अरविंद शर्मा घमासान : संघ का फरमान, थोड़ा तुम झुको, थोड़ा वे झुकें
- पांच जून को दिल्ली में संघ के शीर्षस्थ नेता निकालेंगे बीच का रास्ता
- सीएम किसी भी कीमत पर एके शर्मा को गृह और कार्मिक देने को तैयार नहीं
- बेकाबू नौकरशाही पर अरविंद शर्मा के जरिए लगाम लगाना चाहता है दिल्ली दरबार
- कार्यकर्ताओं और नौकरशाहों में चर्चा का विषय बन गयी है मोदी और योगी की तकरार
संजय शर्मा
लखनऊ। न चाहते हुए भी पूरे देश में सोशल मीडिया और मीडिया के साथ नौकरशाही व राजनीतिक गलियारों में यह संदेश चला गया कि यूपी के सीएम योगी और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। ये जंग पीएम मोदी के सबसे करीबी अफसर अरविंद शर्मा की ताजपोशी को लेकर शुरू हुई और अब थमने का नाम नहीं ले रही है। केंद्र चाहता है कि अरविंद शर्मा डिप्टी सीएम बने और नियुक्ति और गृह की कमान उनके हाथ में रहे मगर मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में समझा दिया कि किसी भी कीमत पर यह संभव नहीं है। इसके बाद शुरू हुई कवायद में संघ को दखल देना पड़ा। संघ से भाजपा में आए राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष लखनऊ आए और तीन दिन तक लगातार पार्टी से जुड़े लोगों से बात करने के बाद अब अपनी रिपोर्ट राष्टï्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपेंगे। मिली जानकारी के मुताबिक श्री संतोष ने सीएम योगी को समझाया है कि टकराव का रास्ता ठीक नहीं। कुछ आप झुको और कुछ दिल्ली। बताया जाता है कि सीएम योगी ने साफ कर दिया कि वे किसी भी कीमत पर अरविंद शर्मा को मंत्रिमंडल में लेने को तैयार नहीं। इसके बाद काफी देर तक श्री संतोष के समझाने पर मुख्यमंत्री इस बात के लिए तैयार हुए कि अरविंद शर्मा को मंत्री तो बना देंगे मगर उन्हें गृह तथा कार्मिक विभाग नहीं देंगे मतलब साफ है कि प्रदेश के नौकरशाही की कमान मुख्यमंत्री किसी भी कीमत पर अरविंद शर्मा को देने को तैयार नहीं हैं। संघ के सामने बड़ी चुनौती यह है कि मोदी और योगी दोनों ही उसके चहेते हैं जिनके जरिए वह हिंदुत्व की कमान संभालता है। ऐसे में अगर दोनों में कोई एक नाराज होता है तो ये संघ के लिए बहुत परेशानी की बात होगी। मगर बात अब इतनी आगे बढ़ गयी है कि बीच का रास्ता निकालने में भी परेशानी हो रही है। अगर अरविंद शर्मा को महत्वपूर्ण विभाग नहीं मिलता है तो दिल्ली दरबार की किरकिरी होगी और अगर महत्वपूर्ण विभाग मिलता है तो सीएम येागी का महत्व कम हो जाएगा। इस जंग को खत्म करने के लिए कवायद तेज है। पांच जून को दिल्ली में संघ के शीर्षस्थ नेता मीटिंग करेंगे जिसमें शायद इस जंग को खत्म करने का कोई फॉर्मूला निकाला जाए।
केंद्रीय नेतृत्व को सौंपेंगे रिपोर्ट
भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की आज लखनऊ से जुड़े सांसद, विधायक, एमएलसी और मंत्रियों के साथ बैठक समाप्त हो गई है। केंद्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष की मैराथन बैठकों का जल्द असर दिख सकता है। बीएल संतोष के साथ बैठकों में मौजूद यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह दिल्ली गये। अब तक के मंथन के बाद यूपी प्रभारी केंद्रीय नेतृत्व को रिपोर्ट देंगे, जिसके बाद जल्द राधा मोहन सिंह फिर से लखनऊ आएंगे। माना जा रहा है कि इसी बीच यूपी में बड़े बदलाव को लेकर फैसला होगा।
अब दिल्ली पर सबकी नजर
पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी की तकरार को लेकर पांच जून को संघ की दिल्ली में होने वाली संभावित बैठक पर सभी की नजर लगी हुई है। बदलाव को लेकर तमाम मंत्रियों के चेहरों पर चिंता की लकीरें खींच गयी हंै। माना जा रहा है कि इस सारी कवायद का कोई न कोई निष्कर्ष निकलेगा और सवालों के घेरे में आए मंत्रियों पर भी गाज गिर सकती है।