परवान नहीं चढ़ी ट्रैफिक सिस्टम को हाईटेक बनाने की योजना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नाकाम
90 करोड़ का बजट हुआ था पास, लगाए गए थे महंगे कैमरे
आईटीएमएस के तहत लागू की जानी थी योजना
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। राजधानी के ट्रैफिक सिस्टम को हाईटेक बनाने की योजना जमीन पर उतरती नहीं दिख रही है। टै्रफिक कंट्रोल के लिए शुरू किया जाने वाला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम आज तक नहीं लागू हो सका। इसके कैमरे ट्रायल में ही फेल हो गए।
इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस ) लखनऊ में लागू किया गया है लेकिन इसमें आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस का काम अभी तक शुरू नहीं हो सका है। हालांकि 90 करोड़ के कैमरे लगाए गए पर यह आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस में असक्षम साबित हो रहे हैं। लखनऊ में सडक़ हादसों को कम करने और ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) लागू करने की योजना बनी थी। बेंगलुरु की तर्ज पर लखनऊ में यह व्यवस्था लागू करने के लिए पुलिस और ट्रैफिक ने एक प्लान बनाया था जिसके तहत 90 करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ। इस बजट से शहर के चौराहों पर आधुनिक सिग्नल, एनपीआर कैमरे और कई तरह के बदलाव किए गए। यह पूरा काम टेक्नोसिस कंपनी ने किया। टेक्नोसिस कंपनी ने लखनऊ के चौराहों पर 155 एनपीआर कैमरे लगाए थे। कैमरों की मदद से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को शुरू करना था लेकिन ट्रायल में यह व्यवस्था फेल साबित हो गई। आज तक यातायात के अधिकारी इस व्यवस्था को राजधानी में शुरू नहीं कर पाए जबकि इन कैमरों की बदौलत ही राजधानी में बेंगलुरु जैसी यातायात व्यवस्था लागू होनी थी। गौरतलब है कि दिल्ली और बेंगलुरु में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से ट्रैफिक का संचालन किया जा रहा है। चौराहों पर लगे उच्च क्वालिटी के कैमरे ट्रैफिक के दबाव को भांप लेते हैं और उसी के अनुसार ट्रैफिक सिग्नल को हरा या लाल कर देते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में कैमरे ज्यादा ट्रैफिक देख सिग्नल को हरा कर देते हैं और जिधर ट्रैफिक कम होता है वहां सिग्नल लाल कर देते हैं। ऐसे में कैमरे में लगे सॉफ्टवेयर के द्वारा ट्रैफिक संचालन में बड़ी मदद मिली है लेकिन लगातार बढ़ते हादसों के बावजूद इस व्यवस्था को आज तक जमीन पर नहीं उतारा जा सका है।
की जा रही समीक्षा: एडीजी
एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार का कहना है कि यातायात व्यवस्था में बेहतरी के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। व्यवस्था की खामियों की भी समीक्षा की जा रही है। राजधानी से आईटीएमएस की शुरुआत हो चुकी है। अन्य शहरों में भी इसे शुरू किया जाएगा।
ये हैं सुविधाएं
इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सुविधा बेशक न शुरू हो पाई हो पर ऑनलाइन चालान, नंबर प्लेट को कैमरे से पढऩे आदि की सुविधा शुरू हो चुकी है।
यह रही वजह
विभागीय सूत्रों का कहना है कि यहां लगे कैमरे एक निश्चित दूरी तक वाहनों की संख्या को देख पाते हैं। लखनऊ में चौराहों पर लगने वाले लंबे-लंबे वाहनों की लाइनों को यह कैमरे देख नहीं पा रहे हैं जिसकी वजह से यह व्यवस्था अभी तक नहीं शुरू हो पाई।