संकल्प पत्र को जमीन पर उतारने की तैयारी में सरकार, केंद्रीय योजनाओं पर भी फोकस
लखनऊ। प्रदेश प्रचंड बहुमत से साथ सत्ता में लौटी भाजपा अब अपने संकल्प पत्र को जमीन पर उतारने की तैयारी में जुट गयी है। नये बजट में संकल्प पत्र और केंद्रीय योजनाओं की छाप दिखाई देगी। इसमें मुफ्त सिलेंडर, राशन और किसानों को सिंचाई के लिए बिजली की सौगात मिल सकती है। प्रस्तावों को तैयार करने में विभाग जुटे हैं और प्राथमिकताओं पर मंथन किया जा रहा है। योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में विभागों को शीर्ष स्तर से कुछ प्रमुख बातों को ध्यान में रखकर बजट प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है। मसलन, पिछले वर्षों में जिन योजनाओं में बजट प्रावधान अधिक किया जाता रहा है लेकिन बड़ी राशि खर्च नहीं हो पाती है, वहां कम आवंटन का प्रस्ताव किया जाए। जहां आवंटन कम होता है लेकिन बीच में अधिक राशि की आवश्यकता के लिए पुनर्विनियोग (एक मद में प्रावधानित राशि में बचत की दशा में दूसरे मद में अतिरिक्त खर्च की आवश्यकता पर आवंटन) की आवश्यकता होती है, वहां आवश्यकतानुसार आवंटन बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा ऐसी योजनाओं पर पुनर्विचार करने को कहा गया है जहां भारी भरकम राशि खर्च नहीं हो पा रही है। इसके अलावा सभी विभागों को ज्यादा से ज्यादा रोजगारपरक योजनाएं तैयार करने को कहा गया है। इसके अलावा सभी विभाग लोक कल्याण संकल्प पत्र में अपने-अपने विभाग से संबंधित वादों को चिह्नित कर प्राथमिकताएं तय कर रहे हैं। देखा जा रहा है कि किस वादे को पहले ही बजट में पूरा किया जाना जरूरी है।
अधूरे प्रोजेक्ट को प्राथमिकता
सड़क, बिजली, हर घर पानी, मेट्रो व पूर्व घोषित चार एक्सप्रेसवे जैसे अधूरे प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक बजट प्रावधान तय है। साथ ही लोक कल्याण संकल्प पत्र में शामिल उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को वर्ष में दो गैस सिलेंडर देने के वादे को पहले ही बजट में शामिल करने की तैयारी है। राज्य सरकार ने मुफ्त राशन भी अगले तीन महीने के लिए बढ़ा दिया है। इस पर आने वाले खर्च की व्यवस्था होगी। किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली की सौगात भी पहले ही बजट में मिल सकती है।
केंद्रीय योजनाओं पर भी फोकस
केंद्र सरकार ने राज्यों में इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित कार्यों के लिए एक लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। प्रदेश को इसमें से 15 से 17 हजार करोड़ रुपये मिल सकता है। इससे संबंधित प्रस्ताव बजट का हिस्सा हो सकता है। इसी तरह पीएम गतिशक्ति योजना का केंद्रीय बजट में ऐलान किया गया है। सरकार इस योजना को यूपी में क्रियान्वित कर अधिकाधिक लाभ लेने के प्रयास में है। गंगा किनारे पांच किलोमीटर के दायरे में प्राकृतिक खेती के प्रोत्साहन का भी केंद्र ने ऐलान किया है। यूपी सरकार इसका भी फायदा उठाना चाहती है। किसानों की खेती में ड्रोन के उपयोग को बढ़ाने के लिए नई योजना आ सकती है। डिजिटल यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव भी नए बजट का हिस्सा हो सकता है।