आजम खां, पत्नी तंजीम व बेटे अब्दुल्ला को 7 साल की सजा

  • दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट का आदेश
  • दोषी करार दिये जाने के बाद हिरासत में भेजे गए तीनों आरोपी
  • भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने किया था केस दर्ज
  • सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा ट्रांसफर कराने को दायर याचिका भी रद्द

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
रामपुर। समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां व उनके परिवार क ो तगड़़ा झटका लगा है। बेटे अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र के मामले में कोर्ट ने यह बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आजम खां, अब्दुल्ला आजम और पत्नी तंजीन फात्मा को सात साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट के आदेश पर तीनों को सीधे जेल भेजा जाएगा। इससे पहले, बुधवार को ही कोर्ट ने मामले में तीनों को दोषी करार दिया था। सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खां के दो जन्म प्रमाणपत्र मामले में दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने बुधवार को अपना फैसला सुनाया। लघु उद्योग प्रकोष्ठ के तत्कालीन क्षेत्रीय संयोजक एवं भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने 2019 में गंज थाने में सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां के बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दो जन्म प्रमाणपत्र होने का मामला दर्ज कराया था, जिसमें सपा नेता आजम खां और उनकी पत्नी डॉ. तंजीन फात्मा को भी आरोपी बनाया गया था। पुलिस ने विवेचना के बाद मामले में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। तीनों ही लोग इस समय जमानत पर चल रहे हैं। मामला एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट में चल रहा है। 11 अक्टूबर को इस मुकदमे में अब्दुल्ला आजम के अधिवक्ताओं को बहस करनी थी, लेकिन उनके द्वारा कोर्ट में स्थगन प्रार्थना पत्र दिया गया था, जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अब्दुल्ला को आदेश दिया था कि वह 16 अक्टूबर तक लिखित बहस दाखिल कर सकते हैं। इस फैसले के खिलाफ जिला जज की कोर्ट में रिवीजन दायर की गई थी।

छजलैट प्रकरण में दोबारा चली गई थी विधायकी

सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम दूसरी दफा 2022 में स्वार टांडा सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़े और वह जीत भी गए, लेकिन मुरादाबाद के छजलैट प्रकरण के 15 साल पुराने मामले में कोर्ट ने उनको दोषी ठहराते हुए 14 फरवरी 2023 को दो साल की कैद व तीन हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी विधायकी दूसरी बार भी चली गई थी। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान अब्दुल्ला की ओर से जन्मतिथि का जो ब्योरा दिया गया था। उसे उस समय उनके निकटतम प्रतिद्धंदी रहे नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उनका कहना था कि 2017 में चुनाव के समय अब्दुल्ला आजम की उम्र 25 साल से कम थी, जबकि चुनाव लडऩे के लिए उन्होंने फर्जी कागजात और हलफनामा दाखिल किया था। हाईस्कूल की मार्कशीट और अन्य दस्तावेजों को आधार बनाया गया था। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद अब्दुल्ला की विधानसभा की सदस्यता को रद्द करते हुए चुनाव शून्य घोषित कर दिया था।

30 गवाहों और दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट का फैसला

सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र मामले में कोर्ट 30 गवाहों और उपलब्ध दस्तावेजी सुबूतों के आधार पर अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। दोनों ओर से 15-15 गवाह सुनवाई के दौरान पेश किए गए। पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र का यह मामला वर्ष 2019 में सामने आया था। उस समय भाजपा लघु प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय संयोजक व मौजूदा समय में शहर विधायक आकाश सक्सेना ने गंज थाने में तहरीर देकर मामला दर्ज कराया था।

गांधी परिवार कांग्रेस की ताकत: शशि थरूर

  • कांग्रेस को एक परिवार की पार्टी बताए जाने के बयान पर दी सफाई
  • बोले- उनकी बातों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। इंडिया गठबंधन में शामिल सबसे बड़े दल कांग्रेस को एक परिवार की पार्टी बताए जाने को लेकर अपने बयान पर पार्टी नेता शशि थरूर ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। थरूर ने केरल में सोमवार (16 अक्टूबर) एक टेक कंपनी के दफ्तर के उद्घाटन के दौरान अगले प्रधानमंत्री के रूप में राहुल गांधी की संभावनाओं के बारे में भी टिप्पणी की थी, इस पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा है कि बयान को गलत तरीके से पेश किया गया और उनका मानना है कि नेहरू/गांधी परिवार पार्टी की ताकत है।
थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्वीटर) पर पोस्ट किया, मैंने जो कुछ नहीं कहा वह यह है कि मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि पार्टी के भीतर किसी भी सर्वेक्षण में राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं की पहली पसंद होंगे। तिरुवनंतपुरम में एक टेक कंपनी के नए कार्यालय का उद्घाटन करते समय, थरूर से 2024 के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी से प्रधान मंत्री पद के दावेदार बनने की संभावनाओं के बारे में पूछा गया था। सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था कि भारत में संसदीय चुनाव प्रक्रिया अमेरिका से अलग है जहां मतदाता प्राइमरी के माध्यम से एक उम्मीदवार चुनते हैं जो फिर राष्टï्रपति चुनाव में पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ता है, उन्होंने कहा कि भारत में पार्टी तय करती है कि किसे (प्रधानमंत्री के रूप में) आगे बढ़ाना है और प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में उम्मीदवार बनाना है।

राहुल गांधी नहीं इलेक्शन गांधी : कविता

हैदराबाद। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा आज तेलंगाना का दौरा करेंगे। कांग्रेसी नेता के इस दौरे पर बीआरएस एमएलसी के. कविता ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने राहुल और प्रियंका के इस दौरे की आलोचना करते हुए राहुल गांधी को इलेक्शन गांधी कहकर पुकारा है। तेलंगाना में विधानसभा चुनाव से पहले बीआरएस एमएलसी के. कविता ने कांग्रेस पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के तेलंगाना दौरे पर निशाना साधते हुए कहा, तेलंगाना में चुनाव का माहौल है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी आज यहां आने वाले हैं। वे यहां विभिन्न योजनाओं की गारंटी देने के साथ कई झूठे वादे करेंगे। वे कभी वो नहीं करते हैं जो कांग्रेस पार्टी कहती है। मैं राहुल गांधी को इलेक्शन गांधी कहना चाहूंगी, क्योंकि वे केवल चुनाव के दौरान ही राज्यों का दौरा करते हैं।

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