यूपी बीजेपी व सरकार में कलह के बाद मचा सियासी कोहराम

  • कांवड़ यात्रा पर पुलिस के फरमान पर भी बवाल
  • विपक्ष ने योगी सरकार और भाजपा पर किए प्रहार
  • सपा प्रमुख का तंज- मानसून ऑफर है-100 लाओ और सरकार बनाओ
  • बीजेपी ने सपा पर किया पलटवार
  • यूपी का सौहार्द बिगाडऩा चाहती है बीजेपी, कोर्ट संज्ञान ले और कार्रवाई करे : अखिलेश

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भाजपा संगठन व सरकार के बीच चल रही रस्साकशी की खबरें आने के बाद बीजेपी विपक्ष के निशाने पर आ गई है। बीजेपी की अंदरुनी कलह पर तो सियासत गरमाई ही है अब योगी सरकार के कावंड यात्रा पर लिए गए फैसले को लेकर भी विपक्ष ने घेर लिया है। भाजपा ने भी पलटवार करते हुए कहा कि कभी संघर्ष किया होता तो ऐसी बाते न करते पूर्व सीएम।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा में राजनीतिक चर्चाओं के बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा है कि मानसून ऑफर है-100 लाओ और सरकार बनाओ। राजनीतिक सूत्रों के अनुसार, अगर भाजपा में कोई भी नेता 100 विधायकों का समर्थन जुटा लेता है तो सपा मुख्यमंत्री पद के लिए उसे समर्थन दे सकती है। इसे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से जोड़कर देखा जा रहा है। केशव प्रसाद मौर्य ने भी अखिलेश को घेरा है।

लौट के बुद्धू घर को आए : अखिलेश

दिल्ली से केशव के लखनऊ लौटने पर अखिलेश ने कटाक्ष भी किया है- लौट के बुद्धू घर को आए। यहां बता दें कि केशव प्रसाद मौर्य ने भी बुधवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर एक्स के जरिये हमला बोलते हुए उन्हें सपा बहादुर की संज्ञा देते हुए कहा था कि यूपी और केंद्र दोनों ही जगह मजबूत सरकार है। 2017 की तरह 2027 में भी हम यूपी में सरकार बनाएंगे। उन्होंने सपा के पीडीए को धोखा करार दिया था।

मुजफ्फरनगर पुलिस का फरमान सामाजिक अपराध : सपा प्रमुख

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा जारी किए गए आदेश को सामाजिक अपराध बताया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट को ऐसे मामलों का स्वत: संज्ञान लेना चाहिए और जांच करवाकर दंडात्मक कार्रवाई करनी चाहिए। मुजफ्फरनगर पुलिस ने कांवड़ यात्रा को लेकर जारी किए गए फरमान में कहा है कि सभी दुकानदार दुकान के बाहर अपना नाम जरूर लिखें। ऐसे आदेश सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाडऩा चाहते हैं। जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा?

अयोध्या में अवैध तरीके से करोड़ों के भुगतान, जांच की जाए : अजय राय

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मंत्री अजय राय ने गुजरात की कंपनी को अवैध तरीके से करोड़ों रुपये के भुगतान का आरोप लगाया है। उन्होंने पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। अयोध्या नगर निगम द्वारा बिना टेंडर आउटसोर्सिंग के गुजरात से जुड़ी एक कंपनी को पिछले तीन सालों से करोड़ों का अवैध तरीके से भुगतान किया गया। उन्होंने लिखा कि एबी इंटरप्राइजेज नामक कंपनी का पता मेहसाणा गुजरात का है। इस कंपनी के जरिए तीन साल से बिना टेंडर के हजारों आउट सोर्सिंग कर्मचारियों को विस्तार दिया जा रहा है। 2020-2021 में इसका पहली और अंतिम बार टेंडर हुआ था, तब से कोई टेंडर न देकर इसको विस्तार पर विस्तार देकर रुपये डकारे जा रहे हैं।

खुद की कोई कुव्वत नहीं, ऑफर बांटते फिर रहे : भाजपा

अखिलेश के इस पोस्ट के जवाब में बीजेपी की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है। बीजेपी नेता आलोक अवस्थी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए अखिलेश यादव को जवाब दिया। उन्होंने लिखा कि अगर संघर्ष कर पार्टी खड़ी की होती तो आज ऑफर नहीं देने पड़ते। पार्टी पर कब्जा करने वाले अखिलेश के राज को जनता भूलीनहीं है,अपराधियों, बलात्कारियों, लव जिहादियों, आतंकवादियों, भूमाफियों, रंगदारों, भ्रष्टचारियों, युवाओं के रोजगार ठगने वालों की समर्थक सरकार को जनता ने ठिकाने लगाया है आगे भी लगाएगी। इसलिए ऑफर बांटते फिर रहे हैं, क्यों की खुद की कोई कुव्वत नहीं है।

नीट पेपर लीक में सीजेआई ने पूछे तीखे सवाल

  • चंद्रचूड़ बोले- फैक्ट्स पर बात करें, छात्र फैसले का कर रहे इंतजार
  • सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि नीट-यूजी 2024 की दोबारा परीक्षा केवल ठोस आधार पर ही संभव हो सकती है क्योंकि मेडिकल प्रवेश परीक्षा की पवित्रता बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने यह सख्त टिप्पणी तब की जब उनकी अगुवाई वाली पीठ ने एनईईटी-यूजी विवाद से संबंधित कथित कदाचार और अनियमितताओं से संबंधित 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की। मुख्य न्यायाधीश ने याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील नरेंद्र हुडा से कहा कि यह स्पष्ट करना होगा कि पेपर लीक इतना व्यवस्थित था और इसने पूरी परीक्षा को प्रभावित किया, जिससे पूरी परीक्षा को रद्द करना जरूरी हो गया।

हम दोबारा परीक्षा का आदेश नहीं दे सकते : चंद्रचूड़

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान कहा, केवल इसलिए कि 23 लाख में से केवल 1 लाख को ही प्रवेश मिलेगा, हम दोबारा परीक्षा का आदेश नहीं दे सकते। दोबारा परीक्षा इस आधार पर होनी चाहिए कि पूरी परीक्षा प्रभावित हो। सुप्रीम कोर्ट ने पेपर लीक विवाद के सामाजिक प्रभाव को रेखांकित करते हुए गूगल बनाम भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) और आयकर रिटर्न से संबंधित मामलों पर एनईईटी सुनवाई को प्राथमिकता दी। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि लाखों छात्र इस मामले में नतीजे का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि पीठ ने अन्य मामलों को स्थगित कर दिया।

एनटीए ने सभी अभ्यार्थियों का रिजल्ट घोषित नहीं किया : याचिकाकर्ता के वकील

मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने अपनी दलील में कहा कि एनटीए ने सभी अभ्यार्थियों का रिजल्ट घोषित नहीं किया है। जबकि दूसरी परीक्षाओं में ऐसा नहीं किया गया है। इसपर सीजेआई चंद्रचूड़ ने पूछा कि सरकारी कॉलेजों में कितनी सीटें हैं। याचिकाकर्ता के वकील ने जवाब दिया कि कुल सीटों की संख्या 56 हजार हैं। ऐसे में कम से कम एक लाख छात्रों का रिजल्ट घोषित किया जाना चाहिए। इसपर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि क्या आपके हिसाब से कुछ लोग 1 लाख 8 हजार के केटेगरी में आ गए है? आप पहले फैक्ट्स पर बात करें।

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