जमीन घोटाले में घिरे सोरेन, ईडी के समन के बाद पहुंचे कोर्ट
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय की जांच की आग अब झारखंड पहुंच गई है। जांच एजेंसी ने जमीन घोटाले मामले में पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 24 अगस्त को उपस्थित होने के लिए दूसरी बार समन भेजा था, लेकिन सीएम उपस्थित नहीं हुए। वहीं सोरेन समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए।
ईडी ने सीएम सोरेन को दोबारा समन जारी करते हुए 24 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए। इससे पहले 14 अगस्त को भी ईडी की ओर से पूछताछ के लिए बुलाया गया था। आर्थिक जांच एजेंसी सीएम सोरेन से उनकी और उनके परिवार की संपत्तियों के बारे में पूछताछ करना चाह रही है।
झारखंड के इस चर्चित घोटाले के मामले में ईडी की ओर से कई गिरफ्तारियां की जा चुकी है। अब तक 14 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। गिरफ्तार लोगों में सीएम के बेहद करीबी प्रेम प्रकाश, रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन, कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल और न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल जैसे बड़े नाम शामिल हैं। ईडी जमीन घोटाला मामले की जांच कर रही है।
जमीन घोटाले को लेकर मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि इस मामले में रांची के चेशायर होम रोड में सरकारी जमीन और सेना की जमीन फर्जी दस्तावेजों के जरिए खरीदने और बेचने का आरोप है। इस घोटाले में हेमंत सोरेन के परिवार के शामिल होने का दावा किया जा रहा है।
जमीन घोटाले से जुड़े मामले की जांच रांची प्रमंडल के तत्कालीन आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी की रिपोर्ट के आधार पर हो रही है। रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि फर्जी नाम और पते के जरिए सेना की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किया गया है।
रांची के चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन और बरियातू रोड स्थित सेना की 4।55 एकड़ जमीन को फर्जी दस्तावेजों के जरिए खरीद-फरोख्त करने का आरोप है। मामले में मुख्य आरोपी निलंबित आईएएस छवि रंजन ने रांची के बजरा मौजा के खाता 140 की करीब 7।16 एकड़ जमीन की रसीद एक ही दिन में 80 साल पुरानी तारीख में कटवा दी थी।
सोरेन को पहली बार ईडी की ओर से तलब नहीं किया गया है। पिछले साल नवंबर 2022 में भी जांच एजेंसी ईडी की ओर से सोरेन से अवैध खनन मामले में पूछताछ की गई थी। मुख्यमंत्री दो अलग-अलग केस में ईडी की जांच के दायरे में हैं।