राम की ओट में बीजेपी की नजर में सिर्फ वोट
- विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरा
- राममंदिर उद्घाटन समारोह को राजनीति मंच बनाने का आरोप
- उद्धव बोले- राम सबके भाजपा की बपौती नहीं
- सपा ने कहा, बांटने का काम कर रही बीजेपी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी पूरी हो गई है। राम मंदिर ट्रस्ट की ओर भारत के हर क्षेत्र के प्रमुख हस्तियों समेत राजनीतिक दलों के नेताओं को आमंत्रण भेजा गया है। इस बीच निमंत्रण को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। जहां उद्धवगुट शिवसेना ने कहा है कि राम पूरे देश के हैं बीजेपी के बपौती नहीं है वहीं सपा सांसद व पूर्व सीएम की पत्नी डिंपल यादव ने कहा कि निमंत्रण नहीं मिलेगा तो भी राम मंदिर जाएंगे। उधर सीपीआई ने इस कार्यक्रम में शामिल होने से इंकार कर दिया है। वहीं पूरे विपक्ष ने कहा हे कि सरकार हर मोर्चे पर फेल हो रही हे इसलिए राम के ओट में वोट लेना चाह रही है। इसी के साथ लोकसभा चुनाव-24 से पहले एक बार फिर राम नाम की गूंज राजनीति के गलियारें में उठने लगी है। राम नाम के साथ ही हिंदु विरोधी बयान भी तारी हो रही है। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या के विवादित बयान पर भी माहौल गरमाया है हालांकि सपा ने इससे किनारा करके इसे उनका नीजि बयान करार दिया है।
आराध्य को राजनीति में न बांधे : डिंपल
मैनपुरी पहुंचीं सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम का निमंत्रण अगर नहीं मिलता है तो भी हम जाएंगे। भले ही निर्धारित तिथि के बाद जाएं। आराध्य को राजनीति में नहीं बांधना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को नहीं बुलाने की मांग भाजपा की सोच को उजागर करती है। भगवान राम की बात करना ही पर्याप्त नहीं है उनके आदर्श को भी अपने जीवन में उतारना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश की संसद से 142 सांसदों का एकसाथ निलंबन दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। विश्व में ऐसा किसी भी देश में नहीं हुआ है। सरकार पूरी तरह डरी हुई है। केंद्र की भाजपा सरकार ने पांच साल के कार्यकाल में ईडी, सीबीआई, आयकर टीम का जमकर दुरुपयोग किया है। कहा कि सरकार सच बात सुनना नहीं चाहती है। सदन में चर्चा कराने से डरती है। तमाम तरह की बातों को उछालकर जनता का ध्यान भटकाया जा रहा है। सरकार पांच किलो आटा देने का दावा तो करती है लेकिन बेरोजगारों को नौकरी देने की दिशा में कदम नहीं बढ़ाना चाहती है।
भाजपा राम के नाम पर सिर्फ करती है दिखावा : सिब्बल
पूर्व कांग्रेस नेता व वरिष्ठï वकील एक्स पर लिखा कि बीजेपी का पूरा मामला दिखावा है। वे (भाजपा) राम के बारे में बात करते हैं लेकिन उनका आचरण, उनका चरित्र कहीं भी भगवान राम के करीब नहीं है। सच्चाई, सहनशीलता, त्याग और दूसरों के प्रति सम्मान भगवान राम के कुछ लक्षण हैं लेकिन वे ठीक इसके विपरीत करते हैं और कहते हैं कि हम राम का महिमामंडन कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वह 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम के अभिषेक समारोह में शामिल होंगे, उन्होंने कहा, मेरे दिल में तो राम हैं, मैं कोई दिखावे के लिए काम नहीं करता हूं। राज्यसभा सांसद ने उन लोगों पर कटाक्ष किया जिन्होंने राम मंदिर निर्माण पर उनके रुख पर सवाल उठाया था। वरिष्ठ वकील ने कहा कि जो लोग भगवान राम के बारे में बोलते हैं, वे उनके चरित्र को आत्मसात नहीं करते हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा कि यह पूरा मामला दिखावा है। राजौरी में सेना के चार जवानों की शहीद होने के बाद, राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया और कहा कि भगवान राम सोच रहे होंगे कि मेरे लोगों को क्या हुआ है।
लोकप्रिय यूट्यूब चैनल 4पीएम की एक और उड़ान
- 24 लाख सब्सक्राइबर के साथ फिर छूआ आकाश
- व्यूज की संख्या में आई तेजी
- जन-जन में लोकप्रिय हो रहा चैनल का नाम
- अन्य राज्यों में बढ़ रही 4पीएम की विश्वसनीयता
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। अपनी बेबाक और जनता के मुद्दों को धारदार तरीके से गुंगी-बहरी सरकारों तक पहुंचाने की मुहिम में जुटे लोकप्रिय यूटूयूब चैनल 4पीएम ने एक और कामयाबी हासिल की है। चैनल ने दिसबंर के महीने में अपने सब्सक्राइबरों की संख्या 24 लाख के पार पहुंचा ली है। इससे पहले अक्टूबर में 20 लाख सब्सक्राइबर के साथ सभी दिग्गजों को पीछे छोड़ दिया है। गौरतलब हों सत्ता से सवाल करने की आदत और सच को दिखाने की जिद का ही नतीजा है कि 4पीएम दिनो-दिन आगे बढ़ता जा रहा है। इससे पहले 4पीएम यूट्यूब चैनल देश का नंबर वन यूट्यूब चैनल बना। वहीं डाटा बिंग्स के ताजा आंकड़ों में 134.5 मिलियन यानी साढ़े 13 करोड़ व्यूज के साथ टॉप पॉलिटिकल कमेंटेटर्स की श्रेणी में 4पीएम देश का सबसे ज्यादा देखे जाने वाले यूट्यूब चैनल बन गया। बढ़ती लोकप्रियता और लगातार मिल रहे लोगों के प्यार का ही नतीजा है कि 4पीएम का परिवार निरंतर बढ़ता जा रहा है और 4पीएम की नई-नई शाखाएं लोगों के बीच आती जा रही हैं। अन्य राज्यों में इस चैनल की विश्वसनीयता परवान चढ़ती जारही है। शुरूआत में सिर्फ 4पीएम के नाम से एक यूट्यूब चैनल था। इसके बाद 4पीएम यूपी ने दस्तक दी। जिसपर यूपी की खबरों को प्रमुखता से दिखाया जाने लगा। 4पीएम नेशनल और 4पीएम यूपी को मिले प्यार व समर्थन के बाद देखते-देखते कब 4पीएम के क्षेत्रीय चैनलों में बढ़ोत्तरी हो गई और ये संख्या बढक़र 1 से आठ पर पहुंच गई पता भी नहीं चला। वर्तमान समय में 4पीएम के नेशनल समेत कुल आठ चैनल चल रहे है।
4पीएम का सत्ता से तीखे सवालों का प्रहार जारी
लोगों के प्यार और अपने सच दिखाने की जिद की बदौलत 4पीएम लगातार सफलता की सीढिय़ों को चढ़ रहा है और देश में आए दिन अपना परचम फहरा रहा है। जिस समय देश की कथित मेन स्ट्रीम मीडिया सिर्फ सत्ता वंदन में लगी हुई है, ऐसे में 4पीएम और उसके संपादक संजय शर्मा ने अपने यूट्यूब चैनल के जरिए सत्ता से तीखे सवाल करना जारी रखा और जनता के सामने लगातार सच को दिखाते रहे हैं। आज उसी सच और सत्ता से सवाल करने के हौसले का ही नतीजा है कि 4पीएम देश भर में अव्वल स्थान बनाए हुए है। 4पीएम को अब तक लगभग 14 करोड़ से भी अधिक लोग लगातार देख रहे हैं और पसंद कर रहे हैं।
सच दिखाने वाला हो तो लोग लेते हैं सिर आंखों पर
4पीएम की बढ़ती लोकप्रियता ये दर्शाती है कि सत्ता से सवाल करना लोगों को आज भी पसंद है। और हर कोई सच को ही देखना चाहता है। बस कोई सच दिखाने वाला हो। इससे पहले 13 करोड़ से भी ज्यादा व्यूज और लोगों के प्यार की बदौलत 4पीएम नंबर वन तो बन ही गया। 4पीएम की लोकप्रियता निरंतर बढ़ती जा रही है और कीर्तिमानों की नई ऊंचाईयों पर चढ़ती जा रही है। व्यूज के साथ-साथ 4पीएम के सब्सक्राइबर्स में भी काफी तेजी से इजाफा हो रहा है। यही वजह है कि देखते-देखते सब्सक्राइबर्स की संख्या 1 मिलियन से कब 2 मिलियन के करीब पहुंच गई पता ही नहीं चला।
जन-जन तक पहुंच रहा 4पीएम का नाम
सच दिखाने की बदौलत ही 4पीएम को लगातार दर्शकों का प्यार मिल रहा है और 4पीएम आए दिन नई-नई बुलंदियों को छू रहा है। दिन पर दिन 4पीएम के व्यूज बढ़ते जा रहे हैं। ज्ञात हो कि 4पीएम ने पिछले कुछ वक्त से नंबर वन पर चल रहे डीबी लाइव को पीछे छोड़ दिया था।
इंडिया गठबंधन के पास कई चेहरे, कोई भी पीएम बन जाएगा : राउत
- राष्ट्रीय परिषद की बैठक से पहले इस्तीफा दे सकते हैं ललन सिंह
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। उद्धव बाला साहब ठाकरे गुट के शिवसेना नेता संजय राउत ने पीएम मोदी समेत बीजेपी पर तंज कसा है। उन्होंने कहा, हमारी लड़ाई तानाशाही के खिलाफ है। हमारे पास पीएम पद के लिए कई उम्मीदवार हैं चाहे राहुल गांधी हों प्रियंका गांधी हों, इंडिया गठबंधन के पास कई चेहरे हैं उनमें कोई भी पीएम बन जाएगा। वहीं बिहार के सियासी गलियारे से चौंकाने वाली खबर है। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन ललन सिंह इस्तीफा दे सकते हैं। कहा जा रहा है कि 29 दिसंबर को राष्ट्रीय परिषद की बैठक होने वाली है और इस बैठक से पहले ही ललन सिंह इस्तीफा दे सकते हैं, सूत्रों के अनुसार ललन सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से राष्ट्रीय पद से मुक्त किए जाने का आग्रह किया था। हालांकि नीतीश कुमार ने उनसे लोकसभा चुनाव तक पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहने को कहा।
खबर है कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पद छोडऩे पर अड़े हुए हैं, ऐसी स्थिति में ललन सिंह के इस्तीफा देने बाद सीएम खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकते हैं या फिर अपने किसी विश्वस्त को यह पद दे सकते हैं। राजनीतिक जानकार तो यह मानते हैं कि नीतीश कुमार ललन सिंह की जगह पर ऐसी चर्चाएं हैं कि अतिपिछड़ा जाति से रामनाथ ठाकुर या दलित समाज से अशोक चौधरी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है।