सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को भेजा नोटिस, 29 अप्रैल तक मांगा जवाब
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी. सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा है। गौरतलब है कि सेंथिल को धनशोधन से जुड़े मामले में पिछले साल गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने इस मामले में हाईकोर्ट से राहत न मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस उज्जल भुयन की बेंच ने ईडी को नोटिस जारी करते हुए एजेंसी से 29 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने को कहा।
तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। मामले में सुनवाई करने के बाद फरवरी में मद्रास उच्च न्यायालय ने सेंथिल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
ईडी ने बीते साल जून में ईडी ने वी. सेंथिल बालाजी को गिरफ्तार किया था। साल 2014 में परिवहन मंत्री रहते हुए बालाजी पर मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन में पैसे लेकर लोगों को नौकरी देने के आरोप लगे थे। साथ ही आरोप है कि बालाजी ने मनी लॉन्ड्रिंग की थी।
बालाजी की गिरफ्तार पर जमकर हंगामा हुआ था और गिरफ्तारी के तुरंत बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। बालाजी को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी दिल की सर्जरी की गई। इसके बाद 17 जुलाई को अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद सेंथिल बालाजी को तमिलनाडु की पुझल सेंट्रल जेल भेजा गया और तब से वे जेल में बंद हैं।
गिरफ्तारी के बाद भी बालाजी ने डीएमके कैबिनेट से इस्तीफा नहीं दिया था। हालांकि सीएम स्टालिन ने उनके विभागों ऊर्जा, एक्साइज को अन्य मंत्रियों को आवंटित कर दिया था। बिना किसी प्रभाव के बालाजी तमिलनाडु सरकार में मंत्री बने हुए थे। हालांकि कुछ दिन पहले ही बालाजी ने तमिलनाडु कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया।