चैतर वसावा पड़े मोदी पर भारी, BJP–BAP के कई नेता AAP में शामिल
दाहोद की राजनीति में बड़ा फेरबदल देखने को मिला है... चैतर वसावा के प्रभाव और AAP की बढ़ती पकड़ के चलते BJP, कांग्रेस और BAP के कई बड़े...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों गुजरात की आदिवासी बहुल दाहोद लोकसभा सीट पर आम आदमी पार्टी के विधायक.. और प्रदेश अध्यक्ष चैतर वसावा की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है.. बता दें कि दाहोद जिले के फतेपुरा, लिमखेड़ा, झालोड़ और देवगढ़बारिया जैसे तालुकों में एक साथ कई बड़े सदस्यता कार्यक्रम आयोजित हुए.. इनमें भारतीय जनता पार्टी, भारत आदिवासी पार्टी और कांग्रेस के सैकड़ों पदाधिकारी व कार्यकर्ता अपने हजारों समर्थकों के साथ AAP में शामिल हो गए.. कार्यक्रमों में चैतर वसावा के भाषणों ने खूब तालियां बटोरीं.. स्थानीय लोग खुलकर कह रहे हैं कि चैतर भाई अब मोदी जी पर भी भारी पड़ रहे हैं.. उन्होंने आदिवासी समाज के लिए जो लड़ाई लड़ी है, वह सच्ची है…
आपको बता दें कि यह घटना गुजरात की आदिवासी राजनीति में एक बड़ा मोड़ है.. चैतर वसावा 2022 में AAP से डेडियापाड़ा विधानसभा सीट जीतकर आए थे.. अब दाहोद-छोटा उदेपुर बेल्ट में एक मजबूत चेहरा बन चुके हैं.. उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले 20 दिनों में 30 से ज्यादा ऐसे कार्यक्रम हो चुके हैं.. जिनमें 15,000 से अधिक लोग AAP की सदस्यता ले चुके हैं.. इनमें ज्यादातर BJP और BAP के पूर्व कार्यकर्ता हैं.. जो स्थानीय मुद्दों पर नाराजगी के कारण पार्टी बदल रहे हैं…
जानकारी के अनुसार आप का कार्यक्रम दाहोद जिले के विभिन्न हिस्सों में चला.. AAP के प्रदेश नेतृत्व ने इन्हें समन्वित रूप से आयोजित किया था.. मुख्य आकर्षण चैतर वसावा की मौजूदगी थी.. जिन्होंने हर जगह आदिवासी अधिकारों, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर जोर दिया.. यहां कांग्रेस के दाहोद तालुका यूथ कांग्रेस अध्यक्ष सुनीलभाई बारिया, जिला यूथ कांग्रेस अध्यक्ष अनिलभाई डांगी और युवा नेता राकेशभाई कांतिजा ने अपने 500 से अधिक समर्थकों के साथ AAP में प्रवेश किया.. सुनीलभाई बारिया ने कहा कि कांग्रेस में युवाओं को मौका ही नहीं मिलता.. चैतर भाई ने PESA कानून के क्रियान्वयन के लिए जो आंदोलन किया.. वह हमें प्रभावित कर गया.. हम अब AAP के साथ आदिवासी विकास के लिए लड़ेंगे.. वहीं कार्यक्रम में स्थानीय ग्रामीणों ने चैतर वसावा का पारंपरिक भील नृत्य से स्वागत किया..
BAP के संस्थापक सदस्य कमलेशभाई हठीला ने अपने परिवार और 300 कार्यकर्ताओं के साथ AAP जॉइन की.. कमलेशभाई, जो BAP की स्थापना के समय से सक्रिय थे.. उन्होंने बताया, BAP ने आदिवासियों को सिर्फ वोट बैंक बनाया.. चैतर वसावा ने वन अधिकार पट्टों के लिए धरना दिया.. पानी-बिजली के लिए अनशन किया.. यही सच्ची राजनीति है.. यहां 1,000 से ज्यादा लोग जुटे, और चैतर ने केजरीवाल मॉडल.. मुफ्त बिजली, मोहल्ला क्लिनिक को आदिवासी क्षेत्रों में लागू करने का वादा किया…
BJP के वरिष्ठ नेता हिरजीभाई मावी, मंडल अध्यक्ष प्रकाशभाई डामोर, युवा नेता शाहरुखभाई मालेक.. और मितेशभाई प्रजापति ने 400 से अधिक बूथ-स्तरीय कार्यकर्ताओं के साथ AAP का दामन थामा.. हिरजीभाई मावी ने कहा कि BJP में 15 साल से हूं.. लेकिन आदिवासी क्षेत्रों में सड़कें टूटी, स्कूल खस्ताहाल है.. चैतर भाई ने 2024 लोकसभा चुनाव में भरुच सीट पर BJP को कड़ी टक्कर दी.. वह साबित करता है कि बदलाव संभव है.. इन क्षेत्रों में महिलाओं की बड़ी संख्या थी.. जो AAP की महिला सशक्तिकरण योजनाओं से आकर्षित हुईं..
बता दें इन कार्यक्रमों में कुल 2,500 से ज्यादा लोग शामिल हुए.. AAP के प्रदेश अध्यक्ष चैतर वसावा ने हर जगह कहा कि यह कोई पार्टी तोड़ने की साजिश नहीं.. बल्कि आदिवासी समाज को एकजुट करने का प्रयास है.. BJP ने 30 साल राज किया, लेकिन आदिवासी अभी भी गरीबी रेखा से नीचे हैं.. हम दिल्ली मॉडल लाएंगे और 24 घंटे बिजली, अच्छे स्कूल, मुफ्त इलाज देने का काम करेंगे..
आपको बता दें कि चैतर वसावा का जन्म 1987 में नर्मदा जिले के डेडियापाड़ा में एक साधारण आदिवासी परिवार में हुआ.. भील समुदाय से ताल्लुक रखने वाले चैतर ने अपनी पढ़ाई गांव के ही स्कूल से की.. 2017 में वे भारत ट्राइबल पार्टी में शामिल हुए.. जहां वे चोटूभाई वसावा के करीबी रहे.. लेकिन 2022 में BTP से मतभेद के बाद वे AAP में आ गए.. उसी साल डेडियापाड़ा से AAP टिकट पर चुनाव लड़े.. और BJP के हितेशकुमार वसावा को 40,000 से ज्यादा वोटों से हरा दिया…
2024 लोकसभा चुनाव में चैतर ने भरुच सीट से AAP की ओर से ताल ठोंकी.. BJP के 6 बार के सांसद मनसुखभाई वसावा के खिलाफ वे लड़े.. और BJP की जीत का मार्जिन 3.34 लाख से घटाकर सिर्फ 85,000 रह गया.. यह आदिवासी बेल्ट में AAP की मजबूती का संकेत था.. चैतर ने जल, जंगल, जमीन के मुद्दों पर आंदोलन किए.. 2023 में वन अधिकार पट्टों के लिए धरना दिया.. तो 2024 में यूनिफॉर्म सिविल कोड के खिलाफ प्रदर्शन किया.. उनकी पत्नी शकुंतला वसावा भी इन आंदोलनों में साथ रहीं.. और 2023 में दोनों पर BJP सरकार ने फर्जी केस में जेल भेजा.. लेकिन AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने जेल जाकर उनका हौसला बढ़ाया..
चैतर की लोकप्रियता का राज उनकी जमीन से जुड़ाव है.. वे कहते हैं कि आदिवासी सिर्फ वोट नहीं, अधिकार चाहते हैं.. PESA कानून को लागू करो.. वन पट्टे दो, स्कूलों में शिक्षक भरो.. AAP ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया.. और अब वे 2027 विधानसभा चुनाव की रणनीति बना रहे हैं.. स्थानीय लोगों और नए सदस्यों से बातचीत में कई वजहें सामने आईं.. गुजरात में आदिवासी 15% आबादी हैं.. लेकिन विकास के मामले में पिछड़े हुए है.. दाहोद जिले में 70% से ज्यादा आबादी आदिवासी है.. फिर भी विकास की कमी है.. पिछले 10 साल में सड़कें, बिजली, पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है.. BJP सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे है..
आपको बता दें कि PESA कानून का पालन नहीं.. हजारों आदिवासियों को वन पट्टे नहीं मिले.. चैतर ने इन पर जोर दिया.. सरकारी स्कूलों में शिक्षक कम, अस्पतालों में दवा नहीं है.. AAP का मोहल्ला क्लिनिक, अच्छे स्कूल का वादा आम जनता को आकर्षित कर रहा है.. वहीं BAP ने 2022 में कुछ सीटें जीतीं.. लेकिन स्थानीय स्तर पर असफल रही..जिससे कई नेता निराश है.. वहीं कांग्रेस में युवाओं को मौका न मिलने से वलसाड के पूर्व MLA इश्वर पटेल जैसे नेता AAP में आ रहे हैं..
नवंबर 2025 की शुरुआत से चैतर वसावा दाहोद, छोटा उदेपुर, नर्मदा और भरुच में सक्रिय हैं.. 2 नवंबर को अहमदाबाद में AAP का प्रशिक्षण शिविर हुआ.. जहां स्थानीय चुनावों की रणनीति बनी.. 3 नवंबर को गुजरात जोड़ो अभियान शुरू हुआ.. 4 नवंबर को 11 गांवों में BJP का बहिष्कार किया.. 7 नवंबर को छोटा उदयपुर में कवांत तालुका में 8,000 BJP-BTP कार्यकर्ता आप में शामिल हो गए.. 8 नवंबर को कवांत में विशाल जनसभा का आयोजन हुआ.. और 16 नवंबर को नेतांग में जन सागर कार्यक्रम का आयोजन किया गया.. वहीं 20 नवंबर को वलसाड में 400 कांग्रेस नेता आप में शामिल हो गए… AAP के आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में 15,000 नए सदस्य बने.. जिसमें महिलाओं का हिस्सा 40% है…
वहीं राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं.. दाहोद की 7 विधानसभा सीटों (दाहोद, गारबाड़ा, फतेपुरा, लिमखेड़ा, झालोड़, देवगढ़बारिया) में BJP के पास 6 हैं.. लेकिन AAP की लहर से 3-4 सीटें खतरे में है.. 2024 में चैतर ने भरुच में BJP का वोट शेयर 10% घटाया.. स्थानीय पंचायत चुनावों में AAP मजबूत स्थिति में है.. BJP ने जवाब में 550 AAP कार्यकर्ताओं को अपने पाले में किया.. लेकिन चैतर की पकड़ मजबूत है.. जिसको लेकर चैतर ने कहा कि 2027 में हम 20 सीटें जीतेंगे.. आदिवासी भिलिस्तान की मांग को आगे बढ़ाएंगे..



