फिर बढ़ रहा यमुना नदी का जलस्तर, आतिशी बोलीं- कोई खतरा नहीं
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। इन सब के बीच सोमवार दोपहर को यमुना नदी का जलस्तर 205.84 मीटर के साथ एक बार फिर खतरे के निशान को पार कर गया। दोपहर 12 बजे जलस्तर 205.8 मीटर रिकार्ड किया गया। केंद्रीय जल आयोग ने कहा कि सोमवार सुबह 7 बजे जल स्तर 205.48 था, जो रविवार सुबह 8 बजे 206.02 मीटर से कम है। यमुना नदी का जलस्तर जब खतरे के निशान तक पहुंच गया था और राष्ट्रीय राजधानी के बड़े हिस्से में बाढ़ आ रही थी।
सोमवार को हल्की बारिश के पूर्वानुमान के बीच पिछले दो दिनों में लगातार गिरावट के बाद भी यमुना में जल स्तर सुबह 6 बजे 205.45 मीटर से बढक़र 8 बजे 205.50 मीटर और 11:00 बजे 205.76 मीटर हो गया, जबकि यह खतरे के स्तर से ऊपर बना हुआ है। मंत्री आतिशी ने कहा कि हरियाणा के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के कारण वृद्धि हुई है, जबकि एक अधिकारी ने इसके लिए दिल्ली में नालों से पानी छोड़े जाने को जिम्मेदार ठहराया है। दिल्ली में यमुना नदी 10 जुलाई को शाम 5 बजे खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गई। हथनी कुंड बैराज से प्रति घंटा पानी का डिस्चार्ज जो 11 जुलाई को लगभग 3,60,000 क्यूसेक तक पहुंच गया था, रविवार को रात 8 बजे 53,955 क्यूसेक था।
दिल्ली की कैबिनेट मंत्री आतिशी ने सोमवार को कहा कि यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है, इसलिए लोग राहत शिविरों में ही रहें। उन्होंने बताया कि रविवार को हरियाणा के कुछ इलाकों में भारी बारिश के कारण यमुना का जलस्तर थोड़ा बढ़ गया है। आतिशी ने कहा, केंद्रीय जल आयोग का अनुमान है कि रातोंरात यमुना का जलस्तर 206.1 मीटर तक पहुंच सकता है। लेकिन इससे दिल्ली के लोगों को कोई खतरा नहीं है। आतिशी ने ट्वीट किया, ‘‘लेकिन राहत शिविरों में रहने वाले सभी लोगों से अनुरोध है कि वे अभी अपने घरों में वापस न जाएं। जलस्तर खतरे के निशान से नीचे जाने के बाद ही लोग अपने घरों को लौटें।’’