अब आम आदमी पार्टी के नेता ने किया सनातन को खत्म करने का ऐलान
नई दिल्ली। सनातन धर्म पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पुत्र उदयनिधि स्टालिन के अमर्यादित बयान से मचे हंगामे के बीच दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र पाल गौतम ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय रखी है।
ताजा मामले में उन्होंने (राजेंद्र पाल गौतम) आज मंगलवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स हैंडल (पूर्व में ट्विटर) में सनातन धर्म को खत्म करने की बात कही है।
ऐसी कोई भी सामाजिक व्यवस्था या धर्म जो जाति, वर्ण-व्यवस्था या धर्म के आधार पर नफरत फैलता हो या जो ऊंच -नीच व छुआछूत के व्यवहार को बढ़ाता देता हो या जो समता,स्वतन्त्रता,बन्धुता व न्याय के सिद्धान्त के खिलाफ हो उसका खत्म हो जाना समाज व देश दोनों के लिए हितकारी है ! जय भीम !
गौरतलब है कि राजेंद्र पाल गौतम इससे पहले भी अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं। इससे पहले उन्होंने श्रीरामचरित मानस और हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक बयान दिया था। इस मामले में पिछले साल विवाद बढ़ता देख दिल्ली सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
वहीं, इसी साल मार्च महीने (2023) में उन्होंने बगैर नाम लिए तुलसीकृत श्रीरामचरित मानस का बहिष्कार करने की मांग की थी। उन्होंने एक चौपाई पर सवाल उठाते हुए इसे हटाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था, यह ग्रंथ कहता है कि ‘ढोल गंवार क्षुद्र पशु नारी, सकल ताडऩा के अधिकारी।
ऐसे ग्रंथ की पूजा करना, जो ढोल गंवार क्षुद्र पशु और नारी को एक श्रेणी में रखकर मारने पीटने की बात करता है। हमें ऐसे ग्रंथों का हमें बहिष्कार करना चाहिए। सनातन धर्म को लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पुत्र व राज्य के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के अमर्यादित बयान पर लोगों में रोष है। भाजपा नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में तमिलनाडु भवन के बाहर विरोध जताया। साथ ही रेजिडेंट कमिश्नर को सीएम एमके स्टालिन के नाम विरोध पत्र सौंपा। भाजपा नेताओं ने कहा कि उदयनिधि स्टालिन ने सौ करोड़ से ज्यादा हिंदुओं की भावनाओं को आहत किया है। उनका बयान भारतीय संविधान के विरुद्ध है। मुख्यमंत्री को तत्काल मामले में हस्तक्षेप कर अपने पुत्र से बयान वापस लेने को कहना चाहिए। भाजपा ने इस मामले में आइएनडीआइए गठबंधन से अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। भाजपा ने कहा कि स्टालिन के बयान पर अरविंद केजरीवाल को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।