भाजपा के पूर्व सांसद संजय सेठ की अवैध बिल्डिंग को तोडऩे में हाथ क्यों कांप रहे हैं अफसरों के
- संजय सेठ की कंपनी का भी अवैध पेंट हाउस है इस बिल्डिंग में
- कैंट में भी एक विवादित कोठी पर अमित शाह को ले गये थे संजय सेठ
- एक नोटिस भेजने पर ही धमका दिया एलडीए के अफसरों को संजय सेठ ने
- जॉपलिंग रोड पर शालीमार एमराल्ड में अवैध रूप से करोड़ों के पेंट हाउस बना रखे हैं शालीमार ग्रुप ने
- एलडीए से आठ फ्लोर का नक्शा पास कराकर नौवें फ्लोर पर पेंट हाउस बना डाले शालीमार ने
- गरीबों के आशियाने पर बुल्डोजर चलाने वाले एलडीए की हिम्मत नहीं हो रही शालीमार की तरफ देखने की भी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ में अगर आप किसी भी जमीन पर थोड़ा भी अवैध निर्माण कराते हैं तो एलडीए का बुल्डोजर पलक झपकते ही आपकी पूरी बिल्डिंग को तहस नहस कर देगा। मगर आप संजय सेठ की तरह भाजपा के पूर्व सांसद हैं तो आपको पूरी छूट है कि आप अपनी बिल्डिंग में जितना चाहें उतना अवैध निर्माण करवा लें। एलडीए के अफसरों की हिम्मत नहीं है कि वे ऐसी किसी बिल्डिंग में अवैध निर्माण तोडऩा तो अलग बात है ऐसे अवैध निर्माण की तरफ वे झांक भी लें। शालीमार ग्रुप लगातार कानून को ठेंगे पर रखकर काम कर रहा है और किसी की हैसियत नहीं है कि वो इस काम को रोक दे।
लखनऊ के वेहद पॉश इलाके जॉपलिंग रोड पर शालीमार ग्रुप ने एक अलीशन बिल्डिंग बनायी है जिसका नाम शालीमार एमराल्ड रखा है। इस बिल्डिंग के फ्लैटों की कीमत करोड़ों रुपया है। इस भूखंड का क्षेत्रफल 4634. 38 वर्ग मीटर है। इसका मानचित्र परमिट संख्या-2565 के अनुसार स्वीकृति किया गया, और इसमें 9245.58 वर्ग मी. एफएआर स्वीकृत किया गया। यह मानचित्र दिनांक 16 फरवरी 2009 को स्वीकृति किया गया। तथा इसमें 72 फ्लैट बनाने की अनुमति दी गयी थी।
जिस समय यह अनुमति दी गयी उस समय प्रदेश में मायावती की सरकार थी और शालीमार ग्रुप के पार्टनर खालिद मसूद मायावती के दाहिने हाथ नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बेहद करीबी हुआ करते थे। लिहाजा उन्होंने नियमों को ताक पर रखकर इस भवन में चार पेंट हाउस बना डाले जबकि नक्शे के अनुसार इस भवन मेें कोई भी पेट हाउस न तो स्वीकृत था और न ही पेंटहाउस बन सकता था। मगर, सभी लोग आंखें बंद किये रहे और शालीमार इमराल्ड में यह अवैध बिल्डिंग बनती चली गई। यह विवाद कुछ दिनों पहले शुरू हुआ जब एलडीए के एक अवर अभियंता ने संजय सेठ को इस बिल्डिंग में अवैध निर्माण को लेकर नोटिस भेज दिया और कहा कि वे तत्काल अपना स्पष्टïीकरण जारी करें वरना उनका अवैध निर्माण तोड़ दिया जायेगा। चंूकि सांसद बनने के बाद संजय सेठ ने खुद को इस कंपनी से कानूनी रूप से अलग कर लिया था लिहाजा उन्होंने अशोक कीलाट लगायेअपने लेटर पैड पर एलडीएको लगभग धमकाने की स्टाइल में लिख दिया कि मुझे ये नोटिस क्यों दिया गया जबकि मैं इस भवन का मालिक ही नहीं हूं। पूर्व आईजी अमिताभ ठाकुर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शिकायत की कि पूर्व सांसद अशोक की लाट लगे पैड का इस्तेमाल नहीं कर सकता और ऐसा करने पर उसे दो साल की सजा हो सकती है। साथ ही जिस समय यह भवन बना उस समय संजय सेठ शालीमार के पार्टनर थे लिहाजा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाय।
बताया जाता है कि इसके बाद मामले को रफा-दफा करने के लिए शालीमार समूह ने एलडीए में विहित प्राधिकारी के यहां वाद दायर कर दिया और 11 जनवरी 2023 को शमन के लिए आवेदन भी कर दिया जिससे यह मामला ठंडे बस्ते में चला जाय, और हुआ भी यही कि मामला ठंडे बस्तेमें चला गया और किसी को यह अवैध निर्माण तोडऩे का शाहस नहीं हुआ। इसी प्रकार कैंट इलाके में भी एक विवादित कोठी पर संजय सेठ गृहमंत्री अमित शाह को ले गये थे और खालिद मसूद से उनका सम्मान करा दिया था। इसके बाद लोगों ने अमित शाहको बताय कि खालिद मसूद के स्वामित्व वाले बनारस ग्लास हाउस में काम कर रहा एक युवक कैसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिये काम कर रहा था। इसके बाद अमित शाह बहुत नाराज हुए और संजय सेठ का दुबारा राज्यसभा में जाने का रास्ता बंद हो गया।
इन लोगों के बने हैं करोड़ों के अवैध पेंट हाउस
बताया जाता है कि शालीमार इमराल्ड में एसएएस होटल एण्ड प्रा.लि. के नाम बी- 902 नाम का पेंट हाउस है। बी-901 राज्यसम्पत्ति विभाग के चर्चित अधिकारी राजीव तिवारी की पत्नी रूपा तिवारी के नाम आवंटित है। ए-901 पेंट हाउस के मालिक नुसरत नासिर अली दुर्रानी हैं। ए-902 के मालिक गगन जैन हैं। ये सभी पेंट हाउस करोंड़ों की कीमत के हैं और ये सभी अवैध हैं और इन्हें नियमानुसार तोड़े जाने चाहिए।