सदन में कोहराम, सड़क पर समस्याएं आम

- विपक्ष आर-पार की लड़ाई के मूड में
- एसआईआर रोकने के बजाए सरकार दिल्ली में लागू करने की कर रही तैयारी
- संचार साथी ऐप के प्री-इंस्टॉलेशन को लेकर संसद से सड़क तक हंगामा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होते ही देश को उम्मीद थी कि महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की आय, गिरती अर्थव्यवस्था, महिलाओं की सुरक्षा और राज्यों की वित्तीय परेशानियों पर गंभीर चर्चा होगी। लेकिन सत्र की पहली सुबह का दृश्य कुछ और बोलता दिखा संसद के अंदर बहस नहीं बल्कि सड़क पर आंदोलन की तस्वीरे समाने आयी।
विपक्ष सड़क पर खड़ा है, सरकार सत्ता के किले में बंद दिखायी दे रहा है। शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन भी हंगामेदार रहा। सरकार और विपक्ष के बीच किसी भी स्तर पर संवाद नहीं बन पाया। सुबह की शुरूआत एसआईआर के खिलाफ कांग्रेस, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आरजेडी और लेफ्ट पार्टियों के संयुक्त प्रदर्शन से हुई। वहीं संचार साथी ऐप के प्री-इंस्टॉलेशन को लेकर संसद से सड़क तक हंगामा मच गया।
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने दी हिदायत
लोकसभा में जारी हंगामे के बीच लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बार-बार सांसदों से उनके स्थानों पर लौटने और सदन की कार्यवाही जारी रखने का अनुरोध किया, लेकिन नारेबाजी लगातार जारी रही। इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए स्पीकर ने कहा कि आज जो व्यवहार मैं सदन और सदन के बाहर देख रहा हूं जिसमें सांसद संसद के बारे में बोल रहे हैं वह न केवल संसद के खिलाफ है बल्कि देश के खिलाफ भी है। लोकतंत्र में विपक्ष होता है लेकिन गौरव और शिष्टाचार होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में जो दुनिया का मार्गदर्शन करता है हमारी संसदीय परंपराएं और गरिमा उच्चतम स्तर की होनी चाहिए। सदन में विरोध का स्वर कम नहीं हुआ और सदन को दोपहर तक के लिए स्थगित कर दिया गया। बता दें कि शीतकालीन सत्र की शुरुआत उथल-पुथल भरे माहौल में हुई थी सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों को असंयमित व्यवहार से बचने की चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि संसद में ड्रामा नहीं होना चाहिए और संसदीय ध्यान नीति निर्माण पर होना चाहिए न कि नारेबाजी पर।
राज्यसभा में हंगामा, स्थागित
एसआईआर पर चर्चा के लिए आज राज्यसभा में भी भारी हंगामा देखने को मिला। विपक्षी दलों ने एसआईआर के मुद्दे पर तुरंत चर्चा कराए जाने की मांग रखी। विपक्ष ने अपनी इस मांग को लेकर सदन में जमकर विरोध किया और जोरदार नारेबाजी की। विपक्ष के इस हंगामे के बीच कुछ देर सदन की कार्यवाही चली लेकिन सदन में हंगामा जारी रहने पर सभापति ने सदन को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। दरअसल विपक्ष के कई सदस्यों ने नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए नोटिस दिया था।
एसआईआर में लोग मर रहे स्थिति गंभीर : खरगे
सदन में बोलते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि कई सदस्यों ने नियम 267 के तहत नोटिस दिया है। संसदीय परंपरा के मुताबिक नोटिस देने वाले इन सदस्यों के नाम तथा उनके मुद्दों को सदन में बताया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम एसआईआर पर एक गंभीर चर्चा चाहते हैं। लोग मर रहे हैं स्थिति गंभीर है। खरगे ने कहा कि लगभग 28 लोगों की मौत हो चुकी है। यह अत्यंत जरूरी विषय है। सदन में इस विषय पर अविलंब चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने राज्यसभा के सभापति से आग्रह किया कि लोकतंत्र, जनता और देशहित में इस विषय पर तुरंत चर्चा की अनुमति दी जाए। वहीं सदन में हो रहे हंगामे पर राज्यसभा के सभापति ने कहा कि जब तक सदन सुव्यवस्थित नहीं होगा, वे सभी सदस्यों को नहीं सुन सकते। उन्होंने कहा कि खरगे द्वारा उठाए गए मुद्दों पर उन्होंने तुरंत संसदीय कार्य मंत्री से प्रतिक्रिया मांगी थी और मंत्री ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए समय मांगा है।
देश को तानाशाही की तरफ ले जा रहे : प्रियंका गांधी
संचार साथी ऐप के प्री-इंस्टॉलेशन को लेकर संसद से सड़क तक हंगामा मच गया है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने इसे प्राइवेसी का उल्लंघन बताया है। प्रियंका गांधी ने कहा है कि फ्रॉड की रिपोर्टिंग और लोगों की प्राइवेसी का उल्लंघन करने के बीच एक महीन लाइन है और हाल के ऑर्डर में प्राइवेसी का उल्लंघन किया गया है। दरअसल, डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन्स के भारत में बने या इंपोर्ट किए गए सभी मोबाइल हैंडसेट में संचार साथी ऐप का प्री-इंस्टॉलेशन जरूरी करने के कदम से सियासी हंगामा मच गया है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने उस हालिया ऑर्डर की आलोचना की, जिसमें सभी मोबाइल में साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग ऐप संचार साथी का प्री-इंस्टॉलेशन जरूरी कर दिया गया है।
डेमोक्रेसी का ड्रामा करने वाले हमें लेक्चर नहीं दे सकते : प्रियंका चतुर्वेदी
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष एसआईआर के विषय पर चर्चा की मांग को लेकर अड़ा है। सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही से पहले शिवसेना-यूबीटी की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि जो लोग ड्रामा की बात करते हैं और डेमोक्रेसी का ड्रामा करते हैं वह लोग हमें लेक्चर नहीं दे सकते। सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि अगर आप एसआईआर करना चाहते हैं, तो देखिए कि इसे कैसे लागू किया जा रहा है। बीएलओ लगातार भेजे जा रहे हैं और 30 से ज्यादा लोग मर चुके हैं। इससे पता चलता है कि किस तरह का दबाव और टारगेट थोपा जा रहा है।
संचार साथी ऐप ऑप्शनल, यूजर्स कर सकते हैं डिलीट : ज्योतिरादित्य
संचार साथी ऐप को अपने मोबाइल फोन में रखना अनिवार्य नहीं है। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का कहना है कि संचार साथी ऐप ऑप्शनल है, अगर कोई चाहे, तो इसे अपने मोबाइल फोन से हटा भी सकता है। इसके जरिए न कोई स्नूपिंग होगा ना कॉल मॉनिटरिंग होगी। विपक्ष बेवजह इसे बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है। दूरसंचार विभाग ने मोबाइल हैंडसेट विनिर्माताओं और आयातकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि सभी नये मोबाइल उपकरणों में धोखाधड़ी की सूचना देने वाला ऐप ‘संचार साथी पहले से मौजूद होना चाहिए।




