भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय के खिलाफ एफआईआर

बेंगलुरु। बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय के खिलाफ कांग्रेस ने एफआईआर दर्ज कराई है। बीजेपी नेता का खिलाफ कांग्रेस नेता के रमेश बाबू की शिकायत के बाद बेंगलुरु के हाई ग्राउंड्स थाने में शिकायत दर्ज की गयी है। मालवीय पर राहुल गांधी के खिलाफ कांग्रेस ने ट्वीट करने का आरोप लगाया है। नेता राहुल गांधी के खिलाफ ट्वीट के लिए बेंगलुरु के हाई ग्राउंड्स पीएस में आईपीसी की धारा 153 ए, 120 बी, 505 (2), 34 के तहत बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे भाजपा को जब भी कानूनी दौर से गुजरना पड़ता है तो वे रोना शुरू करते हैं। उन्हें देश के कानून का पालन करने में समस्या है। मैं बीजेपी से पूछना चाहता हूं कि एफआईआर का कौन सा हिस्सा गलत इरादे से दर्ज किया गया है। हमने कानूनी राय लेने के बाद ऐसा किया है।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा से जब पत्रकारों ने पूछा कि बीजेपी आईटी सेल अमित मालवीय के खिलाफ कांग्रेस ने कर्नाटक में एफआईआर दर्ज कराई है। इस पर उन्होंने कहा कि एक ही हुई है, ये अच्छी खबर नहीं है, उनके खिलाफ और मामला दर्ज होनी चाहिए। जिस तरह से वह ना केवल सच के साथ खिलवाड़ करते हैं, किसी की चरित्र और छवि के साथ खिलवाड़ करते हैं। उसे देखते हुए और मामला दर्ज होनी चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि देश की छवि बिगाडऩे में किसी का सबसे ज्यादा हाथ है तो वो बीजेपी आईटी सेल का है। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा पर किसी एक व्यक्ति ने पानी फेरा है वो अमित मालवीय ही हैं। मैं तो हैरान हूं कि केंद्र सरकार ने उनके खिलाफ अभी तक एफआईआर दर्ज क्यों नहीं कराई।
एफआईआर दर्ज होने के बाद अमित मालवीय ने कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के एक भाषण को निशाना बनाया और कहा कि कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार कहना चाहते है कि सिद्धारमैया एक प्रशासक या मुख्यमंत्री के रूप में भी अच्छे नहीं हैं। अमित मालवीय ने आगे कहा कि अभी कुछ महीने भी नहीं हुए हैं और दोनों गुटों के बीच आंतरिक युद्ध ने कर्नाटक सरकार को पंगु बना देने का खतरा पैदा कर दिया है। 5 गारंटी भी लागू नहीं की गई।
आपको बता दें कि कल हासन में कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने अपने भाषण में कहा कि कई लोग राज्य में सुरंगों और फ्लाईओवरों के निर्माण का सुझाव देते हैं। पिछली सिद्धारमैया सरकार में वे स्टील ब्रिज बनाना चाहते थे, लेकिन इस पर भारी हंगामा हुआ। उस समय सिद्धारमैया डर गए और इस प्रोजेक्ट से पीछे हट गए। अगर मैं होता तो मैं नहीं झुकता और इस परियोजना पर आगे नहीं बढ़ता।

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