पीओके को भारत में मिलाने के बयान पर छिड़ा घमासान
- विपक्ष के निशाने पर आए केंद्रीय मंत्री वीके सिंह
- आप व शिवसेना (यूबीटी) ने खोला मोर्चा
- राउत बोले- उसी समय कोशिश करते जब वह सेना प्रमुख थे
- मूल समस्याओं से ध्यान भटकाना चाहती है मोदी सरकार : भारद्वाज
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह के पोओके के ऊपर दिये बयान पर सियासत भी गरमा गई है। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने हालांकि इसका समर्थन किया है परंतु साथ ही वीके सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि अपने सेनाध्यक्ष के कार्यकाल में ही उन्हे ऐसा करना चााहिए था। वहीं आप नेता सौरभ भारद्वाज नेकहा कि केंद्रीय मंत्री चीन से ध्यान भटकाने के लिए ऐसे बयान दे रहें है। राउत ने कहा हमने हमेशा सपना देखा है कि अखंड भारत हो। हम हमेशा कहते हैं कि पीओके हमारा है। लेकिन जब पूर्व सेना प्रमुख पद पर थे, तो उन्हें कोशिश करनी चाहिए थी फिर इसे अपना बनाने के लिए।
थोड़ा सा इंतजार करें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर अपने आप भारत में शामिल हो जाएगा : वीके सिंह
, केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने देशवासियों से कहा कि वह थोड़ा सा इंतजार करें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर अपने आप भारत में शामिल हो जाएगा। उनका यह बयान तब आया जब गिलगित बाल्टिस्तान में ऊंचे स्वर में मांग उठ रही है कि कारगिल का रास्ता खोल दिया जाए, वहां की जनता भारत में शामिल होना चाहती है। अब लोकसभा चुनाव 2024 से पहले वीके सिंह का यह बयान मोदी सरकार की मंशा को जाहिर कर रहा है। केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह के अनुसार, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) का जल्द ही भारत में विलय हो जाएगा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता की टिप्पणी तब आई जब उनसे उनकी पार्टी के रुख के बारे में पूछा गया। पीओके के लोगों की मांग है कि इस क्षेत्र का भारत में विलय किया जाए। केंद्रीय राज्य मंत्री ने राजस्थान के दौसा में भाजपा की परिवर्तन संकल्प यात्रा (पीएसवाई) कार्यक्रम के दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए कहा पीओके अपने आप भारत में विलय हो जाएगा, कुछ समय इंतजार करें। उन्होंने यह टिप्पणी तब की जब उनसे पीओके में शिया मुसलमानों की भारत के साथ सीमा खोलने की मांग के बारे में पूछा गया।
चीन से ध्यान भटकाने की कोशिश : भारद्वाज
पीओके पर केंद्रीय मंत्री व पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह के बयान पर दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज का कहना है, वीके सिंह चीन से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। यह सच है कि चीन ने भारतीय क्षेत्र के एक बड़े इलाके पर कब्जा कर लिया है।
अभी तो फिलहाल मणिपुर में शांति बनाएं : राउत
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि हमने हमेशा सपना देखा है कि अखंड भारत हो। हम हमेशा कहते हैं कि पीओके हमारा है। लेकिन जब पूर्व सेना प्रमुख पद पर थे, तो उन्हें कोशिश करनी चाहिए थी फिर इसे अपना बनाने के लिए। अब आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? अगर इस दिशा में कोई प्रयास किया जाता है तो हम इसका स्वागत करेंगे लेकिन उससे पहले मणिपुर को शांतिपूर्ण बनाएं। चीन मणिपुर तक पहुंच गया है। राहुल गांधी कहते हैं कि चीन ने लद्दाख में प्रवेश किया है और हमारी जमीन ले ली है। अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों को चीन अपने नक्शे पर दिखा रहा है पहले इसे ख़त्म करें।
राजद्रोह के कानून पर बनेगी संविधान पीठ : सीजेआई
- 124ए के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। राजद्रोह की धारा 124ए के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, सीजेआई इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं, याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि अदालत तय करे कि क्या इस मामले को संविधान पीठ में भेजना चाहती है, अटॉर्नी जनरल आर वेकेंटरमणी ने कहा कि एक नया कानून लंबित है तो सीजेआई ने पूछा कि इसमें क्या कहा गया है, वहीं सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यह तो और बुरा है। सीजेआई ने यह माना कि कानून लागू हो जाता है तो ये भविष्य के मामलों को कवर करेगा। जहां तक 124ए से संबंधित हैं वो केस जारी रहेंगे, इसके लिए हमें पांच जजों की संविधान पीठ बनानी होगी। यह संवैधानिकता को कायम रखने वाले फैसले का मामला है, केदारनाथ मामले में पांच जजों ने राजद्रोह को बरकरार रखा था तो क्या 3 जजों की बेंच फैसला पलट सकती है जब तक केदारनाथ फैसला लागू है राजद्रोह का कानून वैद्य है।
लालू पर केस चलाने को केंद्र की मंजूरी
- लैंड फॉर जॉब्स केस में सरकार से सीबीआई ने मांगी थी इजाजत
- तेजस्वी की चार्जशीट पर अब 21 सितंबर को सुनवाई
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। लैंड फॉर जॉब्स मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू यादव पर केस चलेगा। केंद्र सरकार से सीबीआई को इसकी इजाजत मिल चुकी है। 1 महीने पहले सीबीआई ने केंद्र से लालू के खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत मांगी थी। सीबीआई ने आज दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट को बताया कि पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ कथित लैंड फॉर जॉब्स केस में ताजा आरोप पत्र के संबंध में गृह मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। सीबीआई ने बताया कि हमने लालू के अलावा रेलवे के 3 अधिकारियों के खिलाफ भी केस चलाने की मंजूरी मांगी थी। जो फिलहाल नहीं मिली है। उम्मीद है कि एक हफ्ते में इजाजत मिल जाएगी। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर सीबीआई की ओर से दायर चार्जशीट पर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में आज होने वाली सुनवाई टल गई है। 21 सितंबर को सुनवाई की अगली तारीख तय की गई है। सूत्रों की माने तो लैंड फॉर जॉब्स मामले में यह नया केस है। पुराने केस में पहले ही लालू यादव, राबड़ी देवी और बेटी और सांसद मीसा भारती जमानत पर हैं।
पिछले साल मई और अगस्त में सीबीआई ने मारे थे छापे
सीबीआई ने पिछले साल मई में लालू, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दो बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव समेत करीबियों के 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसके बाद ईडी ने लालू-राबड़ी देवी, उनकी बेटी मीसा भारती, चंदा यादव, रागिनी यादव और तेजस्वी से पूछताछ की थी। 2004 से 2009 तक लालू प्रसाद केंद्रीय रेल मंत्री थे। आरोप है कि लालू प्रसाद ने पद पर रहते हुए परिवार को जमीन ट्रांसफर के बदले रेलवे में नौकरियां दिलवाईं। सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया है कि रेलवे में की गई भर्तियां भारतीय रेलवे के मानकों के दिशा निर्देशों के अनुरुप नहीं थीं।