NDA के अंदर सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ एक बड़ी साजिश की ओर इशारा करता है….जब गठबंधन के एक घटक दल का प्रमुख सार्वजनिक रूप से एडजस्टमेंट और कुछ कहा नहीं जा सकता जैसे शब्दों का इस्तेमाल करता है….तो ये दिखाता है कि सत्ता संतुलन में एक बड़ा बदलाव आया है…ये बयान उस धारणा को बल देता है कि ये फैसला नीतीश कुमार की स्वेच्छा से ज्यादा गठबंधन की मजबूरी का नतीजा हो सकता है….

अगर ये पूरी तरह से नीतीश कुमार की इच्छा होती…..तो मांझी इसे कार्य की अधिकता कहकर ही समाप्त कर देते…लेकिन एडजस्टमेंट पर जोर देना बताता है कि ये एक राजनीतिक मोलभाव का परिणाम है…जहां मुख्यमंत्री को एक महत्वपूर्ण विभाग छोड़ना पड़ा है….अब जीतन राम मांझी के बयान के मयाने निकाले जा रहे हैं कि क्या ये एनडीए सरकार की नींव की कमजोरी को दर्शा रहा है….क्या, कुछ भी हो सकता है…..वाला हिस्सा भविष्य की राजनीतिक अस्थिरता की आशंकाओं को हवा देता है…………

दोस्तों, नीतीश कुमार की राजनीति उनके पलटी मारने के लिए जानी जाती है और पहले उन्होंने कई बार गठबंधन बदले हैं….ऐसे में जब एक महत्वपूर्ण गृह विभाग सबसे बड़े भाजपा के पास चला जाता है…….तो नीतीश कुमार के पास प्रशासनिक नियंत्रण का एक अहम हथियार कमजोर होता है….इससे भाजपा को राज्य की प्रशासनिक मशीनरी पर ज्यादा पकड़ बनाने का मौका मिलता है….जो भविष्य में दोनों दलों के बीच सिरफुटव्वल और आंतरिक कलह का कारण बन सकता है…….

हालांकि, ये भी सच है कि मुख्यमंत्री के पास सामान्य प्रशासन, मंत्रिमंडल सचिवालय, निगरानी, और सारे अनावंटित विभाग अभी भी हैं….ये विभाग उन्हें प्रशासनिक नियंत्रण में सुपर पावर बनाए रख सकते हैं….लेकिन गृह विभाग का जाना, खास तौर पर पुलिस, खुफिया और कानून-व्यवस्था के मामलों में…. सीएम नीतीश कुमार की राजनीतिक आज़ादी पर अब बहुत बड़ा सवालिया निशान लग गया है….ये स्थिति भाजपा को भविष्य में नीतीश कुमार पर दबाव बनाने का मौका देगी…….खासकर अगर राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर कोई बड़ी समस्या आती है….

जीतन राम मांझी, जो खुद नीतीश कुमार के साथ काम कर चुके हैं और इस वक्त एनडीए का हिस्सा हैं…..उनका ये एडजस्टमेंट वाला बयान गठबंधन के भीतर की स्थिति को उजागर करता है….ये साफ इशारा है कि बिहार में सत्ता का केंद्र अब पहले की तरह एकतरफा नहीं रहा है और गठबंधन के भीतर शक्ति संतुलन अब भाजपा के पक्ष में झुका हुआ है……..ये राजनीतिक समीकरणों में एक बड़ा फेरबदल है…..जहां हर छोटा कदम भविष्य की बड़ी राजनीतिक उठापटक का कारण बन सकता है….

कुल मिलाकर, नीतीश कुमार के पास से गृह विभाग का जाना और उस पर जीतन राम मांझी का एडजस्टमेंट और कुछ कहा नहीं जा सकता वाला बयान…. ये सभी बातें इस नए NDA गठबंधन के भीतर की नाजुक स्थिति को दर्शाती हैं….कि अब बिहार की राजनीति में एक नया दौर शुरू हो गया है….जहाँ कुछ भी पक्का नहीं है…कोई नहीं बता सकता कि कल क्या होने वाला है….कौन किसके साथ रहेगा और सरकार कब तक चलेगी….हर तरफ़ बस अनिश्चितता और उलझन का माहौल है….जहां सरकार की स्थिरता गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच आपसी एडजस्टमेंट पर निर्भर करती है….और इस एडजस्टमेंट के विफल होने पर…

मांझी के शब्दों में कुछ भी हो सकता है….यानी ये सिर्फ विभागों का बंटवारा नहीं है….ये बिहार की सत्ता की रिमोट कंट्रोल वाली कंडीशन की लड़ाई है….जहां अब बीजेपी बड़ी पार्टी बनने के बाद सीएम नीतीश कुमार को पूरी तरह से कंट्रोल करना चाहती है….ऐसे में देखना अहम होगा कि केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के बयान के मुताबिक क्या सच में बिहार की राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है?…और सीएम नीतीश कुमार कबतक एडजस्टमेंट के दबाव में सरकार चलाएंगे……या फिर सीएम नीतीश कुमार चलती सरकार के बीच में ही कोई बड़ा खेल भी कर सकते हैं…

क्योंकि, कांग्रेस की ओर से तो उन्हें पहले ही साथ आने और 5 साल तक आराम से सरकार चलाने का ऑफर दिया चुका है……फिलहाल, बिहार में कब क्या हो जाए…ये को किसी को नहीं पता….लेकिन, मुख्यमंत्री पद की कुर्सी कैसे अपने पास रखी जाए ये सीए नीतीश कुमार बखूबी जानते हैं…..ऐसे में अब सभी की निगांहें सीएम नीतीश कुमार पर ही टिकी हुई हैं कि आखिर वो कबतक एडजस्टमेंट के इस गठबंधन में रहकर सरकार चलाएंगे या कोई बड़ा फैसला लेंगे?…….

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