भाजपा ने जनता के साथ 72 प्रतिशत का किया धोखा : टीकाराम

- सरकार के वादों पर नेता प्रतिपक्ष जूली ने दी सीएम को डिबेट की चुनौती
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जयपुर। राजस्थान की भजनलाल सरकार अपने कार्यकाल के 2 साल पूरे होने का जश्न मना रही है। दो वर्षों में किए कामों को लेकर हर जिलें में प्रचार रथ भेजे गए हैं। वहीं कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार को चुनौती दी है कि सरकार जो वादे पूरे करने का दावा कर रही है उस पर मैं सीएम भजनलाल शर्मा से डिबेट करने के लिए तैयार हूं। जूली ने भजनलाल सरकार के दो साल के कार्यकाल को पूरी तरह विफल बताते हुए सरकार के 72प्रतिशत वादे पूरे के दावे को प्रदेश की जनता के साथ 72 प्रतिशत का धोखा करार दिया।
उन्होंने कहा कि दो साल में सरकार ने एक भी प्रेस कान्फ्रेंस नहीं की, यह दिखाने के लिए काफी है कि सरकार मीडिया और जनता के प्रति कितनी गंभीर है। आर्थिक हालात पर हमला बोलते हुए जूली ने कहा कि सरकार कर्ज लो और घी पियो की नीति पर चल रही है और दो साल में 1.55 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बढ़ा दिया गया है। विकास कार्यों की तुलना में ब्याज भुगतान पर ज्यादा खर्च हो रहा है, जिससे प्रदेश का विकास ठप पड़ा है। केंद्र से मिलने वाली सहायता भी अपेक्षा के अनुरूप नहीं मिली और बजट घोषणाओं में से केवल 27 प्रतिशत ही पूरी हुई हैं।
कानून व्यवस्था को लेकर उन्होंने कहा कि अगस्त 2023 से जुलाई 2025 के बीच 39,974 गंभीर अपराध दर्ज हुए हैं, जबकि सजा की दर महज 0.4 प्रतिशत है। भ्रष्टाचार के मामलों में अभियोजन स्वीकृति नहीं दी जा रही, जिससे अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। अरावली की नई परिभाषा का विरोध करते हुए उन्होंने इसे खनन माफियाओं को फायदा पहुंचाने और राजस्थान को रेगिस्तान बनाने की साजिश बताया। रिफाइनरी मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भाजपा ने पहले काम रोककर लागत बढ़ाई और अब कांग्रेस सरकार के काम का श्रेय लेने का प्रयास कर रही है।
संकल्प पत्र के वादों की हकीकत रखी सामने
नेता प्रतिपक्ष ने संकल्प पत्र के वादों की हकीकत सामने रखते हुए कहा कि किसान सम्मान निधि में 12,000 रुपए के वादे के बावजूद किसानों को केवल 9,000 रुपए दिए गए, जो सीधी वादाखिलाफी है। जल जीवन मिशन के तहत 2025 तक हर घर जल का लक्ष्य विफल हो चुका है और 34 लाख घर आज भी प्यासे हैं। एमएसपी पर मूंग, उड़द और मूंगफली की खरीद के वादे पूरे नहीं हुए, किसान टोकन के लिए भटक रहे हैं, जबकि गेहूं और बाजरे की रूस्क्क का वादा भी अधूरा है। पारदर्शी स्थानांतरण नीति के नाम पर प्रदेश में तबादला उद्योग चल रहा है और करीब 8 लाख कर्मचारी ठगे गए हैं। स्कूल ड्रेस योजना में 1200 रुपए के वादे के मुकाबले 600 रुपए ही दिए जा रहे हैं और उसमें भी गरीब वर्गों के साथ भेदभाव किया गया है।



