मोदी को संसद और संविधान से लेना-देना नहीं: राहुल गांधी

  • पीएम से डिबेट को तैयार, लखनऊ में बीजेपी पर बरसे कांग्रेस नेता

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। राहुल गांधी ने कहा कि मोदी पीएम नहीं 21वीं सदी के राजा हैं। उन्हें संसद, कैबिनेट और संविधान से लेना-देना नहीं है। उनके कुछ फाइनेंसर हैं, असली ताकत उनके पास है। बहुत सारे अनपढ़ राजा भी जनता की बात सुन लेते थे। किंतु पीएम लोगों की बात नहीं सुनते हैं। पब्लिक सेक्टर, न्यायपालिका, मीडिया, सेना में दलित-पिछड़ों के रास्ते बंद हैं। उनके सारे नेता कह रहे हैं कि आरक्षण को खत्म कर देंगे। मैं कहता हूं कभी नहीं कर सकते हैं। वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि मैं तो कहता हूं कि जातीय जनगणना करा लीजिए, यह पता तो लगे देश में कितने पिछड़े, दलित और आदिवासी आदि हैं।
देश के करोड़ों लोगों की सच्चाई सामने आनी चाहिए। पीएम देश को सुपर पावर बनाने की बात करते हैं, बिना 90 फीसदी लोगों के बिना। क्या 10 फीसदी आबादी से सुपर पावर बनाएंगे? राहुल बोले, पीएम कहते हैं कि संविधान को खत्म नहीं करेंगे। सीबीआई-ईडी का राजनीतिक प्रयोग करना, लोकतंत्र पर अक्रमण करना, सभी संस्थाओं में आरएसएस के लोगों को रखना, नोटबंदी कर करोड़ों की जिंदगी बर्बाद करना, सेना में अग्निवीर योजना लागू करना यही संविधान पर हमला और उसको खत्म करना है। लखनऊ में को समृद्ध भारत फाउंडेशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में राहुल ने कहा कि राजनीति में दो तरह के लोग होते हैं। एक, जो सुबह से शाम तक सत्ता के लिए दौड़ते हैं। सच्चाई नहीं स्वीकार करते हैं। दूसरे वे लोग होते हैं जो सच्चाई सामने दिख रही है उसको स्वीकार करते हैं। आंबेडकर, गांधी, बुद्ध, पेरियार ने यही किया। राहुल गांधी ने कहा कि पैदा होने से पहले आपका भविष्य तय हो जाता था। आपकी योग्यता, क्षमता, काम को नहीं देखा जाता था। हिंदुस्तान के लोगों को छोटे-छोटे खांचे में बांट दिया जाता था।

राजनीति मेरे लिए नशा नहीं

राहुल ने इस दौरान इमोशनल कार्ड भी खेला। उन्होंने कहा कि एक नेता सुबह उठकर सिर्फ यह सोचता है कि सत्ता कैसे मिलेगी। मेरी उसमें रुचि नहीं है। मेरे लिए राजनीति जनता की मदद करने का औजार है। राजनीति मेरे लिए नशा नहीं है। मैंने अपने दादा-पिता की लाश देखी है। कोई नेता सुबह उठकर सूट-बूट पहनकर, वीडियो बनाता है। मैं स्पष्ट हूं कि मुझे 90 फीसदी लोगों को भागीदारी दिलानी है। उन्होंने खुद को ईडी द्वारा पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर कहा कि मैं वहां गया था ताकि यह देख सकूं कि लोकतंत्र की हत्या कौन कर रहा है। मैं सोच रहा था कि मेरे परदादा ऐसी सेल में 12 साल रहे थे तो मुझे भी 10 साल रहना चाहिए।

संविधान से समाज में आई समानता

सम्मेलन की अध्यक्षता सामाजिक चेतना फाउंडेशन न्यास के संस्थापक इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधीश वीरेंद्र सिंह यादव ने किया। संविधान हमारी समानता और समता को सुनिश्चित करता है। पहले सत्र में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस वंगाला ईश्वर्या ने कहा कि अगर आज संविधान न होता तो ओबीसी, एससी-एसटी और अल्पसंख्यक को उनके हक और अधिकारों को कभी न दिया जाता।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button