अब नहीं बचेंगे ज्ञानेश, ममता ने लगाई लंका, 67 अधिकारी जाएंगे जेल ?

क्या पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले ज्ञानेश कुमार.... इस्तीफा दे देंगे... ये सवाल इसलिए उठा रहा है... क्योंकि ममता बनर्जी ने ज्ञानेश कुमार की लंका लगाकर रख दी है... वही ममता बनर्जी... जिनके सामने मोदी के चाणक्य की चाणक्यनीति फेल हो जाती है...

4पीएम न्यूज नेटवर्क: क्या पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले ज्ञानेश कुमार…. इस्तीफा दे देंगे… ये सवाल इसलिए उठा रहा है… क्योंकि ममता बनर्जी ने ज्ञानेश कुमार की लंका लगाकर रख दी है… वही ममता बनर्जी… जिनके सामने मोदी के चाणक्य की चाणक्यनीति फेल हो जाती है…

पिछले 15 सालों से जिसने पश्चिम बंगाल में भाजपा को घुसने नहीं दिया… वही ममता बनर्जी अब ज्ञानेश कुमार को कथित तौर पर… वोट चोरी का खेल पश्चिम बंगाल में खेल नहीं दे रही है… उनके नाक में ऐसा दम करके रख दिया है कि एक तरफ चुनाव आयोग के एक नहीं दो नहीं बल्कि 67 अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज हुई है… तो दूसरी तरफ ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग के खिलाफ…. 25 नवंबर को महारैली करने जा रही है… चुनाव आयोग के किन किन अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज हुई है… जिससे ज्ञानेश कुमार की कुर्सी पर तलवार लटक गई है… उसकी बात करेंगे… लेकिन उससे पहले… अब ममता किस तैयारी में… ज्ञानेश कुमार की बखिया उधेड़ने जा रही है… उसकी बात करते हैं…

दोस्तों… ज्ञानेश कुमार को लगा था कि जैसा खेला बिहार में हुआ है… वैसा पश्चिम बंगाल में करेंगे… जैसे बिहार में चुनाव के ऐन वक्त पर एसआईआर कराया गया… वैसे ही पश्चिम बंगाल में भी शुरु हो गया है… लेकिन ज्ञानेश साहब शायद भूल गए थे कि वहां पर… ममता बनर्जी की सरकार है… जिनके आगे भाजपा के धुरंधर फेल है… जिनके आगे भाजपा पश्चिम बंगाल में घुस नहीं पा रही है… 2011 से देखा जा रहा है कि जब से ममता बनर्जी मुख्यमंत्री बनी है… तब से चाहे विधानसभा का चुनाव हो… या फिर लोकसभा का चुनाव हो…

टीएमसी का वोट परसेंटज लगातार बढ़ता ही जा रहा है… यानी कि ममता की आंधी में भाजपा पश्चिम बंगाल से गायब है… अब उसी ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है… जिस तरह से एक के बाद एक बीएलओ अधिकारी… एसआईआर के दबाव की वजह से… अपनी जान दे रहे हैं… उसको देखकर पहले ममता बनर्जी ने…. ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखकर…. एसआईआर बंद करवाने की मांग की… लेकिन जब चुनाव आयोग की नींद नहीं खुली… तो अब 25 नवंबर को ज्ञानेश कुमार की…. बखिया उधेड़ने की पूरी तैयारी कर ली है… खबर देखिए लिखा… 25 नवंबर को हो सकता है बड़ा बवाल! बनगांव में ममता बनर्जी SIR के विरोध में रैली को करेंगी संबोधित

दोस्तों… आप खबर की हेडलाइन से समझ गए होंगे कि जब 25 नवंबर को एक तरफ मोदी अयोध्या पहुंचेंगे…. वहां पर राम मंदिर में ध्वजरोहण करेंगे… तो दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सड़कों पर उतरकर चुनाव आयोग की लंका लगाएंगी… हेडलाइन से साफ पता चल रहा है कि इससे बड़ा बवाल हो सकता है…. क्योंकि tmc कार्यकर्ता लोकतंत्र बचाओ और बंगाल का वोट बंगाल का हक जैसे नारे लगाएंगे…. दोस्तों… खबर है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी…25 नवंबर को उत्तर 24 परगना जिले के बनगांव में…. एसआईआर विरोधी रैली को संबोधित करेंगी… पहले ममता बनर्जी चांदपाड़ा से ठाकुरनगर तक 3 किमी लंबा मार्च निकालेंगी… फिर उसी दिन त्रिकोण पार्क में जनसभा को संबोधित करेंगी….

दोस्तों… बनगांव मतुआ समुदाय का गढ़ है…. तृणमूल कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि बनगांव को… एसआईआर विरोधी रैली और विरोध मार्च के आयोजन स्थल के रूप में इसलिए चुना गया है…क्योंकि इन इलाकों में मतुआ समुदाय के लोगों की भारी संख्या है… तृणमूल कांग्रेस ने पहले ही ये प्रचार शुरू कर दिया था कि एसआईआर के कारण… मतुआ समुदाय के लोगों के नाम… सूची से हटा दिए जाएंगे…. हाल ही में मतुआ समुदाय के संगठनों ने SIR के खिलाफ 13 दिनों का अनशन किया था… जो TMC के दबाव में खत्म हुआ… टीएमसी की तरफ से कहा गया कि चाहे दुनिया इधर की उधर हो जाए… लेकिन उनका नाम वोटर लिस्ट से नहीं कटेगा…

दोस्तों… आपको बता दें कि ये दूसरी एसआईआर विरोधी रैली और विरोध मार्च होगा…. जिसका नेतृत्व मुख्यमंत्री करेंगी… इससे पहले 4 नवंबर को ममता एसआईआर के खिलाफ कोलकाता की सड़कों पर उतरी थी… लेकिन तब चुनाव आयोग नहीं जागा… उसके बाद लगातार एक के बाद एक बीएलओ की आत्महत्या की खबरें सामने आने लगी… जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया… क्योंकि ऐसा सिर्फ पश्चिम बंगाल में नहीं हुआ है… बल्कि केरल… राजस्थान…

जयपुर और गुजरात जैसे राज्यों में बीएलओ अधिकारी अपनी जान दे चुके हैं… वजह… एसआईआर की वजह प्रेशर बताया जा रहा है… जिससे परेशान होकर अधिकारी ऐसा कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं… लेकिन चुनाव आयोग दोस्तों… हाथ पर हाथ रखकर सब तमाशा देख रहा है…. विरोध के बाद भी एसआईआर बंद नहीं हुआ… लेकिन अब यही एसआईआर ने चुनाव आयोग के 67 अधिकारियों के ऊपर एफआईआर दर्ज करवा दी है…

आजतक की खबर में देखिए लिखा… सख्त हिदायत के बावजूद… SIR में लापरवाही, 67 बीएलओ और सुपरवाइजरों पर गिरी गाज, FIR दर्ज… चुनाव आयोग की ओर से देश के 12 राज्यों में कराए जा रहे SIR में… लापरवाही पर गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है…. जिलाधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी मेधा रूपम के निर्देश पर मतदाता सूची संशोधन कार्य में…. ढिलाई बरतने वाले कुल 60 बीएलओ और 7 सुपरवाइजरों के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई है….

दरअसल, जिला प्रशासन की ओर से 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक चल रहे SIR को लेकर पहले ही साफ कर दिया गया था कि किसी भी स्तर पर कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी…. इसके बावजूद कई बीएलओ और सुपरवाइजर ने अभियान को गंभीरता से नहीं लिया…. निरीक्षण के दौरान लापरवाही सामने आई…. और उच्च अधिकारियों के निर्देशों की भी अनदेखी की गई…. इसी आधार पर जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए…. जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्रों दादरी…. नोएडा और जेवर में… एफआईआर दर्ज कराई है…. प्रशासन का कहना है कि मतदाता सूची का सही और समय पर पुनरीक्षण लोकतांत्रिक प्रक्रिया की बुनियाद है…

ऐसे में किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार्य नहीं है…. यानी दोस्तों… उत्तर प्रदेश में भी वोटर लिस्ट के साथ खेला करने की कोशिश हो रही है… एसआईआर के नाम पर सिर्फ तमाशा हो रहा है… बीएलओ की लपरवाही और ढिलाई की वजह से… लास्ट में बहुत लोगों के नाम लिस्ट से गायब कर दिए जाते हैं… लोग खुद सामने आते है… कहते हैं कि मेरा नाम कट गया है… मगर चुनाव आयोग कभी उनकी बात को सुनता ही नहीं है…

अपने कारनामों की वजह से खुद ज्ञानेश कुमार ने चुनाव आयोग की साख को दांव पर लगा दिया है… आयोग के अधिकारियों पर एफआईआर का ये पहला मामला नहीं है… इससे पहले कर्नाटक में भी एफआईआर दर्ज हुई है…
खबर देखि लिखा है… वोट चोरी मामले में शुरू हुई पुलिस जांच, फर्जी वोटरों के आरोप पर कर्नाटक में FIR दर्ज…

इस खबर के मुताबिक 2024 लोकसभा चुनाव से जुड़े कथित ‘वोटर चोरी’ घोटाले में अब एक बड़ा कदम उठ चुका है…. दरअसल… बेंगलुरु के इलेक्ट्रॉनिक सिटी पुलिस स्टेशन में व्हाइटफील्ड निवासी राजू द्वारा दी गई शिकायत पर FIR दर्ज कर ली गई है… उसका आरोप है कि महादेवपुरा…. विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर…. फर्जी वोटरों के नाम अवैध रूप से जोड़े गए थे…. उनका कहना है कि ये काम किसी एक व्यक्ति से नहीं हो सकता है…. इसमें राजनीतिक दलों के कुछ सदस्य, सरकारी अधिकारी और कुछ निजी लोगो की मिलीभगत रही होगी, तभी इतनी बड़ी धांधली संभव हो पाई है….

दोस्तों…आपको याद होगा कि राहुल ने बेंगलुरु की इसी महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में हुई वोट चोरी को लेकर खुलासा भी किया था… उसी मुद्दे को लेकर राजू ने आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई है….उनका कहना है कि ये सिर्फ गड़बड़ी नहीं, बल्कि जनता के जनादेश को प्रभावित करने की कोशिश थी…. इसलिए इसकी निष्पक्ष और व्यापक जांच बेहद ज़रूरी है… वहीं पुलिस ने शिकायत को स्वीकार करते हुए… FIR दर्ज कर ली है…. और प्रारंभिक जांच भी शुरू हो चुकी है…

यानी वोट चोरी का आरोप और एसआईआर… ज्ञानेश कुमार के लिए काल बन गया है… सोचिए जब चुनाव आयोग का दफ्तर को कालिख से पोता जाने लगे… तो आप समझ सकते हैं कि ज्ञानेश कुमार… चुनाव आयोग को क्या बना चुके हैं… जब बीएलओ अधिकारी खुद अपनी जान देने लगे… तो चुनाव आयोग की साख पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं… जब पूरा विपक्ष एक साथ चुनाव आयोग के खिलाफ सड़कों पर उतर रहा हो… प्रदर्शन हो रहे हो… नारेबाजी हो रही हो… तो समझ सकते हैं कि चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर धब्बा लग चुका है…

ऐसे में अगर वोट चोरी और बीएलओ की आत्महत्या पर सही से जांच होती है… और जो कर्नाटक के महादेवपुरा में जांच के आदेश दिए गए… अगर निष्पक्ष जांच होती है… तो ज्ञानेश कुमार के लिए हथकड़ी दूर नहीं होगी… उनको इस्तीफा तक देना पड़ सकता है… हालांकि एक बात तो सबको पता है कि जब सारे तंत्र मोदी सरकार के है… तो चुनाव आयोग के खिलाफ निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती है…

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