एमसीडी के उपचुनाव तय करेंगे भाजपा सरकार की दिशा

- असली मुकाबला तीनों दलों के बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा का
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। एमसीडी के 12 वार्डों पर चुनाव संपन्न हो गए। वोटिंग प्रतिशत हांलांकि कम रहा। सभी पार्टियां अपने-अपने जीत के दावे कर रहे हैं। सबसे बड़ी परीक्षा सत्ता पर काबिज भाजपा की होगी। रविवार को हुए उपचुनाव में भाजपा, आप और कांग्रेस के 36 समेत 51 उम्मीदवारों के बीच असली मुकाबला नहीं बल्कि तीनों दलों के बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा का है। उपचुनाव परिणाम सीधे तौर पर राजधानी की तीनों प्रमुख पार्टियों के वर्तमान नेतृत्व की क्षमता, पकड़ और विश्वसनीयता का आइना बनेगा। इस कारण तीनों पार्टियों के प्रमुखों ने उपचुनाव में आम चुनाव की तरह ताकत लगाई। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने भी चुनाव में ताकत लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी क्योंकि उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार कोई चुनाव हुआ है।
सीएम रेखा गुप्ता समेत 11 पार्षदों के विधायक बनने और कमलजीत सहरावत के पश्चिमी दिल्ली की सांसद के कारण इन 12 वार्डों में उपचुनाव हुआ। इन वार्डों में वर्ष 2022 में नौ में भाजपा व तीन में आप जीती थी। भाजपा और आप ने अपने वार्डों में दोबारा जीत हासिल करने के लिए संबंधित विधायक व सांसद की पसंद के उम्मीदवार उतारे। इस तरह उपचुनाव में जीत सिर्फ संगठन की नहीं बल्कि शीर्ष नेताओं के प्रभाव की भी परीक्षा होगी। दिलचस्प तथ्य यह है कि तीनों दलों के 36 उम्मीदवारों में एक भी कद्दावर नेता नहीं है।



