महिला अपराध व स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सपा ने योगी सरकार को घेरा 

विधानसभा के मानसून सत्र का दूसरा दिन भी रहा हंगामेदार

सीएम व नेता प्रतिपक्ष में नोकझोंक, माता प्रसाद ने उठाया मुद्दा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में मानसून सत्र का दूसरा दिन भी हंगामेदार रहा। मंगलवार को प्रदेश में महिला और बच्चों की सुरक्षा पर समाजवादी पार्टी ने सरकार को घेरने की कोशिश की। हालांकि उस पर सीएम योगी ने कहा उनकी सरकार जब ऐंटी रोमियो स्क्वॉड लेकर आई थी, तो समाजवादी पार्टी ने विरोध किया था। हालत यह है कि महिला अपराधों से जुड़े ज्यादातर मामलों में समाजवादी पार्टी के लोग डायरेक्ट या इनडायरेक्ट तौर पर शामिल हैं।
उन्होंने तंज भी कसा। महिला सुरक्षा के लिए समाजवादी खुद गंभीर खतरा हैं, अखिलेश और अपनी सरकार के आकंड़े गिनाते हुए कहा कि स्थिति अब कई गुना बेहतर है, सदन में समाजवादी पार्टी की विधायक डॉक्टर रागिनी सोनकर ने मुद्दा उठाया था।

सरकार ने ठोस कदम उठाए : सीएम योगी

महिला और बाल सुरक्षा और यौन शोषण से मुद्दे केवल बाहर से ही नहीं होते हैं। घर के अंदर भी और घर के बाहर भी, इन दोनों को मुद्दों को ध्यान में रखकर सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं। महिला संबंध अपराध को जिसमें घरेलू हिंसा से लेकर यौन हिंसा की तुलना करूं, तो 2016 की तुलना में दहेज जैसी घटना 23-24 के बीच में साढ़े 17 प्रतिशत की कमी आई है। बलात्कार की घटनाओं में 25.30 प्रतिशत की कमी आई है। 17 से 2024 के बीच में उनके खिलाफ यौन उत्पीडऩ के मामले में सरकार ने अपनी प्रॉसिक्यून विंग को मजबूत किया है। 24 हजार 402 मामलों में भी तक सजा दिलाई जा चुकी है। 17 से 24 के बीच में पास्को के तहत 9875 अभियोगों में सजा दिलाई गई है। महिलाओं के खिलाफ पास्को अधिनयम 2022 से 24 के मध्य में महिलाओं के खिलाफ पास्को के तहत 16718 को सजा हुई है। इसमें 21 को मृत्युदंड हुई है।

भाजपा के गच्चा देने से सपा आगे चली गई : शिवपाल

सीएम योगी ने नेता प्रतिपक्ष और सपा नेता माता प्रसाद पांडेय की ओर संकेत करते हुए कहा कि चाचा को फिर गच्चा दे दिया गया। उन्होंने अखिलेश यादव के उस फैसले पर तंज कसा जिसमें सिद्धार्थनगर स्थित इटवा से विधायक माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया गया है। इसके जवाब में शिवपाल ने कहा कि देखिए हमको गच्चा नहीं मिला है, पांडेय जी बहुत सीनियर हैं। हम लोग समाजवादी हैं, आपकी (स्पीकर सतीश महाना) तरफ से भी हमने कहीं न कहीं कुर्सी की तरफ इशारा किया था। मेरी कुर्सियां बदलती रहीं। मैं कहना चाहचा हूं तीन वर्ष मैं आपके संपर्क में रहा तो गच्चा तो आपने भी दिया। शिवपाल का इतना कहना था कि पूरे सदन में ठहाके लगने लगे। उन्होंने कहा कि जब आपने गच्चा दिया तो आप पीछे चले गए और सपा आगे चली गई। अब देख लेना 2027 में सपा फिर से आगे आएगी और आपके जो डिप्टी सीएम हैं वो आपको फिर गच्चा देंगे. 2027 में समाजवादी पार्टी सत्ता में आएगी और मैं मुख्यमंत्री को बताना चाहता हूं की आपके डिप्टी सीएम 2027 में आपको फिर से गच्चा देंगे।

हमारी आवाज दबाई जा रही है: रागिनी

यूपी विधानसभा में समाजवादी पार्टी विधायक रागिनी सोनकर महिला और बाल अपराधों पर योगी सरकार को घेरने की कोशिश। समाजवादी पार्टी विधायक ने योगी सवाल किया कि यूपी में आए दिन महिलाओं और बच्चों का यौन शोषण बढ़ता ज रहा है। उन्होंने कहा कि जवाब में सीएम ने खुद इस बात को माना है, आप खुद इस बात को मानते हैं कि बच्चों और महिलाओं के उत्पीडऩ में यूपी टॉप पर हैं, सवाल उठाने पर हमें कहा जाता है कि आपने क्या किया। तब लोग इस पर प्रदर्शन करते थे, लेकिन आज आवाज दबाई जा रही है। 2017 से 2023 तक महिलाओं के यौन शोषण और बच्चों पर अत्याचार के कितने केस दर्ज किए गए और सरकार ने उनकी मदद के लिए क्या काम किया।

वायनाड भूस्खलन पर संसद में चर्चा

बीजेपी अध्यक्ष नड्डा व नेता प्रतिपक्ष ने उठाया मुद्दा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसदों ने वायनाड भूस्खलन पर दोनों सदनों में चर्चा की मांग की। वहीं कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने आज लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस देकर सीमा की स्थिति और चीन के साथ भारी व्यापार घाटे पर चर्चा की मांग की है। इससे पहले सोमवार को संसद के दोनों सदनों में केन्द्रीय बजट पर चर्चा हुई थी।
वहीं आज की कार्रवाई में केरल के वायनाड में हुए भीषण भूस्खलन में 60 लोगों की मौत के बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्यसभा को संबोधित किया। नड्डा ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता भूस्खलन में फंसे लोगों को बचाना है।

सरकार की प्राथमिकता भूस्खलन में फंसे लोगों को बचाना : नड्डा

केरल के वायनाड में हुए भीषण भूस्खलन में 60 लोगों की मौत के बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्यसभा को संबोधित किया। नड्डा ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता भूस्खलन में फंसे लोगों को बचाना है।

भूस्खलन संभावित क्षेत्रों की मैपिंग हो : राहुल गांधी

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि भूस्खलन संभावित क्षेत्रों की मैपिंग करने और पारिस्थितिक रूप से नाजुक हिस्सों में प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए इनसे निपटने के लिए कार्य योजना बनाए जाने की आवश्कता है। इसके साथ ही राहुल गांधी ने वायनाड भूस्खलन में मारे गए लोगों के परिवारों को तत्काल मुआवजा देने की मांग की है। वह कल वायनाड का दौरा कर सकते हैं।

धरना

दिल्ली के राजेंद्र नगर कोचिंग हादसे के विरोध में स्टूडेंट्स का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। इसी क्रम में आज राजधानी के लविवि पर एनएसयूआई के छात्रों ने किया प्रदर्शन।

लोकसभा चुनाव: वोटों की गिनती में हुआ गड़बड़झाला!

538 सीटों पर एडीआर की रिपोर्ट में खुलासा, डाले गए और गिने गए वोटों में अंतर
विपक्ष ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 में 538 सीटों में पड़े कुल वोटों और गिने गए वोटों की संख्या में अंतर का दावा किया गया है। यह दावा एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स (एडीआर) ने किया है। इस रिपोर्ट के बाद सियासत भी गरमा गई है। विपक्ष ने चुनाव आयोग पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि चुनाव आयोग की ओर से अभी काई प्रतिक्रिया नहीं आई है। सपा नेता व अयोध्या के सांसद ने कहा है कि अगर ठीक से गिनती की गई होती तो इंडिया गठबंधन की सीटें और ज्यादा आतीं।
उधर एडीआर के संस्थापक प्रो. जगदीप छोकर ने रिपोर्ट जारी करते हुए दावा किया कि 362 सीटों पर डाले गए कुल मतों से 5 लाख 54 हजार 598 वोट कम गिने गए हैं। वहीं, उन्होंने आगे कहा कि 176 सीटों पर डाले गए कुल 35 हजार 93 वोट अधिक गिने गए हैं। एडीआर रिपोर्ट के मुताबिक,साल 2019 के आम चुनाव की तुलना में 2024 के लोकसभा चुनाव में डाले गए कुल मतों और गिने गए वोटों की संख्या में काफी अंतर है। प्रो. जगदीप छोकर ने लोकसभा चुनाव में हो रही गड़बडिय़ों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस चुनाव में मतदान का अंतिम आंकड़ा जारी करने में अत्याधिक देरी और मतदान केंद्रों के अलग-अलग आंकड़ों का अभाव और अंतिम मिलान किए गए आंकड़ों के आधार पर चुनाव परिणाम जारी किए गए या नहीं? ये सभी सवाल देश की जनता के मन में उठ रहे हैं।

सवालों के जवाब नहीं दे पा रहा आयोग

एडीआर की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चुनाव आयोग ने काउंटिंग के आखिरी डेटा को अब तक जारी नहीं किया है। वहीं, आयोग अब तक डाले गए वोट और गिने हुए वोट में अंतर पर जवाब देने में असमर्थ है। मत प्रतिशत में वृद्धि कैसे हुई है। इसकी जानकारी अब तक सामने नहीं आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आम चुनाव 2024 के परिणामों में 538 संसदीय क्षेत्रों में डाले गए और गिने गए मतों में काफी विसंगतियां सामने आईं, अमरेली, अत्तिंगल, लक्षद्वीप और दादरा नगर हवेली एवं दमन दीव को छोडक़र।

सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम-वीवीपैट सत्यापन फैसले की समीक्षा की मांग वाली याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के वोटों का उनके संबंधित वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों के साथ 100 प्रतिशत सत्यापन की मांग को खारिज करने वाले अपने पहले के फैसले पर पुनर्विचार की मांग वाली एक समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया। जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने फैसला सुनाया कि अदालत के 26 अप्रैल के फैसले की समीक्षा करने के लिए कोई ठोस आधार नहीं है, जिसने वीवीपीएटी पर्चियों के साथ ईवीएम वोटों के पूर्ण सत्यापन की याचिका को पहले ही खारिज कर दिया था। अपने संक्षिप्त आदेश में, पीठ ने कहा, हमने समीक्षा याचिका का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया है और 26 अप्रैल, 2023 के फैसले की समीक्षा के लिए कोई मामला नहीं पाया है।
तदनुसार समीक्षा याचिका खारिज की जाती है। अरुण कुमार अग्रवाल द्वारा दायर की गई समीक्षा याचिका में तर्क दिया गया है कि 26 अप्रैल के फैसले में गलतियाँ और त्रुटियाँ स्पष्ट हैं। समीक्षा याचिका में कहा गया था, यह कहना सही नहीं है कि परिणाम में अनुचित रूप से देरी होगी (ईवीएम वोटों को वीवीपीएटी पर्चियों से मिलान करके) या आवश्यक जनशक्ति पहले से तैनात जनशक्ति से दोगुनी होगी… मतगणना हॉल की मौजूदा सीसीटीवी निगरानी यह सुनिश्चित करेगी कि वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती में हेरफेर और शरारत न हो।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button